दमोह सांसद राहुल सिंह ने गेहूं की हार्वेस्टिंग करके प्रधानमंत्री के मन की बात सुनी.. इधर मंत्री धर्मेंद्र सिंह ने विक्रमोत्सव सृष्टि आरंभ सूर्योपासना से नाट्य महोत्सव का शुभारंभ किया
सांसद ने खेतों में गेहूं की फसल की हार्वेस्टिंग की
दमोह। सांसद राहुल सिंह लोधी ने हिंदू नववर्ष के प्रारंभ पर, फार्म हाउस
पहुंचकर गेहूं की फसल की हार्वेस्टिंग की। सांसद जी का कहना है कि माँ
अन्न पूर्णा की कृपा से नई फसल का आगमन मन को प्रसन्नता दे रहा है। आज
प्रातः खेत में पहुंचकर, स्वयं के द्वारा हार्वेस्टर चलाकर गेहूं की
हरवेस्टिंग की।
सांसद राहुल सिंह लोधी ने नई तकनीक स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (sms) सहित
हार्वेस्टर का उपयोग किया जिससे भूसा भी हरवेस्टिंग के साथ-साथ निकलता
जाता है। जिसके फल स्वरुप गेहूं की हार्वेस्टिंग के पश्चात नरवाई को खत्म
करने के लिए किसान भाइयों को नरवाई को जलाना नहीं पड़ेगा। जिससे मिट्टी में
उपस्थित और फसलों को आवश्यक उर्वरक तत्व नष्ट नहीं होंगे एवं वातावरण को
भी कोई नुकसान नहीं होगा।सांसद जी ने सभी किसान भाइयों से यह अपील की। कि
इसी प्रकार से एक्स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम सहित हार्वेस्टर का उपयोग फसलों
की हारवेस्टिंग में अवश्य करें। अन्नपूर्णा माँ की कृपा हम सब पर बनी रहे।
सांसद ने प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम को सुना.. दमोह।
सांसद राहुल सिंह लोधी ने नया बाजार वार्ड नंबर 5, दमोह के बूथ क्रमांक
121 एवं 122 से देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के "मन की
बात" कार्यक्रम के 120 वें संस्करण को सुना।
इस
अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि गौरव पटेल, पूर्व सांसद प्रतिनिधि
नरेंद्र बजाज, भाजपा जिला महामंत्री गोपाल पटेल, भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश
कार्य समिति सदस्य श्रीमती नर्मदा सिंह, जिला मीडिया प्रभारी राघवेंद्र
सिंह परिहार, भाजपा मंडल अध्यक्ष राजेंद्र चौरसिया, भाजपा जिला उपाध्यक्ष
संजय यादव, भाजपा आईटी सेल जिला संयोजक रिंकू गोस्वामी, जिला पंचायत सदस्य
प्रतिनिधि धर्मेंद्र पटेल, किसान मोर्चा मंडल अध्यक्ष बिहारी पटेल, भाजपा
पूर्व मंडल अध्यक्ष कृष्णा राज, पार्षद संजय कुशवाहा, युवा नेता मोंटी
रैकवार जी, श्याम विश्वकर्मा जी, प्रमोद विश्वकर्मा जी सहित पार्टी के
जेस्ट-श्रेष्ट कार्यकर्तागण एवं वार्ड वासियों की उपस्थिति रही
भाजपा ने सभी बूथ केंद्रो पर सुना मन की बात कार्यक्रम.. दमोह।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो प्रसारण कार्यक्रम मन की बात का 120
वां प्रसारण भारतीय जनता पार्टी द्वारा जिले के सभी बूथ केंद्रों पर सुना
गया। जिलाध्यक्ष श्याम शिवहरे ने दमयंती नगर के
बजरिया वार्ड नंबर 6 के बूथ क्रमांक 86 एवं मोह सांसद राहुल सिंह लोधी ने
दीनदयाल नगर मंडल के नया बाजार वार्ड नंबर 5 के बूथ क्रमांक 121 एवं 122 से
"मन की बात" कार्यक्रम के 120 वें संस्करण को सुना।
जिलाध्यक्ष
श्याम शिवहरे ने कहा कि जैसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन
