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दमोह में यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिये अब उठाए जाएगे कठोर कदम.. जिला मजिस्ट्रेट व एसपी ने पुलिस, राजस्व, जिला परिवहन, जिला सैनानी होमगार्ड और यातायात प्रभारी को दिये आवश्यक निर्देश..

DM-SP ने संयुक्त रूप से किये आदेश जारी

दमोह। जिले में प्रतिदिन ओवरलोडिंग शराब पीकर वाहन चलाने यातायात नियमों के उल्लंघन और अन्य कारणों से सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। विशेष रूप से ओवरलोडिंग नशे की हालत में वाहन चलानाए बिना लाइसेंस के वाहन संचालन और परिवहन नियमों की अनदेखी के कारण इन घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है। नागरिकों की सुरक्षा और जान.माल की रक्षा को ध्यान में रखते हुए सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कठोर कदम उठाना अत्यावश्यक मानते हुये जिला मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार कोचर और पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी संयुक्त रूप से आदेश जारी कर  पुलिस विभाग का अमला राजस्व विभाग का अमला जिला परिवहन अधिकारी जिला सैनानी होमगार्ड और जिला यातायात प्रभारी को निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए प्रतिदिन नियमित रूप से चेकिंग निरीक्षण और आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने निर्देशित किया है।

जिला मजिस्ट्रेट श्री कोचर ने सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों से कहा है यह सुनिश्चित करें कि दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन हो और सड़क सुरक्षा के सभी मानकों का पालन किया जाए। तहसील स्तर पर अनुविभागीय दण्डाधिकारी और अनुविभागीय अधिकारी पुलिस नोडल अधिकारी होंगे। जिला स्तर पर अपर कलेक्टर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नोडल अधिकारी होंगे जो नियमित रूप से इन गतिविधियों की समीक्षा करेंगे। इस संबंध में कलेक्टर श्री कोचर एवं पुलिस अधीक्षक श्री सोमवंशी द्वारा मासिक आधार पर इसकी समीक्षा की जाएगी।
दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए विभागों का समेकित गठन. जिला मजिस्ट्रेट श्री कोचर एवं पुलिस अधीक्षक श्री सोमवंशी के संयुक्त आदेशानुसार सड़क घटनाओं के नियंत्रण एवं उनकी रोकथाम के लिए संयुक्त रूप से प्रतिदिन निरीक्षणए चैंकिग और कार्यवाही सुनिश्चित करेंगेए पुलिस विभागए राजस्व विभागए जिला परिवहन अधिकारीए जिला सैनानी होमगार्डए जिला यातायात प्रभारी को उत्तरदायित्व सौपें गये है। सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने और दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए आवश्यक कार्यवाहियों की एक श्रृंखला निर्धारित की गई है। इन कार्यवाहियों का उद्देश्य न केवल सड़क पर सुरक्षा को बढ़ावा देना हैए बल्कि नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना है। अतः विभाग संयुक्त रुप से प्रतिदिन निरीक्षणए चैंकिग और कार्यवाही सुनिश्चित करेगे।
नशे की हालत में वाहन चलाना.. उन्होंने कहा नशे में वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये। नियमित चेकिंग के दौरानए पुलिस और संबंधित विभाग ऐसे चालकों की पहचान की जाये जो शराब या अन्य नशीले पदार्थों के प्रभाव में हैं। यदि कोई व्यक्ति नशे में पाया गया तो उसके खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाये जिसमें चालान वाहन की जप्ती और दण्डात्मक कार्यवाही शामिल है।
बिना वैध लाइसेंस परमिट के वाहन चलाना.. ऐसे वाहनों को रोका जाएगा जो बिना वैध लाइसेंस के चल रहे हैं। सभी वाहन चालकों को अपनी पहचान और वैध लाइसेंस दिखाने के लिए कहा जाएगा। बिना लाइसेंस या परमिट के चलने वाले वाहनों को तुरंत रोककर जप्त किया जायेए और चालकों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाये। बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाले वाहन चालकों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
अनफिट वाहन से यात्रियों का परिवहन.. अनफिट वाहनों को चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। नियमित रूप से वाहन की फिटनेस जांच की जाएगीए जिसमें ब्रेकए लाइटए टायर की स्थिति आदि का मूल्यांकन शामिल होगा। अनफिट पाए जाने परए वाहनों को सड़क पर चलने से रोका जाएगा और मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वाहन की तय क्षमता से अधिक सवारी या सामान भरकर ले जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। जांच के दौरानए ओवरलोड वाहनों को रोका जाएगा और उनके खिलाफ सख्त दंड लगाया जाएगा।
मोटर साइकिल पर 2 से अधिक सवारी बैठाना..उन्होंने कहा नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये। मोटरसाइकिल पर 2 से अधिक सवारी बैठाने वाले चालकों को रोका जाये और उन पर दंड लगाया जाये। सुरक्षा जागरूकता अभियानों के माध्यम से इस मुद्दे पर जन जागरूकता बढ़ाई जाये।
