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जनसुनवाई में 120 एवं शस्त्र लाईसेंस के 55 आवेदनों पर सुनवाई.. 08 तहसीलदार/ नायब तहसीलदारों को नोटिस.. नर्सिंग होम्स-क्लीनिकल्स बिना पंजीयन संचालन पर होगी कार्यवाही..

जनसुनवाई में 120 एवं लाईसेंस के 55 आवेदनों पर सुनवाई
दमोह। जिले भर से आये नागरिकों ने आज जनसुनवाई में अपनी समस्याएं कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर के समक्ष रखी। इस दौरान 09 पुनरावृत्ति आवेदन 55 लाईसेंस के आवेदन और सामान्य जनसुवाई में कुल 120 आवेदनों पर सुनवाई करते हुये कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को समय.सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिये। जनसुनवाई के दौरान 14 आधार कार्ड 02 आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए आवेदन प्राप्त हुए एवं 71 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया एवं  नि.क्षय अभियान तहत 23 जांच हुई।  कलेक्टर श्री कोचर ने रबीना अहिरवाल को पेंसिल बुक आदि सामग्री उपलब्ध कराई। 

कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कहा इस बार जनसुनवाई की थीम शस्त्र लाइसेंस रखी थी और शस्त्र लाइसेंस के संबंध में लोग दो.तीन तरह से आवेदन करते हैं। पहला तो किसी को नया लाइसेंस लेना हो तो उसके लिए आवेदन है दूसरा पुराने लाइसेंस का नवीनीकरण के लिए आवेदन किया जाता है तीसरा उनके माता पिता या किसी और परिजन के नाम पर वो लाइसेंस है तो उनकी मृत्यु होने या उनके जीवनकाल में ही यदि वो सहमति देते हैं तो उसको अपने नाम पर ट्रांसफर करने के लिए आवेदन दिया जाता है। इसके साथ ही शस्त्र के क्रय या विक्रय करने के लिए या फिर लाइसेंस निरस्त करने के लिए यह कुछ कैटेगिरीज हैं जिसमें लोग आवेदन देते हैं। आज कलेक्टर श्री कोचर ने उस कैटेगिरी को रखा था पहले ही दिन 55 आवेदन हमारे पास आए हैं इन सब का मौके पर ही निराकरण करने के निर्देश दिये हैं जिनमें कमियां थीं उसके बारे में आवेदकों को बताया गया है कि इस आवेदन में ये अपूर्णताएं हैं इसको पूर्ण करना होगा। जिन आवेदनों में कोई कमी नहीं थी उनमें अपर कलेक्टर को निर्देशित किया गया है कि इसमें कार्रवाई कंप्लीट करके अनुमोदन किया जाये। इस सप्ताह के भीतर जितने पात्र आवेदक हैं उन सभी को लाइसेंस जारी किये जायें या नवीनीकरण कर कर दिया जाये।
उन्होंने कहा एक बड़ी संख्या नवीनीकरण के आवेदन की पेंडिंग है कुछ लोग मेरे पास आए थे उन्होंने कहा कि उनका नवीनीकरण का आवेदन पेंडिंग हैए इस संबंध पुलिस अधीक्षक से चर्चा की है जैसे ही एसपी साहब की रिपोर्ट आती है लगभग 200 प्रकरणों का एक साथ निराकरण किया जायेगा। ताकि पूरे के पूरे नवीनीकरण के केस निराकृत हो जाएं और इसी प्रकार आगे भी लगातार अलग.अलग थीम के साथ काम करेंगे ताकि लोगों को अधिक से अधिक राहत प्रदान की जा सके। कलेक्टर श्री कोचर ने कहा जनसुनवाई में कांटी गांव से एक बहुत छोटी सी बच्ची अपने नाना के साथ आई थी। वह तीसरी या चौथी कक्षा में पड़ती है और उसके माता पिता का तलाक हो गया और उसके बाद उन दोनो ने दूसरी शादी कर ली अब यह बच्ची अकेली रह गई है। इसका कोई भाई बहन नहीं है और यह अपने नाना.नानी के पास रहती है। बच्ची यह समस्या लेकर आई की बच्ची की स्कूल में अपार आई.डी बननी है लेकिन वह आई.डी तब बन सकती है जब उसके पिताजी का आधार कार्ड आई.डी मिले लेकिन उसके पिताजी ने वह देने से इंकार कर दिया है। ऐसा उस बच्ची का कहना था।
इस संबंध में कलेक्टर श्री कोचर ने बताया लिए स्कूल शिक्षा और इ गवर्नेंस की टीम सारे दस्तावेजों की जांच कर रही है। निर्देश दिए गये है कि इस बच्ची के प्रकरण का निराकरण किया जाये ताकि बच्ची की अपार आई.डी बन जाए। क्योंकि यह बच्ची अकेली है अपने नाना.नानी के पास रहती है। इसीलिए महिला बाल विकास विभाग की स्पांसरशिप योजना का लाभ इसको दिलाने के भी निर्देश दिए गए हैं जिससे इसको लगभग 4 हजार रूपये प्रति महीना सहायता मिलने लगेंगी और इसके अलावा यह भी दिये गये हैं कि लाड़ली लक्ष्मी योजना में इसका नाम है कि नहीं यह देख लें यदि इसकी पात्रता होगी तो उसको लाड़ली लक्ष्मी का भी लाभ मिलने लगेगा। कलेक्टर ने दी मकर संक्रांती की सुभकामनाएं.. कलेक्टर श्री कोचर ने मकर संक्रांती के पावन अवसर पर जनसुनवाई में आये सभी आवेदकों को शुभकामनाएं दी। इस दौरान संयुक्त कलेक्टर अविनाश रावत और लोक सेवा प्रबंधक चक्रेश पटैल सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।

