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मीडिया में बयानबाजी महंगी पड़ी.. दमोह नगर पालिका CMO प्रदीप शर्मा सागर अटैच, JD का तीन दिन के नोटिस के दूसरे ही दिन अटैचमेंट आदेश.. इधर एक और कर्मचारी की सेवाएं समाप्त..

दमोह नगर पालिका सीएमओ प्रदीप शर्मा सागर अटैच 

दमोह। दमोह नगर पालिका के सीएमओ प्रदीप शर्मा को आखिरकार सागर नगर निगम अटैच कर दिया गया है उनकी जगह पन्ना की गुनोर नगर पालिका के CMO रामचरण अहिरवार को दमोह नगर पालिका का प्रभारी सीएमओ बनाया गया है। यह कार्रवाई ऐसे समय पर की गई है जब दमोह में नगर पालिका के कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है तथा कुछ हिंदू संगठनों के द्वारा सीएमओ के खिलाफ कार्यवाही को मांग को लेकर 19 अप्रैल को चक्का जाम प्रस्तावित किया गया था।
दमोह नगर पालिका में कुछ नेता नुमा ठेकेदारों तथा कुछ अधिकारी कर्मचारी के बीच चल रहे कथित भ्रष्टाचार के खेल को फेल करने के चक्कर में चर्चाओं में आए CMO प्रदीप शर्मा की कार्य प्रणाली को आम नागरिकों का समर्थन मिलता नजर आ रहा था। वहीं घटिया फर्जी निर्माण की विसात पर कमाई करते आ रहे कुछ तथा कथित पार्षद प्रतिनिधियों के मंसूबो पर पानी फिरता नजर आने लगा था। इस बीच हिंदू नव वर्ष की पूर्व बेला में घंटा घर पर भगवा ध्वज लगाए जाने को लेकर कथित आपत्ति की आशंका में सीएसपी अभिषेक तिवारी की सूचना पर नगर पालिका सीएमओ प्रदीप शर्मा ने कुछ कर्मचारियों को संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत जांच कार्यवाही करने को भेजा था। 
जिस पर हिंदू संगठन के कुछ पदाधिकारी के साथ अनेक पार्षदों ने आपत्ति जताते हुए घंटाघर पर चका जाम प्रदर्शन के हालात निर्मित कर दिए थे। बाद में छुटटू यादव तथा विवेक अग्रवाल ने सीएमओ आवास के बाहर प्रदीप शर्मा के चेहरे पर काली स्याही पोतकर उनको सनातन विरोधी करार देने का प्रयास किया था। मामले की लिखित शिकायत पुलिस तथा मामला कलेक्टर तक पहुंचने पर कलेक्टर ने 3 सदस्य जांच टीम गठित करके 10 अप्रैल तक रिपोर्ट देने को कहा था। कलेक्टर द्वारा उक्त माहौल में तत्काल कार्रवाई के बजाए जांच टीम के गठन पर भी सवाल उठाए गए थे।

