अज्ञात वाहन की टक्कर से लकड़बग्घा की मौत
दमोह। तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र की नरगुवा बीट तहत पाटन जबलपुर मार्ग पर स्थित 27 मील के टावर के पास सोमवार को एक जंगली जानवर का शव सड़क किनारे मृत अवस्था में मिला जिसकी पुष्टि लकड़बग्घा हाइना के रूप में हुई जिसकी जानकारी वन अमले को लगते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचे और शव का पोस्टमार्टम कराया गया..
प्राप्त जानकारी अनुसार सोमवार को तेन्दूखेड़ा वन
परिक्षेत्र की नरगुवा बीट के जंगल का मामला है जहां पर जबलपुर मार्ग पर
नरगुवा वीट के अंतर्गत 27 मील टावर के पास सुबह लगभग 9 बजे किसी अज्ञात
वाहन ने सड़क पार कर रहे वन्य प्राणी लकड़बग्घा को टक्कर मार दी जिससे मौके
पर ही मौत हो गई। जिसकी सूचना तेंदूखेड़ा से जबलपुर जा रहे नगर के ब्रजेंद
सिंह ठाकुर प्राचार्य ने अपने शुभचिंतकों को दी गई जिसकी सूचना वन विभाग तक
दी गई। जिसके बाद वनविभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर लकड़बग्घा का
पोस्टमार्टम कराकर नियमानुसार अंतिम संस्कार शाम को किया गया.. वनविभाग
के एसडीओ प्रतीक दुबे ने कहा कि अज्ञात वाहन की टक्कर से लकड़बग्घा की मौत
हो गई थी सूचना मिलते ही पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार कराया गया।
पोस्टमार्टम के बाद हुआ अंतिम संस्कार.. हाइना
की मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम कराया गया इस दौरान तेंदूखेड़ा वन अमला
और पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ सुभाष परिहार की मौजूदगी में उसका अंतिम
संस्कार किया गया।पशु चिकित्साधिकारी डॉ परिहार ने बताया की होइना की उम्र
1से 2वर्ष के बीच है और मौत वाहन की टक्कर लगाने से हुई हैं। टक्कर से उसके
सिर में गभीर चोटे आ गई थी जो मौत का कारण बनी
पूर्व में भी हुई मौत.. जिस
स्थान पर जानबर मृत मिला है वहा पर एक साल पहले भी दो लकड़बग्घा हाइना की
मौत हो चुकी है इसके पीछे एक बड़ी वजह इस स्थान पर जबलपुर जाते समय ढलान
की स्थिति राहती है और जिससे वाहनों की रफ्तार भी तेज रहती है और इसके चलते
यहां ऐसे हालात बन रहे है..
बड़ी संख्या में मौजूद हैं जानवर..वहीं
तेन्दूखेड़ा वन परिक्षेत्र के जंगलों में बड़ी संख्या जंगली जानवरों मौजूद
हैं जो आए दिन हाईवे और ग्रामीण क्षेत्रों में दिखाई देते हैं वहीं जबलपुर
सागर स्टेट हाइवे 15 जो तेन्दूखेड़ा मुख्यालय से निकला हुआ है साथ ही इस
हाईवे में तेन्दूखेड़ा वन परिक्षेत्र का घना जंगल लगा हुआ है जहां पर
जंगलों से निकलकर आए दिन जंगली जानवर सड़कों पर आ जाते हैं और वाहनों की
चपेट में आने से इनकी मौत हो जाती है या फिर घायल हो जाते हैं इस मार्ग पर
आए दिन सड़क किनारे सियार बड़ी संख्या में मृत अवस्था में देखे जाते हैं
क्योंकि इस मार्ग पर वाहनों की रफ्तार अधिक रहती है साथ ही बड़ी संख्या में
वाहन गुजरते हैं.. विशाल रजक की खबर
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