आठ तहसीलदार नायब तहसीलदारों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी.. दमोह। मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम 2010 अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं के आवेदन समय सीमा बाह्य लंबित होने के आरोप में कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने 08 तहसीलदार नायब तहसीलदारों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये हैं।कलेक्टर श्री कोचर ने कहा समय.सीमा बाहृय लंबित प्रकरणों के संबंध में अपना उत्तर 07 दिवस में प्रस्तुत किये जायें। निर्धारित समय.अवधि में उत्तर प्रस्तुत न करने उत्तर समाधानकारक न पाये जाने की दशा में संबंधितों के विरूद्ध मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 में वर्णित प्रावधानों के तहत दण्डात्मक कार्रवाई करते हुये शास्ति अधिरोपित की जायेगी जिसके लिए संबंधित स्वयं उत्तरदायी होंगे।
तहसीलदार दमोह तथा तहसीलदार दमयंतीनगर एवं नायब तहसीलदार मण्डल हिरदेपुर रॉबिन जैन तहसीलदार तेंदूखेड़ा विवेक व्यास तहसीलदार पटेरा शैलेन्द्र बिहारी शर्मा नायब तहसीलदार मण्डल कुम्हारी राजेश कुमार सोनी तहसीलदार पथरिया एवं नायब तहसीलदार मण्डल सदगुवां दीपा चतुर्वेदी नायब तहसीलदार मण्डल तेजगढ़ चंद्र शेखर शिल्पी नायब तहसीलदार मण्डल अभाना सुरेखा यादव एवं नायब तहसीलदार मण्डल हिण्डोरिया प्रीतम सिंह को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये है।

नर्सिंग होम्स एवं क्लीनिकल्स बिना पंजीयन संचालन पर होगी कार्यवाही.. भोपाल दमोह। राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशों के तहत निजी क्षेत्र के समस्त नर्सिग होमध्निजी चिकित्सालय परामर्श केन्द्र औषधालय योगशाला एक्सरे डेन्टल क्लीनिक सहित सभी क्लीनिकल इस्टेब्लिश्मेन्टस् के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के संबंध में मप्र उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं ;रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन 1997 यथा संशोधित तिथि 17 जनवरी 2007 एक्ट की धारा 3 के तहत समस्त नर्सिग होम्स ;जहां पर मरीज भर्ती होते है समस्त क्लीनिक स्थापनाएं पैथालाजी लैब एक्सरे लैब डियोथैरपी लैब सीटी स्कैन सोनोग्राफी लैब एवं आयुर्वेदिक होम्योपैथी यूनानी चिकित्सा संबंधी पंजीकृत चिकित्सक द्वारा चलाये जाने वाली क्लीनिक का एमपीऑनलाइन किस्योक के माध्यम से पंजीयन एवं लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मुकेश जैन ने कहा है प्रक्रिया हेतु विभागीय वेबसाइट के माध्यम से या एमपी ऑनलाइन के माध्यम से नागरिक सेवाओं में जाकर मप्र लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आइकॉन पर क्लिक कर किस्योक के माध्यम से अपना आवेदन दस्तावेजों सहित प्रस्तुत कर सकते है। उन्होंने कहा जिन संबंधित संस्थाओ द्वारा पंजीयन की कार्यवाही अभी तक संपन्न नहीं की गई हो एमपी ऑनलाइन के माध्यम से सात दिवस के भीतर संपन्न करायें। पंजीयन नहीं कराने वालों के विरूद्ध अधिनियम के तहत उक्त धारा.3 के उल्लंघन करने पर अधिनियम .1973 की धारा .8 ;क ;एक तथा ;दो के अंतर्गत जुर्माने तथा 3 माह तक के कठोर कारावास का प्रावधान है। इसके अलावा अपात्र एवं अपंजीकृत व्यक्तियों द्वारा एैलोपैथी चिकित्सा पद्वति में चिकित्सा व्यवसाय करने पर मप्र मेडिकल काउन्सिल एक्ट 1987 धारा 24 के अंतर्गत 3 वर्ष तक के कठोर कारावास तथा 5 हजार रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने कहा इस बात का ध्यान रखा जाये कि नर्सिग होम्स एवं क्लीनिकल्स स्थापनाएं का बिना पंजीयन संचालन एक अतिगंभीर अपराध है। निरीक्षण या छापामार कार्यवाही के दौरान पंजीयन संबंधी दस्तावेज न पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही की जा सकेगी। सभी से पूर्ण सहयोग एवं सावधानी वांछनीय है।

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