मंत्री द्वय ने छात्राओं को किया सम्मानित
दमोह। यहां पर नई.नई चीजें देखने को मिली खास तौर से पूरे कार्यक्रम की विशेषता यह थी कि यहां पर लगभग 25 स्कूल के विद्यार्थी आए जिन्होंने अपनी कला का भी प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों ने और लोगो ने यहां लगी हुई प्रदर्शनी से पूरे देश और प्रदेश की धरोहर को जानने का प्रयास किया इसके लिए सभी को बहुत.बहुत बधाई । संस्कृति विभाग भारत सरकार के सभी अधिकारियों को बहुत.बहुत बधाई। यह बात प्रदेश के पशु पालन एवं डेयरी विभाग राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री लखन पटेल ने शिव मंदिर ग्राम नोहटा में आयोजित विश्व धरोहर सप्ताह के समापन अवसर पर कही। कार्यक्रम के प्रारंभ में मंत्री द्वय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण
जबलपुर मंडल द्वारा विश्व धरोहर सप्ताह अंतर्गत लगाई गई प्रदर्शनी का जायजा
लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित और माँ
सरस्वती के चित्र पर माल्यापर्ण कर किया। कार्यक्रम में मंत्री द्वय सहित
मंचासीन अतिथियों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम
प्रस्तुत किये गये और छात्राओ को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर प्रदेश के संस्कृति पर्यटन धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने कहा हिंदुस्तान के आजाद होने के बाद मैकाले की शिक्षा पद्धति चली उस शिक्षा पद्धति को पढ़ते.पढ़ते आज की युवा पीढ़ी में पश्चिम के अनुकरण की मनोवृत्ति दिखाई देती है इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने नई शिक्षा पद्धति लागू कीए नई शिक्षा नीति में हम अपने पूर्वजों और गौरवशाली संस्कृति के बारे में भी पढ़ाएंगे। हमने यह शुरुआत की है अपने पुरातन अतीत के बारे में जाना हैए हमें अपने गौरवशाली अतीत पर गौरव करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा युवा पीढ़ी से आग्रह है हम अपने वास्तविक इतिहास को जाने उस पर गर्व करें। श्री लोधी ने कहा विश्व धरोहर सप्ताह के दौरान सभी ने हमारी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति को जाना है।
राज्यमंत्री श्री लोधी ने कहा विश्व धरोहर सप्ताह का कार्यक्रम 19 नवंबर से शुरू हुआ था आज 25 नवम्बर को इस कार्यक्रम का समापन हुआ है। इस कार्यक्रम की उपलब्धि यह है कि इसमें लगभग 20 स्कूलों के विद्यार्थियों ने भाग लिया सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए विद्यार्थियों ने अपनी पुरातत्विक संस्कृति को जानकर गौरव करने का काम किया विद्यार्थियों ने जाना कि हमारे पूर्वजों का गौरव कितना गौरवशाली था यह सारी बातें जानने को मिली विश्व धरोहर सप्ताह के माध्यम से विद्यार्थियों ने अपने गौरवशाली अतीत को जानाए इससे उनके अंदर यह भाव पैदा होता है कि हमारे पूर्वज वास्तव में वैभवशाली गौरवशाली रहेए हर विषय में हमारे पूर्वजों ने काम किया है। इस आयोजन के लिए पुरातत्व विभाग की टीम को बधाई बहुत ही अच्छा और सफल आयोजन किया है।इसी क्रम में एकलव्य विश्वविद्यालय दमोह के कुलपति पवन कुमार ने कहा आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो हमारे अतीत को समझने संरक्षित करने और उनके महत्व को उजागर करने का कार्य करता हैए यह सेवा केवल ऐतिहासिक धरोहरों और पुराने अवशेषों के संरक्षण तक ही सीमित नहीं है बल्कि समाज संस्कृति और मानवता के व्यापक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया हमें हमारे अतीत के रहन.सहन संस्कृति परंपराओं और सभ्यताओं की जानकारी प्रदान करती है यह सर्वे हमें यह समझने में मदद करता है कि हमारा समाज कैसे विकसित हुआए वर्तमान तक कैसे पहुंचा और भविष्य में इसकी क्या रणनीति होगीए इसके माध्यम से सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण भी होता हैए प्राचीन स्मारक मंदिर किले मूर्तियां अन्य धरोहरों को आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया इन धरोहरों को समय की मार से बचाने और संरक्षित करने का काम भी करता है। यह न केवल विद्वानों के लिए बल्कि आम जनता और छात्रों के लिए भी सीखने का एक महत्वपूर्ण साधन है।अधीक्षण पुरातत्वविद् जबलपुर मंडल जबलपुर डॉ शिवाकान्त वाजपेयी ने कहा विश्व धरोहर सप्ताह 19 से 25 नवंबर के मध्य पूरे देश में मनाया जाता है। हमारा पूरा प्रयास रहता है कि छोटे कस्बों में भी ऐसे कार्यक्रम हो। इस कार्यक्रम को आयोजित करने में मंत्री जी ने और जिला प्रशासन ने जो सहायता प्रदान कि जिसके कारण हम इस कार्यक्रम को बहुत अच्छे से संचालित कर सके। उन्होंने इसके लिये मंत्री जी और जिला प्रशासन का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा इस कार्यक्रम की मूल अवधारणा यह है कि जन सामान्य और विशेषकर विद्यार्थियों को अपने धरोहर के प्रति जागरूक करना धरोहर के साथ जोड़ना ताकि जो विरासत हमें हमारे पूर्वजों ने सौंपी है उसे हम आगामी पीढ़ी को भी सौंप सकें उसी अवस्था में जिस अवस्था में हमें ये प्राप्त हुई है। संचालन डॉ आलोक सोनवलकर एवं विपिन चौबे ने किया।
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