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दमोह कोर्ट ने आरोपी फर्जी डॉक्टर एन जॉन कैम की रिमांड 4 दिन के लिए बढाई.. कानपुर और आंध्र प्रदेश की डिग्री सहित मेडिकल डॉक्यूमेंट का सत्यापन बाकी..

कोर्ट ने आरोपी फर्जी डॉक्टर की रिमांड 4 दिन बढाई

दमोह। मिशन अस्पताल फर्जी डॉक्टर के इलाज से 5 हृदय रोगियों की मौत का मामला 5 दिन की रिमांड खत्म होने के बाद पुलिस ने आज रविवार को स्पेशल कोर्ट में आरोपी डॉक्टर एन जॉन कैम उर्फ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को न्यायालय में किया पेश,आरोपी के अधिवक्ता ने न्यायालय में अपना पक्ष रखा और जमानत की मांग की वही पुलिस ने पूंछतांछ के लिए और समय मांगा जिस पर 4 दिन की और रिमांड बढाई गई।
डॉ के अधिवक्ता सचिन नायक ने बताया कि न्यायालय द्वारा याचिका खारिज कर दी है और 4 दिन की पुलिस रिमांड 17 अप्रैल तक बड़ा दी है।  पुलिस के द्वारा न्यायालय में कहा गया कि अभी जांच बाकी है इसलिए रीमांड और बढ़ाई जाए जिसके चलते न्यायालय ने  विवेचक को जांच में कोई परेशानी ना हो इसलिए 4 दिन की पुलिस रिमांड और बढ़ा दी है। अब हम सेशन न्यायालय में जमानत आवेदन प्रस्तुत करेंगे। एडीपीओ संजय रावत ने बताया कि डॉक्टर नरेंद्र यादव उर्फ एन जॉन केम को 5 दिन की पुलिस रिमांड के बाद पुलिस के द्वारा रविवार को न्यायालय में पेश किया गया था। पुलिस ने आगे की जांच के लिए 5 दिन की और रिमांड मांगी थी जिसे न्यायालय ने चार दिन के लिए बढ़ा दिया है और 17 अप्रैल तक आरोपी को पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
पुलिस के द्वारा कहा गया कि अभी इसमें जांच और बाकी है क्योंकि इसकी जो एमबीबीएस की डिग्री या जो आंध्र प्रदेश की डिग्री है इसका सत्यापन होना है।  इसका कानपुर में घर है। आरोपी के जो दो नाम है नरेंद्र यादव और एन जॉन केम साथ ही प्रयागराज में जो डिग्रियां प्राप्त हुई है। इसकी नौकर द्वारा डिग्रियों को खुर्दबुर्द  किया गया है। पुलिस को द्वारा न्यायालय को इन चीजों से अवगत कराया गया। इसके द्वारा अलग-अलग राज्यों में इलाज किया गया है साथ ही इसके फर्जी पासपोर्ट भी प्राप्त हुए हैं वह भी अलग-अलग नाम से है। इसके लिए मेल करके हमें जानकारी प्राप्त करना है। अलग-अलग राज्यों में और फॉरेन कंट्री में भी हमें पता करना पड़ेगा। इसलिए पुलिस के द्वारा 5 दिन की रिमांड मांगी गई थी जिसे न्यायालय चार दिन के लिए बढ़ा दिया है। इसके आगे हमें और जरूरत पड़ेगी क्योंकि नए कानून बीएनएस के तहत 60 दिन का समय है। ऋषिकेश में भी आरोपी का पैतृक घर है। कानपुर और आंध्र प्रदेश से भी इसकी डिग्री है तो वहां से भी हमें इसे सत्यापित करना है और मेडिकल काउंसिल से भी हमें बात करनी है इसलिए जांच में समय लगेगा।  क्योंकि कड़ियां बहुत लंबी है। डॉक्टर के द्वारा जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है इसके मेडिकल डॉक्यूमेंट को सत्यापित करने में समय लग रहा है इसलिए पुलिस रिमांड के दौरान काफी जानकारियां पुलिस को प्राप्त हो सकेंगी।

एसपी ने एसआईटी टीम की गठित, कराना चाहते हैं नार्कों टेस्ट.. पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने मीडिया को बताया आरोपी के प्रयागराज वाले फ्लैट से फर्जी डॉक्यूमेंट बनाने की एक पूरी लेब मिली है जिसमें प्रिंटर , वॉटरमार्क पेपर,कई तरह की सील बरामद हुई है, कानपुर के पुस्तैनी घर से इनका लंबे समय से कोई संबंध नहीं है, कानपुर के सभी दस्तावेज नरेंद्र यादव नाम से असली है और पहले ही प्रयास में नरेंद्र यादव का एम बी बी एस में सिलेक्शन हुआ था, MBBS की डिग्री असली है और ये होशियार विद्यार्थी रहे है, जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेटिंग टीम का गठन कर दिया गया है, आगे पुलिस रिमांड की जरूरत नहीं है पर नारकोटेस्ट के लिए लिखा गया है। नरेंद्र यादव ने विदेश में कुछ डिग्री जमा होने की बात भी की है जो बुलाने का प्रयास किया जा रहा है।लंबे समय इनका विदेश भी जाना आना हुआ है और विदेश में रुतबा जमाने के लिए वा IMA ने नोएडा में इसी तरह की फेक डिग्री दिखने पर पांच साल तक प्रैक्टिस पर पाबंदी लगाई थी इस लिए इन्होंने अपना नाम एन जॉन केम रखा।

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