में कहा है कि अलग-अलग पर्व-त्योहारों को लेकर देशभर में जबरदस्त उत्साह
है, जो हमारी विविधता में एकता का सशक्त प्रतीक है। हमें इस भावना को
निरंतर मजबूत करते चलना है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं
ने सदैव राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ कार्य किया है। प्रधानमंत्री का मन
की बात कार्यक्रम हमें निरंतर कार्य करने की प्रेरणा देता है।
मंत्री धर्मेंद्र सिंह ने किया विक्रमोत्सव सृष्टि आरंभ सूर्योपासना कार्यक्रम का शुभारंभ.. दमोह। विक्रमोत्सव सृष्टि आरंभ दिवस वर्ष प्रतिपदा विक्रम संवत 2082 कोटि सूर्योपासना कार्यक्रम का आयोजन प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में प्रदेश के संस्कृति पर्यटन धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी की गरिमामय मौजूदगी में किया गया।
इस अवसर पर राज्यमंत्री श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने 2082 की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा आज हिंदू नववर्ष के रूप में भी हम इसे मानते हैं इसके साथ.साथ नव संवत्सर भी है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन यह नव संवत्सर प्रारंभ होता है। उन्होंने कहा हमारा नव वर्ष को बड़ी ही वैज्ञानिक दृष्टि से बनाया गया है जब हमारा नववर्ष प्रारंभ होता है तब प्रकृति एक नया श्रृंगार करती है पेड़ों में नए पत्ते आ जाते हैं नई फसल आ जाती है। कहते हैं इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी यह सृष्टि का आरंभ दिन है सारे शंवतों का यह प्रारंभ दिन है। हिंदू नववर्ष अपने आप में एक विशेष महत्व रखने वाला नववर्ष है यह अपनी भारतीय संस्कृति को सनातन संस्कृति को प्रकट करने वाला नववर्ष है। यह नव वर्ष रात के 12 बजे से शुरू नहीं होता है यह नव वर्ष जब सूर्य की किरण प्रारंभ होती है तब यह नववर्ष प्रारंभ होता है।
उन्होंने कहा अभी हमने परम पवित्र भगवा ध्वज का भी पूजन किया है यह ध्वज कहीं ना कहीं जब सूर्य की किरण उदित होती है तो जिस प्रकार से आसमान में जो रंग दिखाई देता है वही हमें भगवा रंग ध्वज में दिखाई देता है। हमारे पूर्वजों ने इस ध्वज को संस्कृति का प्रतीक माना हैए इतिहास में हमारे पूर्वजों ने जितना भी संघर्ष किया उस युद्ध में धर्म ध्वज के रूप में यह परम पवित्र भगवा ध्वज विजय का प्रतीक रहा है। आज हमने इस ध्वज का पूजन कर सनातन संस्कृति को प्रकट करने का काम किया है इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने विक्रम उत्सव के माध्यम से यह नई परंपरा शुरू की है इस परंपरा के माध्यम से कहीं ना कहीं हम अपनी संस्कृति पर गौरव कर सकते हैं हम अपने पूर्वजों पर गौरव कर सकते हैं। हमारा जो नव वर्ष है चैत्र शुक्ल प्रतिपदा इस दिन से हमने हर काम शुरू किया है।