मोबाइल फोन पर बात करते हुए वाहन चलाना..मोबाइल फोन पर बात करते हुये वाहन चलाने वाले ऐसे चालकों के खिलाफ चालान जारी किया जाएगाए और लगातार उल्लंघन करने पर अन्य सख्त दंड भी लागू किए जा सकेंगे। तेज गति से वाहन चलाने वाले युवाओं को समझाईश दी जाये और उनके परिवारजनों को सचेत किया जाये। चार पहिया वाहनों में सीट बेल्ट न लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नियमित चेकिंग के दौरानए पुलिस सुनिश्चित करेगी कि सभी यात्री सीट बेल्ट पहनें। नियमों का उल्लंघन करने पर चालान और दंड लगाया जाएगा।
फिटनेस जांच.. जिले में बिना फिटनेस के कोई वाहन न चलने पाएए इसके लिए प्रति माह की 05 तारीख तक अनफिट वाहनों की जानकारी जारी की जाये। स्कूल बसोंए स्कूल वैनए ऑटोरिक्शा और ई.रिक्शा की सप्ताह में कम से कम 03 दिन चेकिंग की जाये।अनफिट वाहन के खिलाफए नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एम्बुलेंस की फिटनेस जांच..सभी 108 एम्बुलेंस जननी एम्बुलेंस और निजी एम्बुलेंसों की फिटनेस का परीक्षण कराना अनिवार्य है। इसके अलावा उनके चालकों का मेडिकल परीक्षण भी किया जाएगाए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि वे सभी सुरक्षा मानकों का पालन कर रहे हैं। सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के उल्लंघन की रोकथाम के लिए संयुक्त रुप से निर्धारित स्थानों पर नियमित रूप से चैकिंग एवं कार्रवाई की जाएगी।
व्यस्त बाजार क्षेत्र..बाजारों और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर अवैध पार्किंग अनियमित सवारी और यातायात नियमों के उल्लंघन पर ध्यान दिया जाये। हाईवे पर लंबी दूरी के यातायात को नियंत्रित करने के लिए चेक.पॉइंट्स लगाए जायें। यहां पर ओवरलोडिंग तेज स्पीडिंग और नशे में ड्राइविंग के मामलों की जांच की जाये। आवासीय क्षेत्रों में भी अनधिकृत पार्किंग और नशे में ड्राइविंग की जांच के लिए अभियान चलाए जायें। रात के समय विशेष चेकिंग अभियान चलाए जायेंए जिसमें संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।
शिविरो का आयोजन.. जिला मजिस्ट्रेट श्री कोचर ने निर्देशित किया जिला परिवहन अधिकारी एवं यातायात प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दमोह के समन्वय से ब्लाक तहसील और जिला स्तर पर विभिन्न चिकित्सालयों स्कूल कालेजों एवं अन्य स्थानों पर नियमित रूप से चिकित्सा शिविर आयोजित किए जायें। यह सुनिश्चित किया जाये कि 15 दिनों से अधिक का अंतराल न हो।शिविर सभी प्रकार के वाहन चालकों के लिए आयोजित किए जाएंगे जिनमें चार पहिया वाहन चालक बस चालक स्कलू बस चालक टैक्सी चालकए ट्रक चालक ऑटो चालक मैजिक चालक एवं अन्य सभी प्रकार के वाहन चालक शामिल हैं। सभी चालकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा जिसमें सभी चालकों की दृष्टि की जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सही तरीके से देख सकते हैं और सुरक्षित रूप से वाहन चला सकते हैं।         
स्कूल बस स्कूल वाहनों के संबंध में निर्देश..विद्यालयों में छात्रों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारीए यातायात प्रभारी और जिला शिक्षा अधिकारी संयुक्त रूप से सभी स्कूल संचालकोंए प्रबंधकों और प्राचार्यों के साथ नियमित बैठकें आयोजित करेंगे। इन बैठकों के दौरान दिये गये निर्देशों से सभी को अवगत कराया जाएगा एवं आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।
स्कूल के स्वामित्व वाले वाहन..यह वाहन पूरी तरह से विद्यालय के स्वामित्व में होते हैं और इन्हें स्कूल द्वारा संचालित किया जाता है। अनुबंधित वाहन विद्यालय के स्वामित्व में नहीं होते हैं लेकिन इनका संचालन किसी अन्य संचालक के साथ लिखित अनुबंध के माध्यम से किया जाता है तथा गैर अनुबंधित वाहन न तो स्कूल के स्वामित्व में होते हैं और न ही इनके संचालन के लिए कोई अनुबंध होता है। आमतौर पर ये वाहन बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए आते हैं। उन्होंने कहा सभी स्कूल संचालकों प्रबंधकों और प्राचार्यों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जाएंगी। इनका उद्देश्य सुरक्षा मानकों संचालन नियमों और स्कूल बसों की सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
सभी स्कूल बसों में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस ट्रैकर स्थापित करना अनिवार्य है। यदि स्कूल बस में कोई छात्रा यात्रा कर रही है तो बस में एक महिला सहायक या शिक्षक की उपस्थिति अनिवार्य होगी। स्कूल के बच्चों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सभी साधनों जैसे बस ऑटो मैजिक इत्यादि की सूची तैयार की जाएगी और उन सभी का पुलिस सत्यापन कराया जाएगा। सभी स्कूल बसों का नियमित रूप से फिटनेस परीक्षण किया जाएगाए और उनके पास फिटनेस प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
