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इंदौर मजदूरी करने गए युवक के नाम पर दिल्ली में करोड़ों का कारोवार करके फर्जी कंपनी फुर्र.. 6 करोड़ का जीएसटी बकाया नोटिस मिलने से सदमे में गरीब परिवार..

गरीब मजदूर के नाम दिल्ली में करोड़ों का कारोबार..!

दमोह। इंदौर मजदूरी करने गए युवक के नाम पर दिल्ली में करोड़ों का कारोवार करके फर्जी कंपनी के फुर्र हो जाने का मामला प्रकाश में आया है।जिले के पथरिया क्षेत्र निवासी एक गरीब परिवार 6 करोड रुपए के जीएसटी बकाया का नोटिस मिलने से सदमे में है। दरअसल आयकर विभाग द्वारा जो नोटिस भेजा गया है उसमें उपरोक्त परिवार के सदस्य के नाम से दिल्ली में संचालित एक फर्म के द्वारा करीब 50 करोड़ का टर्नओवर किए जाने का उल्लेख है। जिसका 6 करोड रुपए जीएसटी जमा करने के लिए कहा गया है।
उपरोक्त नोटिस मिलने के बाद अपने वकील के जरिए  उपरोक्त फर्म के नाम से किए गए फ्रॉड की शिकायत पथरिया निवासी प्रिंस पिता श्रीधर सुमन ने साइबर सेल से की है। आयकर विभाग से मिले नोटिस के अनुसार, वर्ष 2022 में दिल्ली के स्टेट जॉन 3 वार्ड 33 में प्रिंस इंटरप्राइजेज नाम से एक फर्म शुरू की गई। इस कंपनी ने 2022-23 से 2024 तक लगभग 50 करोड़ रुपए का कारोबार किया। कंपनी ने चमड़ा, लकड़ी और आयरन का व्यापार किया, लेकिन जीएसटी का भुगतान नहीं किया। अब कंपनी पर करीब 6 करोड़ रुपए का जीएसटी बकाया है। जबकि पथरिया निवासी प्रिंस सुमन, जिसके नाम यह कंपनी बताई गई है वह अंडे का बेचकर परिवार को चलाते हैं।  2023 में इंदौर में मजदूरी कर चुके प्रिंस का कहना है कि वह कभी दिल्ली नहीं गया। न उसने किसी को अपना आधार व पैन कार्ड दिया। फिर उसके नाम पर कंपनी कैसे बन गई और करोड़ों का टर्न ओवर कैसे हो गया यह उसे नहीं पता। खास बात है कि यह फर्जी कंपनी करोड़ों का टर्नओवर करके बंद हो चुकी है। 
शायद यही वजह है कि आयकर विभाग ने प्रिंस से बैंक स्टेटमेंट और अन्य दस्तावेज मांगे हैं। जो उसके पास नहीं है। क्योंकि उसको आज तक यह पता ही नहीं लगा कि उसके नाम पर दिल्ली में कंपनी चल रही थी जो करोड़ों का कारोबार करके रफूचक्कर हो चुकी है। और वह यहां पर अंडा बेचता रहा है। आयकर विभाग का नोटिस मिलने से भयभीत प्रिंस के पिता श्रीधर सुमन ने इस मामले की जांच के लिए एसपी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। इधर इनके वकील अभिलाष खरे का कहना है कि आयकर विभाग को पत्र भेजकर वास्तविक हालात से अवगत कराने की कोशिश की गई है। साइबर सेल को भी पूरे घटनाक्रम की शिकायत देकर जांच करते हुए धोखाधड़ी करने वाली फर्म के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। जिससे छोटे लोगों के नाम पर इस तरह के बड़े फ्रॉड करने वाले लोगों का पर्दाफाश हो सके।

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