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दमोह दशहरा आनंद महोत्सव में पूर्व विधायक आंनद श्रीवास्तव की स्मृति में पुरूस्कार वितरण.. इधर ख्वाजा अब्दुस्सलाम चिश्ती के उर्स में तक़रीर प्रोग्राम क़व्वालियों का आयोजन..

धूमधाम से मना दशहरा चल समारोह आनंद महोत्सव

दमोह। परपरागत तरीके से इस वर्ष भी 63 वॉ दशहरा चल समारोह आनंद महोत्सव का आयोजन दमोह के पूर्व निर्दलीय विधायक स्वर्गीय आनंद श्रीवास्तव (आनंद भैया) की स्मृति में हृदय स्थल घंटाघर पर आयोजित किया गया जहां नगर में विराजमान सैकड़ों की संख्या में देवी प्रतिमाएं घंटाघर चल समारोह से गुजरी तो वही अनेक समिति के अखाड़े ने अपना  उत्कृष्ट प्रदर्शन कर आमजन का ध्यान आकर्षित किया चल समारोह के दौरान आनंद भैया की स्मृति में सभी दुर्गा उत्सव समितियों और अखाड़ों को शील्ड और मेडल से सम्मानित कर प्रोत्साहित करने का कार्य किया गया।

कार्यक्रम संयोजक अधिवक्ता आलोक आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि हमारी परंपरा हमारा गौरव है। आनंद भैया के पुण्य स्मरण में हम सभी प्रतिवर्ष दलगत राजनीति से हटकर एक मंच पर सभी एकजुट होकर अनेक देवी प्रतिमाओं से जुड़ी समितियों और अखाड़ों को प्रोत्साहन के रूप में सम्मानित करने का कार्य करते हैं यह परंपरा निरंतर इसी रूप में आगे चलती रहे ऐसा हम सभी का प्रयास है।

हमारा दमोह सदैव गौरवशाली इतिहास का साक्षी रहा है यह परंपराएं हमारे बुंदेलखंड की धार्मिक धरोहर है इन्हें सदैव प्रोत्साहन की आवश्यकता है हम सभी मिलकर हर वर्ष इसी तरह दशहरा चल समारोह आनंद महोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाएंगे। 
आनंद महोत्सव चल समारोह में प्रमुख रूप से दमोह विधायक जयंत मलैया, पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया, जिला कलेक्टर सुधीर कोचर, पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी, तहसीलदार मोहित जैन, नगर निरीक्षक आनंद सिंह, प्रीतम लोधी, गौरव पटैल, अजय टंडन, विक्की गुप्ता, राजू ठाकुर, मनु मिश्रा, शंकर राय, रतनचंद्र जैन, निशांत मलैया, वरिष्ठ पत्रकार सुनील गौतम, दिनेश प्यासी, सत्येन्द्र साहू, अजय खत्री, शशांक असाटी, शंकर गौतम, रोहित, समीर जैन, सौरभ सोनी, आकाश यादव सहित अनेक जनो की गरिमामयी उपस्थति रही। दशहरा चल समारोह आनंद महोत्सव का कुशल संचालन कपिल सोनी, मोंटी रैकवार एवं कृष्णा पटैल ने किया।

 आयोजन के मुख्य व्यवस्थापक अंकुश आलोक श्रीवास्तव ने सभी का आभार माना साथ ही शासन-प्रशासन, पुलिस एवं यातायात प्रशासन नगर पालिका एवं समस्त जनता जानर्दन का तहेदिल से स्वागत करते हुए उन्हे इस पूरे ‘‘आनंद महोत्सव’’ को सफल बनाने में जिस तरीके का सहयोग किया उसके लिए उन्होने आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम के अंत में पुलिस प्रशासन एवं यातायात, राजस्व विभाग, नगर पालिका परिषद, विद्युत विभाग, सहित मीडिया के समस्त पत्रकार बंधुओं व ड्यूटी पर तैनात अनेक अधिकारीयों और कर्मचारियों को मेडल और विभागीय स्तर पर शील्ड प्रदान कर उत्कृष्ट व्यवस्थाओं हेतु सम्मानित कर आभार व्यक्त किया गया।

ख्वाजा अब्दुस्सलाम चिश्ती के उर्स में अकीदतमंदों ने की शिरक़त.. दमोह। महान सूफी संत हज़रत ख्वाजा अब्दुस्सलाम चिश्ती रहमत तुल्लाह अलैह के उर्स के तीसरे दिन रविवार रात स्थानीय पुराना बाज़ार चिश्ती नगर स्थित दरगाह में महफ़िलें क़व्वाली और तक़रीर कार्यक्रम हुआ। वार्षिक 34 वे उर्स के मौक स्थानीय हाफ़िज़ ख़लील साहब ने ख्वाजा साहब की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए तक़रीर की। तक़रीर प्रोग्राम के बाद रात 11 ,20 पर विशाल शरीफ की फ़ातिहा हुई बाद फ़ातिहा देर रात तक क़व्वालियों का प्रोग्राम चला जिसमें राजस्थान से आये मेहमान क़व्वालों ने सूफियाना कलाम पढ़े।

(ख्वाज़ा साहब ने अपने जीवन के आख़री पल दमोह में ही बिताए और यहीं बनी दरगाह) ख्वाजा साहब के (शिष्य मुरीद) देश भर में मौजूद हैं। आप ख्वाजा साहब जिला होशंगाबाद के पचमढ़ी की खूबसूरत वादियों को छोड़ दमोह में अपने मुरीदों (शिष्यों) के बीच रहना ही पसंद किया हयाते ज़िंदगी में अक्सर मुरीदों के पास दमोह में हाजी कासिम हाजी हासिम ठेकेदार के मकान पर रुकना होता था। 
ख्वाज़ा साहब का ज़ाहिरी जीवन से पर्दा इन्तकाल ऊर्दू माह ग्यारवीं शरीफ की 9 वीं तारीख़ को 34 वर्ष पूर्व दमोह में ही हुआ था। जिनकी मज़ार दरगाह शरीफ ख्वाजा साहब के पसंदीदा अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शायर नैयर दमोही साहब के निवास स्थान पुराना बाज़ार नंबर 02 चिश्ती नगर में बनी तभी से इस वार्ड को चिश्ती नगर के नाम से ख्याति मिली ख्वाजा साहब चिश्तिया सिलसिले से ताल्लुक रखते हैं। यहाँ होने वाले उर्स कार्यक्रम में देश प्रदेश के अनेक शहरों से दरगाह पर हाजिरी देने आते हैं..
उर्स कमेटी सदस्य इम्तियाज़ चिश्ती ने जानकारी देते हुए बताया चिश्ती नगर में हर वर्ष होनें वाले उर्स कार्यक्रम उर्स अंजुमन चिश्तिया कमेटी द्वारा किया जाता है दमोह से बाहर अन्य शहरों से आने वाले ज़ायरीन दरबार में आते है और अपनी हाजरी देते साथ ही दुआएं माँगते हैं ख्वाजा साहब ने सभी धर्मों के लोगों को प्रेम और शांति का सन्देश दिया।

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