पंचकल्याणक महोत्सव का गजरथ फेरी से समापन
दमोह।
आचार्य श्री का वैभव और पुण्य अद्भुत था वक्त गुजर रहा है किंतु श्रद्धा
वही है घट बदला है किंतु अमृत वही है हम मुस्कुरा रहे हैं किंतु आंखें नम
है साथ सभी का है किंतु आचार्य श्री की कमी है आचार्य श्री ने शिवनगर के
इस पंचकल्याणक महोत्सव के लिए अपने दोनों हाथों से आशीर्वाद दिया था
पंचकल्याणक के लिए हम सबके लिए गुरु आज्ञा सर्वोपरि थी और इस आशीर्वाद से
यह पंचकल्याणक सानंद संपन्न हुआ जैन धर्म की प्रभावना के लिए यह एक
महत्वपूर्ण कार्य हुआ है आप सभी ने बढ़ चढ़कर उत्साह पूर्वक भाग लिया है
अनेक मंडलों ने इसमें पूरे मनोयोग से अपनी सहभागिता की है।
उपरोक्त उदगार निर्यापक मुनि श्री अभय सागर जी महाराज एवं एवं मुनि श्री प्रयोग
सागर जी महाराज ने पंचकल्याण गजरथ फेरी के प्रातःकाल मोक्ष कल्याणक पर
अभिव्यक्त किय इस अवसर पर मंदिर के शिखर पर कलसा रोहन करने का सौभाग्य अभय
बनगांव परिवार को तथा ध्वज आरोहण का सौभाग्य निर्मल कुमार सुनील महेंद्र
करुणा वेजीटेरियन परिवार को प्राप्त हुआ इसके बाद विधि नायक प्रतिमा का
अभिषेक करने का सौभाग्य सुबोध जैन सुधीर सिंघई संतोष सिंघई एवं महेश दिगंबर
परिवार को प्राप्त हुआ इसके पश्चात सभी प्रतिमा जी को मंत्र उच्चारण के
साथ स्थापित किया गया इस मौके पर आचार्य विद्यासागर श्रावक कल्याण समिति के
द्वारा डॉ गौरव नायक का विद्या चिकित्सा रत्न पुरस्कार देकर सम्मानित किया
इसके पूर्व महेश बढ़कूल को विद्या श्रावक रत्न पुरस्कार देकर सम्मानित
किया था।
इसके बाद दोपहर में मुनि संघ के मंगल सानिध्य
में भव्य गजरथ फेरी प्रारंभ हुई फेरी में बड़ी संख्या में श्रद्धालुगन
एकत्रित हुए गजराज सबसे आगे फेरी का नेतृत्व कर रहा था जिस पर सौधर्मेंद्र
विराजमान होकर धर्म ध्वज लेकर आगे बढ़ रहे थे तीन रथ में इंद्रायणी गण
अपनी वेशभूषा पहनकर जयकारे लगाते हुए बैठे हुए थे गजरथ फेरी को बहुत ही
आकर्षक ढंग से संचालित किया जा रहा था ऐरावत हाथी फेरी में आकर्षण का
केंद्र था तीनों रथों की सबसे आगे निर्यापक मुनि श्री अभय सागर जी महाराज
अपने पूरे संघ के साथ परिक्रमा में आगे बढ़ रहे थे फेरी में प्रतिष्ठाचार्य
जय कुमार जी निशांत पंडित आशीष जैन निर्देशन प्रदान कर रहे थे मध्य प्रदेश
के पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के पूर्व अध्यक्ष
संतोष सिंघई वर्तमान अध्यक्ष चंद्र कुमार सराफ जैन पंचायत अध्यक्ष सुधीर
सिंघई महामंत्री पदम खली महोत्सव के संयोजक महेश दिगंबर ओजाशिनी
विश्व विद्यालय की कुलधिपति डॉ सुधा मलैया सहसंयोजक रिशु सिंघई प्रथम रथ में
सुनील डुबलिया रिंकू खजरी सिद्धार्थ नायक दूसरे रथ में श्रेयांश लहरी
माता-पिता मनीष मलिया विवेक नायक शशांक जैन तीसरे रथ में अभय जी बनगांव
सुनील वेजीटेरियन महेंद्र करुणा विनोद कुमार जैन रोहित जैन मनीष खजरी और
अंकित जैन खजरी अवनीश जैन बनगांव विराजमान थे तीनों रथों के पीछे बगी में
प्रवीण जैन कुलपति पवन जैन आदि शोभा बढ़ा रहे थे बड़ी संख्या में इंद्र और
इंद्राणी जिन्होंने पंचकल्याणक में 5 दिनों तक लगातार पूजन आदि संपन्न
किया एक साथ चल रहे थे बड़ी संख्या में युवा वर्ग संगीत के साथ नृत्य कर
रहे थे परिक्रमा रथ के चारों तरफ बड़ी संख्या में भक्त गन भक्ति गीत गा रहे
थे चारों तरफ उत्साह है और उमंग का वातावरण दिख रहा था।
फेरी
के समापन पर मुनि श्री प्रभात सागर जी महाराज ने अपने मंगल प्रवचन में कहा
कि गुरु महाराज जिस पर कृपा हो जाती है वह मालामाल हो जाता है छोटे बाबा
के हृदय में बड़े बाबा विराजमान थे निर्यापक मुनि श्री अभय सागर जी महाराज
ने कहा कि गुरुदेव श्री विद्यासागर जी महाराज जिनका जन्म कहे सुदूर
राजस्थान में हुआ था और वहां पर कटनी वाले बड़े पंडित जी गए थे 1975 में जब
बड़े बाबा के यहां पर गजरथ महोत्सव होना था उसका निवेदन लेकर के गए थे
भगवान के दर्शन हुए थे उन्होंने बड़े बाबा के बारे में बताएं था बड़े बाबा
की प्रसिद्ध 1955 तक महावीर भगवान के रूप में थी बाद में उन्हें आदिनाथ
भगवान के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त हुई छोटे बाबा ने बड़े बाबा के मंदिर
को बड़ा धाम बनाने हेतु सपना देखा था जिसे उन्होंने साकार कर दिया बड़े
बाबा को उच्च स्थान प्रदान करने के लिए जयंत मलैया जी और उनकी धर्मपत्नी का
बहुत बड़ा योगदान रहा हूं उन्होंने कुंडलपुर के ऐतिहासिक महत्व को उजागर
किया इसके लिए उन्होंने महत्वपूर्ण पुस्तकों का प्रकाशन कराया उनके
प्रशंसनीय कार्य की सभी को सराहना करनी चाहिए मुनि श्री ने कहा कि महोत्सव
को सानंद संपन्न बनाने में सभी का योगदान रहता है जिस तरह एक-एक एट और
दरवाजे का महत्व होता है तभी भवन बनता है सभी कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण
योगदान रहा है जैन धर्म की प्रभावना में इसी तरह कार्य करते रहे।
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