इस अवसर पर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ रामकृष्ण कुसमरिया ने कहा आज के दिन से सृष्टि की शुरुआत थी और अपने यहां एक नए कार्यक्रम की शुरुआत हुई है जो प्रदेश के भीतर उज्जैन से जहां भगवान श्री कृष्ण ने दीक्षा ली थी वहां के विक्रम संवत और विक्रमादित्य के पुरुषार्थ की कहानियों को आमजन तक कैसे सुविधा पूर्ण पहुंचाएं और जो नेतृत्व करता है वह अनेक कष्ट सहकर के गरीब लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते थे ऐसे महाराज पुरुष थे महाराजा सम्राट विक्रमादित्य। निश्चित रूप से उनके कारण हमारे देश की गरिमा और बढ़ेगी यह अद्भुत कार्यक्रम है इसके लिए मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देते हैं उन्होंने अपनी परंपरा को पुनः जीवित करने की शुरुआत की है।
कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने सभी को नववर्ष की बहुत.बहुत शुभकामनाएं देते हुए कहा चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है नव वर्ष का प्रारंभ हुआ है। आज सुबह बेलाताल पर ब्रह्म मुहूर्त में ध्वजा स्थापित किया गया और पूजा अर्चना की गई। उसके बाद मुख्य कार्यक्रम पीजी कॉलेज दमोह में आयोजित किया गया जिसमें राजीव अयाची जी के निर्देशन में बहुत सुंदर नृत्य नाटिका महाराजा सम्राट विक्रमादित्य के ऊपर मनचित की गई। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत प्रवीण फुलपगारे जनपद अध्यक्ष श्रीमती ठाकुर सहित जनप्रतिनिधिगण गणमान्य नागरिक गायत्री परिवारजन छात्र.छात्राएं मौजूद रहे।
लोकमाता अहिल्याबाई की प्रस्तुति से दो दिवसीय नाट्य महोत्सव का शुभारंभ.. दमोह। युवा
नाट्य मंच द्वारा नगर के पीजी कॉलेज ऑडिटोरियम में आयोजित दो दिवसीय
महोत्सव के प्रारंभिक दिवस में नाटक लोकमाता अहिल्या की प्रस्तुति हुई।
होलकर साम्राज्य की महारानी पुण्यश्लोक माता अहिल्या के कृतित्व एवं
व्यक्तित्व पर आधारित इस नाटक के लेखक उमेश कुमार चौरसिया और निर्देशक
राजीव अयाची एवं सह निर्देशक अनिल खरे हैं। नाटक की कहानी लोकमता
अहिल्याबाई के जीवन चरित्र पर है। होलकर साम्राज्य के राजा मल्हार राव
अहिल्या के मधुर कंठ, भक्ति का भाव देखकर प्रसन्न हो जाते हैं और अपने
पुत्र खंडेराव का विवाह अहिल्या के साथ कर देते हैं अहिल्या अपने ससुर
मल्हार राव से शासन की बारीकियां एवं शस्त्र विद्या सीखती है। एक दिन
कुम्हेर के किले में खंडेराव की हत्या हो जाती है और अहिल्या सती होने का
विचार करती है लेकिन ससुर मल्हावराव उन्हें मालवा साम्राज्य की बागडोर
सौंपने की जिम्मेदारी देते हैं। अहिल्या बखूबी मालवा साम्राज्य की बागडोर
अपने हाथ में लेती हैं और अनेक धार्मिक सामाजिक और नारी सशक्तिकरण के ऊपर
काम करते हुए मालवा साम्राज्य के गौरव को स्थापित करती हैं। इस दौरान उनके
पुत्र मालेराव शासन में रुचि नहीं दिखाते हैं और उनकी भी मृत्यु हो जाती
है। अहिल्या पुनः संन्यास लेने का सोचती हैं लेकिन उनके पुत्र के समान वीर
सेनापति तुकोजी राव उन्हें ऐसा करने से मना करते हैं और अहिल्याबाई से कहते
हैं की राघोबा और गंगोबा जैसे अनेक दुश्मन मालवा साम्राज्य के ऊपर आक्रमण
करके उसे ध्वस्त करना चाहते हैं।
यह बात सुनकर अहिल्याबाई अपनी सेना को
विरोधियों पर आक्रमण करने के लिए भेज देती हैं अहिल्याबाई ने अपनी
बुद्धिमत्ता और शौर्य से दुश्मनों को परास्त कर दिया और मालवा के
साम्राज्य का विस्तार किया। उन्होंने अनेक धार्मिक और जानो उपयोगी कार्य
