बकस्वाहा का प्रस्तावित परिसीमन को निरस्त क जिला बनाने ज्ञापन..
बकस्वाहा विकासखण्ड व तहसील के हजारों जनप्रतिनिधि, नगर परिषद तथा ग्राम व
जनपद व जिला पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और सामाजिक, सांस्कृतिक,
राजनेतिक एवं धार्मिक संस्था संगठनों के प्रतिनिधियों ने आज विशाल रैली
निकालकर तहसील कार्यालय के सामने आमसभा,धरना प्रदर्शन करते हुए और प्रशासन
द्वारा प्रस्तावित जिले के परिसीमन पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मु्ख्यमंत्री,
राज्यपाल तथा परिसीमन आयोग तथा कलेक्टर के नाम लिखे ज्ञापन को यहां के
तहसीलदार को सौंपा। इस ज्ञापन में बकस्वाहा क्षेत्र के पटवारी हल्कों को
तीन जिलों - छतरपुर, सागर और दमोह में विभाजित करने और तहसील क्षेत्र का
दायरा बहुत ही छोटा सीमित करने के प्रस्ताव को जनहित के खिलाफ और अनुचित
,अन्याय पूर्ण बताते हुए आपत्ति प्रस्तुत कर तत्काल प्रभाव से खारिज करने
की मांग की गई।
आपत्ति पत्र में उठाए गए प्रमुख बिंदु.. ज्ञापन
में बताया गया कि 14 अक्टूबर 2024 को तहसीलदार बकस्वाहा द्वारा कलेक्टर
महोदय को भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार बकस्वाहा तहसील के पटवारी हल्कों को
तीन जिलों में बांटने का प्रस्ताव दिया गया है। इस प्रस्ताव को लेकर
क्षेत्रीय लोगों में गहरा असंतोष और आक्रोश बढ़ गया है, क्योंकि इससे
बकस्वाहा क्षेत्र की एकता, अस्तित्व, एरिया और विकास प्रभावित होगा।
जनविरोधी प्रस्ताव का विरोध.. ज्ञापन
में यह भी कहा गया कि यह प्रस्ताव पूरी तरह से जनविरोधी और विकास विरोधी
है, जो स्थानीय लोगों की सहमति के बिना तैयार किया गया है। क्षेत्रीय
जनप्रतिनिधि, सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संगठनों के सदस्य
तथा क्षेत्र के गणमान्य नागरिक इस प्रस्ताव का विरोध करते हैं और इसके
खिलाफ कड़ी निंदा भर्त्सना करते हुए आवाज उठाते हैं।
इतिहास और सांस्कृतिक महत्व.. बकस्वाहा
क्षेत्र को लेकर ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि यह क्षेत्र
स्वतंत्रता से पूर्व पन्ना रियासत का महत्वपूर्ण हिस्सा था और यहां का
ऐतिहासिक महत्व अत्यधिक है। लंबे समय से प्रशासनिक दृष्टिकोण से कमजोर इस
क्षेत्र को यदि फिर से बांटा जाता है, तो इसका विकास और पीछे चला जाएगा।
बकस्वाहा को जिला बनाने की मांग.. ज्ञापन
में बकस्वाहा को एक स्वतंत्र जिला बनाने की भी मांग की गई है। बकस्वाहा
को जिला बनाने से न केवल क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि यहां के लोगों को
रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी सुविधाएं भी बेहतर तरीके से मिल सकेंगी।
इसके चारों ओर स्थित तहसीलों और ग्राम पंचायतों को भी इस जिले में शामिल
करने की अपील की गई है।
आंदोलन की चेतावनी.. इस
ज्ञापन में यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि प्रशासन इस प्रस्ताव पर पांच
दिवस में कार्रवाई नहीं करता है, तो क्षेत्रवासी किसी भी तरह का उग्र
आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर हो सकते हैं। चक्का जाम और अन्य संघर्षों
के माध्यम से अपनी आवाज उठाई जाएगी। इसके लिए प्रशासन और संबंधित विभाग
जिम्मेदार होंगे। क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से
यह निवेदन किया कि इस प्रस्ताव को तुरंत निरस्त किया जाए और बकस्वाहा
क्षेत्र के सभी पटवारी हल्कों को एक साथ ही पूर्ववत रखा जाए। साथ ही
बकस्वाहा को जिला मुख्यालय बनाने की दिशा में शीघ्र कदम उठाए जाएं। बकस्वाहा
ब्लॉक व तहसील के नागरिकों तथा जनप्रतिनिधियों ने एकजुट होकर यह ज्ञापन
सौंपा और बकस्वाहा क्षेत्र के विकास और सामाजिक कल्याण के लिए अपनी आवाज
उठाई। वरिष्ठ पत्रकार राजेश रागी, रत्नेश जैन बकस्वाहा
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