ढाई सौ साल पुरानी प्रतिमा की हुई भव्य अगवानी
दमोह
। दमोह जिले के ग्राम सदगुवां में विराजमान भगवान पारसनाथ के करीब ढाई सौ
वर्ष प्राचीन प्रतिमा दमोह पहुंची और भगवान की भव्य अगवानी के लिए दमोह जैन
समाज के द्वारा पलक पांवड़े बिछाकर स्वागत किया गया। दमोह के सागर नाका
में 9 साल पहले सदगुवां जैन मंदिर की स्थापना की गई थी और इसी उद्देश्य से
इस मंदिर की स्थापना हुई थी कि ग्राम सदगुवां में विराजमान भगवान पारसनाथ
की प्रतिमा को यहां पर भक्तों की भक्ति के लिए स्थापित किया जाएगा।
सोमवार 20 जनवरी का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। जब ग्राम
सदगुवां से ढाई सौ वर्ष प्राचीन भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा दमोह पहुंची।
परम पूज्य उपाध्याय विरंजन सागर जी महाराज प्रतिमा जी को विधि विधान के साथ
दमोह लाने के लिए ग्राम सदगुवां पहुंचे जहां पर जैन विधि अनुसार निस्ठापन
किया गया। वहीं उसके पश्चात प्रतिमा जी को लेकर के परम पूज्य उपाध्याय श्री
दमोह पहुंचे। वही नशिया जैन मंदिर से भव्य जुलूस के माध्यम से भगवान
पारसनाथ की प्रतिमा सागर नाका स्थित सद्गुआ जैन मंदिर पहुंची।
रास्ते में
जगह-जगह जैन समाज के द्वारा भगवान की आरती उतार कर और मुनिराजों का पद
प्रक्षालन कर भव्य स्वागत किया गया। इस जुलूस में जैन समाज के लोगों की
बड़ी संख्या में मौजूदगी रही। तो वही जैन समाज को परम पूज्य उपाध्याय
विरंजन सागर जी महाराज, मुनि श्री प्रयोग सागर जी महाराज, मुनि श्री
विसौम्य सागर जी महाराज मुनि श्री विश्व दृग सागर जी, मुनि श्री विनिशोध
सागर जी का मंगल सानिध्य प्राप्त हुआ।
मंदिर में भगवान का हुआ अभिषेक पूजन.. सागर
नाका स्थित मंदिर पहुंचने ही भगवान की अगवानी की गई। तो परम पूज्य
मुनिराजों के मंगल आशीर्वाद से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। भगवान पारसनाथ की
प्रतिमा का अभिषेक पूजन किया गया। वहीं भक्तों को इस ऐतिहासिक पल को देखने
का अवसर प्राप्त हुआ। इसी दौरान परम पूज्य मुनिराजो के मंगल प्रवचन का मंगल
सानिध्य भक्तों को मिला। वही सभी प्रतिमाओं को पूज्य उपाध्याय श्री के
कर कमलों से बेदी पर स्थापित किया गया। आयोजन के दौरान सकल जैन समाज दमोह
के भक्तों की बड़ी संख्या में मौजूद की रही।
उपाध्याय विश्रुत सागरजी का जबेरा में मंगल प्रवेश.. दमोह।
आचार्य विराग सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य उपाध्याय विश्रुत सागर
जी महाराज का ससंग जबेरा नगर आगमन हुआ।नगर में विराजमान आर्यिका मां
प्रशांत मति माताजी ने की मुनि श्री की आगवानी । सकल दिगंबर जैन समाज के
अध्यक्ष अनिल जैन सहित समाज के पदाधीकारियों के साथ उपाध्याय विश्रुत सागर
महाराज जी की भव्य आगवानी गाजे बाजे साथ की।समाज के लोगों लोगों के द्वार
द्वार में रंगोलिया सजाई गई। इसके उपरांत उपाध्याय श्री ने मंदिर जी में
विराजमान मूल नायक श्री पारसनाथ भगवान के दर्शन किए इसके उपरांत मंगलिक
प्रवचन संपन्न हुए। आहार चर्या के बाद दोपहर में उपाध्याय विश्रुत सागर जी
महाराज ने कलेहरा की ओर शाम 4 बजे मंगल विहार किया।
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