Ticker

6/recent/ticker-posts

गले में सिक्का फसे मासूम के इलाज के लिए दिन भर परेशान होता रहा आदिवासी परिवार.. जिला अस्पताल में गरीब मरीज के परिवार की भावनाओं से खिलवाड़ का एक ओर मामला उजागर..

गले में सिक्का फसे मासूम के इलाज के लिए दिनभर परेशान होता रहा आदिवासी परिवार

दमोह। जिला अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है, इस बार एक अजीब और चौंकाने वाले घटना के कारण। ताजा मामला जबेरा ब्लॉक के डेलनखेड़ा गांव से है, जहां मंगलवार को 4 वर्षीय नाबालिग बच्चे ने सिक्का निगल लिया। परिजन बच्चे को लेकर जबेरा हॉस्पिटल पहुंचे, जहां डॉक्टर ने बच्चे को दमोह डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल रेफर कर दिया। 
जब बच्चा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचा, तो गले की एक्स-रे जांच से यह साफ हो गया कि बच्चे के गले में सिक्का फंसा हुआ था। इसके बाद परिजन बच्चे को ऑपरेशन थ्रेटर की ओर ले गए, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें यह कहकर बाहर का रास्ता दिखा दिया कि डॉक्टर अस्पताल में नहीं हैं और ऑपरेशन अगले दिन सुबह किया जाएगा।
4 साल के सत्यम आदिवासी के परिवार जन मंगलवार को शाम तक जिला अस्पताल में यहां से वहां भटककर परेशान होते रहे।  कहीं भी सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने मीडिया की शरण ली। कुछ पत्रकारों ने जब अस्पताल पहुंचकर मामले की जानकारी ली तो पीड़ित परिवार द्वारा सुनाई गई व्यथा कथा सही निकली। 

इस दौरान शाम 6 बजे तक अस्पताल में कोई भी यह बताने को तैयार नहीं था कि इस मासूम बच्चे के गले मे फसे सिक्के को निकालने के लिए डॉक्टर साहब कब आएंगे। कुल मिला कर यह घटना अस्पताल की लापरवाही और इलाज में देरी की ओर इशारा करती है, जिससे न केवल परिजनों की चिंता बढ़ी, बल्कि अस्पताल की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।  मीडिया के द्वारा इस तरह के मामले व्यवस्था में सुधार हेतू प्रशासन के संज्ञान लाने हेतु प्रकाशित किए जाते हैं। लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के बजाय खबरों के खंडन मंडन में जुट जाता है। देखना होगा इस मामले में क्या खंडन किया जाता है..

Post a Comment

0 Comments