फर्जी डॉक्टर को दमोह पुलिस ने इलाहाबाद में दबोचा
दमोह। मिशन अस्पताल में बड़े फर्जी बाड़े के चलते सात हार्ट के मरीजों की मौत के बाद मामले की जांच में लीपा पोती के सभी प्रयास विफल हो चुके है। वही मामले को दबाने की भरसक कोशिश में लग रहे जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आखिरकार बीती रात कोतवाली पहुंचकर फर्जी डॉक्टर की रिपोर्ट दर्ज करना पड़ी थी।
मिशन अस्पताल में फर्जी डॉक्टर के इलाज से सात हृदय रोगी मरीजों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), नई दिल्ली से एक तीन सदस्यीय टीम जांच के लिए दमोह पहुंची है। यह टीम 7 से 9 अप्रैल तक जिले में रहकर पूरे प्रकरण की गहन जांच करेगी। सोमवार को दिल्ली से दमोह पहुंची राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम मिशन अस्पताल में जांच पड़ताल में जुटी रही थी वहीं शाम होते-होते उपरोक्त फर्जी डॉक्टर के प्रयागराज इलाहाबाद में टाउनशिप एरिया से गिरफ्तारी की खबर सामने आई है। फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव की प्रयागराज से गिरफ्तारी की दमोह एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने पुष्टि कर दी है।
सोमवार को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम ने दमोह के सर्किट हाउस में कलेक्टर सुधीर कोचर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश जैन, शिकायतकर्ता और मृतकों के परिजनों के साथ चर्चा की। यह मामला तब प्रकाश में आया जब एक व्यक्ति, जो खुद को लंदन के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट एनकेम जॉन के नाम से पेश कर रहा था, ने दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच मिशन अस्पताल में 15 हार्ट सर्जरी कीं, जिनमें से सात मरीजों की मौत हो गई। शिकायतकर्ता और बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दीपक तिवारी ने इसकी शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद एनएचआरसी ने संज्ञान लिया।
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