इधर उपरोक्त जांच के बाद कालिख कांड को लेकर दोनों आरोपियों के खिलाफ कोतवाली में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था। जबकि सीएमओ के खिलाफ हिंदू भावनाओं की खिलवाड़ को लेकर कार्रवाई की मांग को लेकर 19 अप्रैल को बाईपास पर चक्का जाम प्रदर्शन की घोषणा की गई थी। इधर 11 अप्रैल से वेेतन व विभिन्न मांगों को लेकर नगर पालिका के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। जिससे एक सप्ताह से नगर की सफाई व्यवस्था अस्त व्यस्त पड़ी हुई है। जिसको लेकर उम्मीद की जा रही थी की कलेक्टर महोदय इसमें हस्तक्षेप करके हड़ताल समाप्त कराने का प्रयास करेंगे लेकिन लगातार साप्ताहिक सफाई अभियान की अगुवाई करने वाले अधिकारी की तरफ से ऐसी कोई भी पहल देखने को नहीं मिली।
सीएमओ को मीडिया से चर्चा करना महंगा पड़ गया..!
इधर कलेक्टर द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट के पहले ही सीएमओ प्रदीप शर्मा ने जांच टीम को दिए गए बयानों को कुछ मीडिया कर्मियों से चर्चा के दौरान भी उजागर कर दिए। जिसमें नगर पालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार घटिया निर्माण की कलई खोलते हुए कुछ पार्षद प्रतिनिधियों व कुछ कर्मचारियों पर आरोप लगाए थे। जिसको लेकर कुछ पार्षदों के द्वारा कलेक्टर से लेकर नगरीय प्रशासन विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत भेजते हुए  सिविल सेवा आचरण संहिता का उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी। 
संयुक्त संचालक के नोटिस के जवाब के पहले अटैचमेंट
जिस पर कलेक्टर कार्यालय से 11 अप्रैल को भेजे गए पत्र के आधार पर संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन राजेश श्रीवास्तव के द्वारा 16 अप्रैल को सीएमओ प्रदीप शर्मा को एक नोटिस जारी करते हुए 3 दिन में जवाब देने को कहा गया था। लेकिन तीन दिन होने के पहले ही 17 अप्रैल को एक अन्य नोटिस जारी करते हुए उनको सागर नगर निगम में अटैच करके गुनोर नगर पालिका के सीएमओ राम चरण अहिरवार को दमोह में पदस्थ करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।  माना जा रहा है 19 अप्रैल को सीएमओ के खिलाफ होने वाले चका जाम के दबाव में यह कार्रवाई की गई है।
16 एवं 17 अप्रैल को जॉइंट डायरेक्टर के दो आदेश जारी
1 दिन के अंदर से जारी हुए उपरोक्त दोनों नोटिस में जहां अलग-अलग वजह बताई गई है वही 19 अप्रैल के प्रस्तावित चका जाम के पहले जारी उपरोक्त आदेश चर्चा का विषय बन गए हैं। यदि नगर पालिका की कर्मचारियों की मांगों को पूरा कर उनकी हड़ताल को समाप्त करने को लेकर यदि इस तरह के आदेश आते तो लोगो को राहत मिलती लेकिन 29 मार्च के मामले को लेकर कलेक्टर द्वारा गठित जांच टीम की रिपोर्ट में घंटाघर ध्वज मामले में कुछ भी साफ तौर पर सामने नहीं आया था। फिर भी उपरोक्त मामले में सीएमओ को दमोह से हटाया जाना उन लोगों की जीत कहा जा सकता है जो सीएमओ को नगर पालिका में पदस्थ रहने नहीं देना चाहते थे। तथा जिनके बारे में मीडिया से चर्चा के दौरान प्रदीप शर्मा ने खुलकर बहुत कुछ कहा था।
सीएमओ ने एक और कर्मचारी की सेवाएं समाप्त की. दमोह नगर पालिका के सीएमओ प्रदीप शर्मा को सागर अटैच किए जाने का पत्र 17 अप्रैल की शाम के बाद सामने आया है वही उसके पूर्व उनके द्वारा नगर पालिका के दैनिक वेतन भोगी स्थाई कर्मी मनोज राठौर की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त करने के आदेश जारी किए है।
सीएमओ प्रदीप शर्मा द्वारा 17 अप्रैल को दिन में जारी करते हुए उपरोक्त आदेश में मनोज राठौर के क्रियाकलाप को लेकर गंभीर टिप्पणियां की है। वहीं अब देखना होगा कि प्रभारी सीएमओ बनकर आ रहे रामचरण अहिरवार इन विपरीत परिस्थितियों में नगर पालिका का संचालन किस तरीके से कर पाते हैं नगरपालिका के कर्मचारियों की वेतन आदि समस्याओं का समाधान कब तक करके उनकी हड़ताल कब तक समाप्त कर पाते है।  तथा प्रभारी सीएमओ को नगर पालिका के पार्षद प्रतिनिधि वह अन्य जिम्मेदार कब तक अपने रंग में रंग पाते हैं..

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