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शिवनगर पंचकल्याणक महोत्सव में जन्म कल्याणक की धूम.. सौधर्म इंद्र ऐरावत हाथी पर तीर्थंकर बालक का प्रथम अभिषेक करने निकले.. सांसद राहुल सिंह आज महोत्सव में शामिल होगे..

तीर्थंकर बालक की जन्म अभिषेक यात्रा निकली

दमोह। शिवनगर में निर्यापक मुनि श्री अभय सागर जी महाराज के ससंघ मंगल सानिध्य में चल रहे पंच कल्याणक महोत्सव में शुक्रवार को सुबह तीर्थंकर बालक का जन्म कल्याणक धूमधाम से मनाया गया। दोपहर में ऐरावत हाथी पर सवार सौधर्म इंद्र सुनील डबोल्यया अपनी इंद्राणी के साथ तीर्थंकर बालक को लेकर पांडुक शिला पर पहुचे जहा सैकड़ों इन्द्रो ने अभिषेक किया गया।

दमोह शिवनगर में चल रहे पंच कल्याणक महोत्सव के तीसरे दिन शुक्रवार को तीर्थंकर बालक के जन्म कल्याणक क्रियाएं संपन्न हुई। अयोध्या नगरी में श्री जी के अभिषेक शांति धारा पूजन के उपरांत मुनि संघ के मंगल सानिध्य में प्रातः काल की बेला में तीर्थंकर बालक के जन्म की खुशियां मनाई गई। प्रतिष्ठचार्य जय कुमार जी निशांत पंडित अभिषेक आशीष भैया के निर्देशन में शांति धारा करने का सौभाग्य अभय बनगांव परिवार ग्रीस इटोरिया एवं पी आर ट्रेडर्स परिवार को प्राप्त हुआ। मुनि श्री को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य निर्मल कुमार जैन सुनील सीमा सरोज महेंद्र करुणा वेजीटेरियन परिवार को प्राप्त हुआ अन्य भक्त गणों ने भी शास्त्र भेंट किया। 
जन्म कल्याणक अवसर पर तीर्थंकर बालक के जन्म की सूचना मिलते ही सोधर्म इंद्र ने मंच पर सात कदम आगे बढ़कर प्रभु को साष्टांग नमस्कार किया। वाद्य यंत्रों और घंटे के नादों से और बैंड बाजों की ध्वनि से संपूर्ण वातावरण गूंज गया। सोधर्म इंद्र ने तीर्थंकर बालक की जन्म की सूचना दी तो सचि इंद्राणी बालक को पाने के लिए व्याकुल हो गई। कुबेर इंद्र रिंकू खजरी ने रतन की वर्षा की सचि इंद्राणी ने बालक को अपने हाथों में लेकर बहुत देर तक नृत्य किया और सोधर्म इंद्र को बालक नहीं दिया।
सोधर्म इंद्र ने बालक को निहारने के लिए सचि इंद्राणी को अपने पूरे वैभव को देने का प्रस्ताव रखा जिसे सचि इंद्राणी ने ठुकरा दिया। अंत में बड़ी मुश्किल से सौधर्मेंद्र को सचि इंद्राणी ने बालक को प्रदान किया। इस अवसर पर धूमधाम से नृत्य किए गए सभी इंद्र ने बधाई नृत्य किया मिठाइयां बांटी गई गुड़ के लड्डू बांटे गए। दोपहर में ऐरावत हाथी पर सवार सौधर्म इंद्र तीर्थंकर बालक को लेकर धूमधाम के साथ मुनि संघ के सानिध्य में पांडुक शिला पर पहुचे।

 जहां सोधर्मेंद्र के पश्चात प्रथम अभिषेक करने का सौभाग्य मीनू भैया विजय श्री आयरन के परिवार को प्राप्त हुआ। द्वितीय कलश संतोष गंगरा परिवार एवं तृतीय कलश संतोष सिंघई श्रीमंत परिवार को प्राप्त हुआ। इस मौके पर सैकड़ो लोगों ने जन्मभिषेक किया जन्मभिषेक की बधाइयां की गई। रात्रि में राज्यसभा का आयोजन किया गया वहीं चौथे दिन शनिवार को तप कल्याण मनाया जाएगा।

सांसद राहुल सिंह आज पंचकल्याणक में पहुंचेंगे

दमोह सांसद राहुल सिंह शनिवार को सुबह 9-00 बजे शिवनगर पंचकल्याणक महोत्सव में शामिल होकर मुनि संघ आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। वहीं शुक्रवार को पूर्व विधायक अजय टंडन तथा जिला कांग्रेस अध्यक्ष रत्नचंद जैन महोत्सव में शामिल हुए इस अवसर पर आयोजन समिति द्वारा उनका सम्मान भी किया गया।
संसारी प्राणी दुखों से मुक्ति के लिए प्रभु की भक्ति करता है- मुनि श्री.. तीर्थंकर बालक के जन्म कल्याणक अवसर पर मुनि श्री सुब्रत सागर जी महाराज ने अपने मंगल प्रवचनों में कहा कि संसारी प्राणी दुखों से मुक्ति के लिए प्रभु की भक्ति करता है और 16 कारण भावना भाने एवं परोपकार की भावना से तीर्थंकर प्रकृति का बंद होता है तीर्थंकर इस दुनिया के सबसे बलशाली चमकदार व्यक्तित्व होते हैं जिनके बल और वैभव की तुलना किसी से नहीं की जा सकती एक करोड़ चक्रवर्ती का बल एक देव  में होता है और एक करोड़ देवों का बल एक इंद्र में होता है और ऐसे असंख्यात इंद्र का बल एक तीर्थंकर में होता है..

तीर्थंकर के जन्म से 10 अतिशीय होते हैं वे श्वेत रहित मलमूत्र रहित सुंदर बलवान सुगंधित शरीर वाले मधुर वचनों वाले श्वेत रुधिर वाले 1008 लक्षण वालों सुंदर रूप होता है जिनके रूप को सोधर्म इंद्र 1008 आंखों से निहारता है वे अनंत बल की धारी होते हैं ऐसे बालक का जन्म बहुत संस्कारों के बाद होता है आज की शिक्षा पद्धति संस्कार नहीं देती सिर्फ जीवन निर्वाह के लिए साधन देती है शिक्षा का उद्देश्य जीवन निर्माण होना चाहिए आज के मॉडर्न व्यक्ति गर्भपात करा देते हैं जो की भयंकर महापाप है इसे रोकने के लिए हर व्यक्ति को संकल्पित होना चाहिए मुनि श्री ने प्रवचन सभा में बैठे सभी व्यक्तियों को गर्भपात न करने और इसकी कभी अनुमोदन न करने का संकल्प दिलाया तथा कभी आत्महत्या न करने एवं चमड़े की वस्तुओं का प्रयोग न करने का भी मुनि श्री ने सबको सामूहिक रूप से संकल्पित कराया निर्यापक मुनि श्री अभय सागर जी महाराज ने सभी को आशीर्वाद दिया।

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