कारण जिनमें कुएं, बावड़ियों , मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण कार्य
प्रमुख है। अपने जीवन के अंतिम चरणों में मातोश्री अहिल्याबाई मां नर्मदा
के तट पर महेश्वर से ही अपने राज्य के कामकाज को सुचारू तरीके से चलती हैं।
अनेक महिलाओं को सशक्त एवं रोजगार प्रदान करने का कार्य रानी अहिल्याबाई
ने किया है। महेश्वर की साड़ियां इसका एक ज्वलंत उदाहरण है। नाटक में सुंदर
दृश्य बंधों के माध्यम से सारे दृश्यों को जीवंतता के साथ प्रस्तुत किया
गया शिव भक्त माता अहिल्याबाई के जनहितकारी कार्यों एवं उनकी दूर दृष्टि
का संपूर्ण चित्रण इस नाटक में किया गया। नाटक में
रानी अहिल्याबाई के चरित्र में दीक्षा सेन मल्हार राव अनिल खरे, तुकोजी राव
बृजेंद्र राठौर, राघोबा संजय खरे, गंगोवा पंकज चतुर्वेदी, हरवा देवेश
श्रीवास्तव, पंडित जी राजेश श्रीवास्तव, हरकू बाई शिवानी वाल्मीक, सेनापति
हरिओम खरे, अनंत फंदी एवं सेनापति की भूमिका में अनुभव श्रीवास्तव,
सैनिकों एवं नागरिकों की भूमिका में अनुनय श्रीवास्तव, देवांश राजपूत, नयन
खरे, ऋषि सपेरा, पारस गर्गz सानिध्य खरे, स्त्री सेना एवं अन्य भूमिकाओं
में नैंसी गुप्ता, श्रद्धा रैकवार, वैष्णवी रैकवार, गौरी रैकवार जैसे
नवोदित कलाकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। मंच सज्जा एवं
ग्राफिक्स पंकज चतुर्वेदी, संगीत अनुभव श्रीवास्तव, राजेश श्रीवास्तव,
दीक्षा सेन, देवेश श्रीवास्तव, रूप सज्जा एवं प्रकाश संयोजन में अनिल खरे
अमृता जैन की भूमिका रही।
हिंदू नववर्ष भी हुई आकर्षक प्रस्तुति.. इसी
के साथ युवा नाट्य मंच के कलाकारों ने हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत् 2082 के
प्रारंभ अवसर पर विक्रमोत्सव पर्व पर भी अपनी प्रस्तुति दी जिसमें सम्राट
विक्रमादित्य के जीवन और विक्रम संवत् की अवधारणा पर आधारित नाटक की
प्रस्तुति दी। महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ संस्कृति मंत्रालय मध्यप्रदेश
शासन द्वारा आयोजित कोटि सूर्योपासना कार्यक्रम के तहत मध्यप्रदेश नाट्य
विद्यालय की आदर्श नाट्य प्रस्तुति द्वारा लेखक प्रसन्न सोनी द्वारा लिखित
और नाटक के मूल निर्देशक टीकम जोशी है। स्थानीय प्रस्तुति में नाटक का
संयोजन वरिष्ठ रंगकर्मी राजीव अयाची ने किया । नाटक की भेषभूषा पात्रों के
साथ परिवेश और देशकाल के अनुरूप है, राजा विक्रमादित्य उनके दरवारी एवं
तत्कालीन विद्वान वराहमिहिर और कालिदास की भेदभूषा में साहित्य में वर्णित
पात्रों के अनुरूप रखे गए। संगीत को रिकॉर्डेड रखा गया है जिसे तैयार किया
है अभिषेक तिवारी ने। इस अवसर पर प्रदेश के संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक
न्यास एवं धर्मस्व राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग
के अध्यक्ष डॉ रामकृष्ण कुसमरिया, कलेक्टर सुधीर कोचर, सीईओ जिला पंचायत
प्रवीण फुलपगारे सहित गणमान्य नागरिकों, विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोगों
सहित दर्शकों की उपस्तिथि रही।
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