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पथरिया BMO ने बांसा कला PHC में मेडिकल ऑफीसर के सर पर गन रखकर धमकाया..! कलेक्टर एसपी सीएचएमओ तक पहुची शिकायत.. पुलिस ने शिकायत पर नही की कारवाई...

बीएमओ ने मेडिकल ऑफीसर की सर पर गन रखकर धमकाया..!

दमोह। जिले के बांसा कला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ मेडिकल ऑफीसर के सिर पर गन रखकर जान से मारने की कोशिश करने का एक सनसनीखेज घटनाक्रम सामने आया है। इस गंभीर घटनाक्रम को लेकर पथरिया बीएमओ तथा बीएमसी सहित पांच लोगो की लिखित शिकायत कलेक्टर एसपी सीएचएमओ से की गई है। पथरिया थाने में भी शिकायत किए जाने के तीन दिन बाद भी पुलिस की जांच कारवाई फिलहाल लंबित है।

जिले के पथरिया तहसील अंतरगत बांसा कला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ मेडिकल ऑफीसर डॉ जय कुमार जैन द्वारा कलेक्टर एसपी सीएचएमओ, पथरिया थाना प्रभारी को 30 अक्टूबर 2024 को डॉ शाशिकांत पटेल द्वारा जान से मारने की कोशिश करने बाबत एक लिखित आवेदन दिया गया है। जिसमें बताया गया की 30 अक्टूबर को डॉ जैन की ड्यूटी के दौरान डॉ शाशिकांत पटेल बीएमओ पथरिया, रत्नेश डूबे बीसीएम पथरिया, ओमकार पटेल फार्मासिस्ट, विक्रम खटीक एवं रूपेश पटेल के साथ सरकारी गाड़ी से पीएचसी बांसा कला पहुचे थे। सभी लोग ओपीडी कक्ष में आये बीएमओ  डॉ शाशिकांत पटेल के द्वारा गंदी गंदी गलियां देकर अपनी जेब से गन निकलकर डॉक्टर जेके जैन के सिर पर रख दी गई। तथा बोला गया की मैं तुम्हें जान से मार दूंगा तुमने मेरी आरटीआई लगवायी है। एक दो लोगों ने पकड़ कर दूर किया। इसके बाद भी उनके द्वारा पुनः गाली गलौच करते हुऎ जान से मरने की धमकी दी जाती रही।
उपरोक्त घटनाक्रम की लिखित शिकायत में डॉ शाशिकांत पटेल बीएमओ पथरिया से जान का खतरा बताते हुए पथरिया थाना पुलिस से सुरक्षा प्रदान करने की मांग की गई है। डॉ जैन ने उनके साथ भविष्य में किसी भी प्रकार की घटना दुर्घटना होने पर उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी डॉ पटेल और उनके साथ आये लोगों की होने की बात कही है। पुलिस प्रशासन केे अधिकारियों से लेकर पथरिया थाना प्रभारी को 30 अक्टूबर 2024 को लिखित में दिये गए उपरोक्त शिकायती आवेदन की जांच तथा कार्यवाही के बजाय पीड़ित मेडिकल ऑफीसर पर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है जिससे पीड़ित डॉक्टर व उनका परिवार बेहद तनाव ग्रस्त व दहशत में है।
थाना प्रभारी व बीएमओ के अपने तर्क.. उपरोक्त शिकायत के संबंध में पथरिया थाना प्रभारी सुधीर बैगी का कहना है कि दुसरे पक्ष का भी आवेदन आया है वही दीपावाली की व्यस्तता के चलते वह इसकी जांच नही करा पाए है। इधर पथरिया बीएमओ डॉ शशिकांत पटेल का कहना है की बांसा कला पीएचसी का निरीक्षण करने के लिए गए थे जहां पर जीरो डिलेवरी की हालात पर निर्देशित करने पर मेडिकल ऑफीसर डॉ जेके जैन भड़क उठे तथा उनके खिलाफ झूठी शिकायत की गई है।
पथरिया अस्पताल की आरटीआई पर विवाद.. !  इस पूरे विवाद की वजह पथरिया स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ी वह आरटीआई बताई जा रही है जिसके जरिए यहां कराए गए विभिन्न निर्माण कार्यों सहित अन्य जानकारी चाही गई थी। इसी पर से गुस्साये बीएमओ साहित उपरोक्त पांचों लोगों ने बांसा कला पहुंचकर मेडिकल ऑफीसर को धमकाने रंगदारी दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दरअसल पथरिया अस्पताल में लाखों के सिविल वर्क, मरीजों को भोजन सप्लाई, मरीजो की जरूरी जांचों तथा अनेक दवाओं के लिए बाहर की पसंदीदा लैब और मेडिकल स्टोर में भेजने का खेल लंबे समय से चल रहा है। इन सबके जरिए चहेतों को उपकृत करने का खेल चल रहा है। 
बीएमओ के साथ अन्य लोगों की भूमिका पर सवाल..? बांसा कला के मेडिकल ऑफीसर द्वारा बीएमओ के अलावा जिन चार लोगों का शिकायत में उल्लेख किया गया है उनमें से एक विक्रम खटीक जेसीबी से अवैध खनन कराने से लेकर ठेकेदारी को लेकर चर्चाओं में बने रहते हैं। इनकी बीएमओ के साथ मौजूदगी के मामले में बताया जा रहा है की यह पथरिया स्वास्थ्य केंद्र में भृत्य के रूप में भी पदस्थ हैं। इनकी अस्पताल में सिविल वर्क ठेकेदारी मैं हिस्सेदरी की बात कही जा रही है। इधर जिस रूपेश पटेल का उल्लेख शिकायत में आया है उनकी गाड़ी स्वास्थ्य केंद्र में लगी होना बताया जा रहा है। जबकि इनकी अस्पताल के मरीजों के खाना सप्लाई से संबंध होना बताया जा रहा है।
पुराने बीएमओ की अस्पताल व झोला छाप चर्चाओं में.. पथरिया के पुराने बीएमओ द्वारा निजी अस्पताल का संचालन नियम कायदों को ताक पर रख के किए जाने की शिकायते लगातर सामने आती रही हैं। इधर संजय चौराहे से लेकर आसपास झोला छाप डॉक्टरों की क्लिनिक का संचालन धड़ल्ले से चल रहा है। लेकिन कोई रोकने टोकने वाला नहीं है। इधर पिछले दिनों एक फर्जी इंस्टीट्यूट को सील किए जाने की कारवाही के बाद आज तक रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है। वहीं डॉक्टर पटेल की पटेरा में पदस्थापना के दौरान के ऐसे अनेक मामले हैं जिनको लेकर चर्चाओं का बाजार सरगर्म है। फिलहाल मेडिकल ऑफीसर की शिकायत पर पुलिस द्वारा जांच करवाही नहीं करने की एक वजह बीएमओ साहब की मंत्री जी के खास नेता से रिश्तेदारी बताई जा रही है।  पिक्चर अभी बाकी है..

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