लोक शिक्षण के नियमों का पालन.. इसके साथ ही लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश द्वारा जारी निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा । उन्होंने कहा स्कूल बस का रंग पीला होना चाहिए स्कूल बस के अग्र एवं पृष्ठ भाग पर स्कूल बस लिखा होना चाहिए। यदि बस अनुबंधित है तो उक्त बस पर श्ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए स्कूल बस में प्राथमिक उपचार के लिए फस्ट एड बाक्स होना अनिवार्य हैए स्कूल बस में निर्धारित मानक के अनुसार गति नियंत्रक यंत्र होना अनिवार्य है
अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु..उन्होंने कहा अगर चैकिंग के दौरान यह प्रमाण हो जाता है कि कोई 4 पहिया वाहन चालक शराब पीकर वाहन चला रहा है तो यातायात पुलिस उसके वाहन को क्रेन से उठाकर थाना ले आएगी और उसे वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सभी बीयर बार और शराब दुकानों के पास नियमित चेकिंग की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी व्यक्ति शराब पीकर वाहन न चलाए। यदि कोई वाहन चालक शराब पीकर वाहन चलाते हुए पाया जाता है तो उसके लाइसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई की जांए।
जो वाहन चालक विशेषकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ट्रैक्टर.ट्रॉली या ऑटो रिक्शा द्वारा ओवरलोडिंग कर मजदूरों या यात्रियों को ले जाते हैं उन पर तुरंत चालानी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें केवल परमिट के अनुसार लोगों को ले जाने की अनुमति होगी। अतिरिक्त लोगों को रोका जाएगा और वही वाहन वापस आकर बाकी यात्रियों को ले जाएगा। सड़क दुर्घटनाओं में सम्मिलित वाहनों के चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस नियमानुसार निरस्त किए जाएं।
मार्गों पर विचरण करने वाले गौवंश के संबंध में उनके मालिकों को नियमानुसार समझाइश दी जावे। यह कार्य संबंधित क्षेत्र के मुख्य नगर पालिका अधिकारी और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा किया जाये। गाय भैंसों पर रेडियम लगाने की कार्रवाई भी नियमानुसार की जावे ताकि रात के समय सड़क पर दुर्घटनाओं को रोका जा सके। ट्रैक्टर ट्रॉली के पीछे रेडियम रिफ्लेक्टर्स लगवाए जाये। जिले के घुमावदार मोड़ों पर नियमानुसार यातायात संकेतक और दिशा सूचक चिन्ह लगवाए जावें ताकि वहां दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
ऐप के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं की जांच और कार्रवाई नियमानुसार की जावे। सभी स्टेकहोल्डर्स एनएचएआई पीडब्ल्यूडी ट्रैफिक पुलिस थाना प्रशासन और अस्पताल इस दिशा में समन्वित रूप से कार्यवाही करें।
जनजागरुकता.. सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और यातायात नियमों के पालन के लिए जनजागरूकता अभियानों का नियमित रूप से आयोजन किया जाएगा। इसके अंतर्गत निम्नलिखित कदम उठाए जाएंगे .
स्कूलों कॉलेजों और समुदायों में सड़क सुरक्षा पर जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। इसमें छात्रों शिक्षकों और अभिभावकों को सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी दी जाएगी। ओवरलोडिंग के खिलाफ व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत वाहन चालकों और आम जनता को ओवरलोडिंग के खतरों और इससे होने वाली दुर्घटनाओं के बारे में बताया जाएगा। सड़क सुरक्षा के संदेशों को व्यापक रूप से फैलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पोस्टर बैनर और होर्डिंग्स का उपयोग किया जाएगा। इसके जरिए लोगों को यातायात नियमों के महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा। रैलियोंए वर्कशॉप्स और सेमिनारों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा। गैर सरकारी संगठनों स्कूलों और सामाजिक संगठनों के सहयोग से सड़क सुरक्षा पर वर्कशॉप और ट्रेनिंग का आयोजन किया जाएगा जिससे अधिक से अधिक लोगों तक यह संदेश पहुंच सके।
नशे के खिलाफ भी विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नशे की हालत में वाहन चलाने वालों पर सख्त कार्यवाही हो और लोगों को यह संदेश दिया जाए कि नशे में वाहन चलाना न केवल अवैध हैए बल्कि जानलेवा भी हो सकता है। जनजागरूकता अभियान में जन अभियान परिषद सामाजिक संगठनों और संकट के साथी को भी जोड़ा जाएगा। ये संगठन सामुदायिक स्तर पर जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। जिला मजिस्ट्रेट श्री कोचर और पुलिस अधीक्षक श्री सोमवंशी द्वारा मासिक आधार पर इसकी समीक्षा की जाएगी।

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