लाइन आदेश से चापलूस अय्यारों की नींद उड़ी..
दमोह। एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी द्वारा 4 नवंबर को जारी फेर बदल आदेश से 7 निरीक्षक उप निरीक्षक सहायक उप निरीक्षक की पदस्थापना प्रभावित हुई है। सबसे ज्यादा चौंकाने वाला फेर बदल शहर कोतवाली में हुआ है। जहां एक आनंद को हटाकर दूसरे आनंद को बैठाया गया है वही एक अन्य आंनद को दूसरी जिम्मेदारी सौपी गई है। जिससे यहां पर लंबे समय से आनंद मना रहे चापलूस अय्यारों की नींद उड़ गई है।
दीपावली
के मौके पर एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी द्वारा नगर के गरीब अनाथ बच्चों को
वस्त्र आवश्यक सामग्री आदि का वितरण किया गया था उसे दौरान किसी ने सोचा भी
नहीं था कि इस कार्यक्रम में नजर आ रहे शहर कोतवाल आनंद सिंह की जल्द ही कोतवाली से विदाई होने जा रही है। वही दूसरे आनंद को जबलपुर नाका चौकी की
जिम्मेदारी मिलने जा रही है। एसपी द्वारा 4 नवंबर को
जारी नवीन पदस्थापना आदेश में कोतवाली टीआई कार्य वाहक निरीक्षक आनंद सिंह
को रक्षित केंद्र यानी लाइन भेजा गया है। इधर टीकमगढ़ से दमोह आए आनंद राज को कोतवाली
की कमान सौंपी गई है। एक आनंद की जगह दूसरे आनंद की पदस्थापना के साथ
कोतवाली में पदस्थ एएसआई आनंद अहिरवार को जबलपुर नाका चौकी की जिम्मेदारी
दी गई है। जबकि जबलपुर नाका चौकी के चर्चित प्रभारी बलवंत सिंह हजारी को भी लाइन भेज दिया गया है।
इधर सागर नाका पुलिस चौकी क्षेत्र में कम समय में दम दिखने वाले उप निरीक्षक धर्मेंद्र गुर्जर को हिंडोरिया थाना प्रभारी बनाया गया
है। जबकि टीकमगढ़ से दमोह आए नितेश जैन को सागर नाका चौकी की कमान दी गई
है। लाइन से उप निरीक्षक रामदास कुशवाहा को कोतवाली भेजा गया है।
दीपावली के तीन
दिन बाद यह फेरबदल ऐसे समय पर किया गया है जब जगह-जगह सजने वाली जुआ की
महफिलों पर एसपी के निर्देशन में विशेष टीम द्वारा घर पकड़ कार्यवाही
की जा रही है। लेकिन कोतवाली क्षेत्र में टीआई द्वारा कोई बड़ी कार्रवाई
नही कर पाने उल्टे सीएसपी ऑफिस पुराने थाने के पास तथा कोतवाली से चंद कदम
की दूरी पर पीडब्ल्यूडी ऑफिस एवं कोतवाली के पीछे इंदिरा कॉलोनी क्षेत्र
में जुआ फड़ पकड़े जाने के हालात उजागर हुए हैं।
उल्लेखनीय
की वर्ग विशेष के लोगों के द्वारा कोतवाली परिसर में घेराव हंगामा करने के
दौरान सिंघम स्टाइल के कारण चर्चाओं में आए निरीक्षक आनंद सिंह का वह रूप
शहर वासियों को दूसरी बार देखने को नहीं मिला। उल्टे कोतवाली घेराब कांड के
अधिकांश आरोपियों को जिस तरह से बख्शने की कोशिश की गई वह चर्चाओं में रहा। कसाई मंडी क्षेत्र में फिर से पशु वध की घटनाएं सामने आने, गढ़ी
मुहल्ला में पिछले दिनों झांसी निवासी जैन परिवार की कार के कांच फोड़े जाने
जैसी घटनाओ से
हिंदू संगठनों के द्वारा भी टीआई के रवैये पर सवाल उठाए जा रहे थे।
इधर
आनंद सिंह को कोतवाली से लाइन भेजे जाने के आदेश से उन लोगों के चेहरे की
रंगत भी उड़ गई है जो इनके कार्यकाल में जमकर मजे मार रहे थे। यहा तक की
कोतवाली में डेरा जमाए रहने के बाद कुछ लोग तो आधी रात के बाद भी कोतवाल का
पीछा बंगले तक नही छोड़ते थे। वही कुछ लोग तो कोतवाल के साथ साये की तरह हरदम लगे रहते थे। यहां तक की पुलिस की गोपनीय कार्यवाही
में भी उनकी मौजूदगी के साथ इनके मोबाइल चलते रहते थे। यह सब जानकारी एसपी तक पहुंचने के बाद शहर कोतवाल को जहां रक्षित केंद्र भेज दिया गया है वहीं अब देखना होगा यह लोग
नए कोतवाल के साथ कब तक अपना एडजस्टमेंट बना पाते हैं।
एसपी ने बताया पुलिस जुआड़ी लेनदेन के वायरल वीडियों का सच..सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पुलिस जुआड़ी के बीच लेनदेन के एक वीडियों को लेकर एसपी श्रुत कीर्ती सोमवंशी ने वस्तु स्थिति से अवगत कराया है। एसपी ने बताया कि उक्त घटना दिनांक 01/11/24 की है जब पुलिस दल राउंड
भ्रमण था कि आम चौपरा मंदिर के चबूतरे पर अपरिचित नाबालिग 15-18 बच्चे ताश
के दाव लगा रहे थे जो पुलिस को देख कर भाग गए. मौक़े से ताश के कुछ
पत्ते,01 मोबाइल, एक पर्स और 4800 रुपए बरामद हुए थे।वीडियो में दिखाए जा
रहे पुलिस कर्मी दूसरी सूचना की तस्दीक हेतु मारुताल की ओर जा रहे थे तभी
बरपटी मार्ग पर 15 - 20 लोग आए और त्यौहार के कारण मनोरंजन के लिए खेलना
तथा आगे नहीं खेलने का निवेदन किया और कार्यवाही ना करने के लिए पैसे ऑफ़र
करने लगे। एसपी का कहना है कि किसी भी प्रकार का पैसे का लेनदेन नहीं हुआ।उक्त पुलिस कर्मियों
द्वारा शेष ज़ब्त सामग्री लाकर चौकी में जमा कर दी थी तथा जब्त फोन से
बच्चों के परिजनों को बुलाया जा कर समझाइश दी गई थी।इस घटना में जो वीडियो
वायरल किया जा रहा है वह आधा अधूरा और भ्रामक है।
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