सेफ्टिक टैंक के गुड्डे में पहुंच गया मगरमच्छ का बच्चा..
दमोह। रविवार को तेन्दूखेड़ा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले बिलतरा ग्राम में दौलत सिंह लोधी के बन रहे मकान के पीछे खुदे सेफ्टिक टैंक के गड्डे में साढ़े तीन फटे के मगर मच्छ के बच्चे को देखने पर इसकी सूचना लोगों द्वारा वन विभाग को दी गई जहां सूचना मिलते ही सुबह 10 बजे वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और गड्डे के अंदर रह रहे मगरमच्छ के बच्चे टीम द्वारा रेस्क्यू किया गया जहां आधा घंटे के रेस्क्यू में मगरमच्छ को पकड़कर सुरक्षित व्यारमा नदी में छोड़ा गया।
बताया गया है कि सुबह मकान मालिक अपने घर को देखने के लिए गया तो पीछे तरफ़ किसी जीव-जंतु की आवाज आ रही थी साथ ही पानी में भी किसी के गिरने जैसे आवाज सुनकर मकान मालिक दौलत सिंह लोधी घर के पीछे तरफ़ पहुंचा तो सेफ्टिक टैंक के गड्डे देखा तो एक मगरमच्छ दिखाई दिया जिसकी सूचना पहले तो गांव के लोगों को दी गई जहां गांव के लोगों की मगरमच्छ को देखने के लिए भीड़ लगने लगी उसके बाद गांव के लोगों ने इसकी सूचना तेन्दूखेड़ा वन विभाग को दी गई जहां सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची गांव के लोगों ने बताया गया यह मगरमच्छ का बच्चा पहले पांच छह महीने से इसी मकान के पास एवं गांव के बाहर बनी पुरानी तलैया में था जो कई बार लोगों को दिखाई दिया। लेकिन पता नहीं कब यह मगरमच्छ इस मकान के सेफ्टिक टैंक के गड्डे में गिर गया और कहा जा रहा था अगर किसी के मकान में घुस जाता तो कई लोगों पर हमला कर सकता था साथ ही छोटे बच्चों को भी दिक्कत हो सकती थी।
वहीं मगरमच्छ की सूचना मिलते ही तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र अधिकारी के निर्देश पर सुबह दस बजे डिप्टी रेंजर बृजेश कौल डिप्टी रेंजर बीडी सेन इदरेश खान सहित सांप विशेषज्ञ गोविंद पाटकर सहित वन विभाग की टीम बिलतरा गांव पहुंची और गड्डे में गिरे मगरमच्छ के बच्चे को पकड़ने रेस्क्यू किया गया जहां आधा घंटे की मशक्कत के बाद गड्डे से मगरमच्छ के बच्चे को पकड़ा गया और उसे टाइगर रिजर्व की सीमा से निकली व्यारमा नदी में जाकर सुरक्षित छोड़ा गया सांप विशेषज्ञ गोविंद पाटकर ने बताया कि सुबह वन विभाग द्वारा सूचना दी गई है जहां टीम के साथ मैं भी मौके पर आया और गड्डे में गिरे मगरमच्छ का रेस्क्यू किया गया मगरमच्छ साढ़े तीन फीट का जो एक साल का है जहां यहां पर बनी किसी तलैया से निकलकर गड्डे में गिर गया मगरमच्छ को सुरक्षित नदी में छोड़ा गया है
उल्लेखनीय है कि तारादेही क्षेत्र के पास से निकली व्यारमा नदी जो बिलतरा गांव से आधा किमी दूर से निकली हुई हैं लोगों का कहना है यह मगरमच्छ का बच्चा इस नदी से ही निकलकर पहले इस तलैया में आया होगा और आज इस गड्डे में वही दूसरी ओर व्यारमा नदी कोटखेड़ा तारादेही झलौन तेजगढ़ इमलिया होते हुए निकली व्यारमा नदी में बड़ी संख्या में मगरमच्छों का बसेरा बना हुआ है यहां पर बड़ी संख्या में मगरमच्छों को देखा जा सकता है बारिश के इन तीन महीनों व्यारमा नदी से निकलकर दर्जनों मगरमच्छ रहवासी क्षेत्रों में पहुंच गए थे जिन्हें पकड़कर सिंगौरगढ़ जलाशय और नौरादेही अभ्यारण्य के तालाब सहित इसी व्यारमा नदी में छोड़ा गया है।
वहीं व्यारमा नदी में नहाने के दौरान मगरमच्छ द्वारा कई लोगों पर जानलेवा हमला किया है और एक आठ साल के बच्चे को भी खीच कर पानी में ले गया था। इन हालातों के चलते आमजन को नदी के पास जाने के लिए वन अमले द्वारा प्रतिबंधित कर दिया है लेकिन अब नदी में बड़ी संख्या में मगरमच्छ का कुनबा और संख्या बढ़ने से मगरमच्छ नदी नालों से निकलकर रहवासी इलाकों में पहुंचने लगे हैं जिससे आमजन के साथ वन अमले की चिंता भी बढ़ रही है आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने बताया गया है कि इस व्यारमा नदी में पांच हजार से भी ज्यादा मगरमच्छ की संख्या में जो बच्चों सहित छोटे बड़े सभी प्रकार के मगरमच्छ इस नदी में अपना रहवास बनाए हुए हैं। विशाल रजक की खबर
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