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रफ्तार का कहर.. अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार की मौत, हेलमेट पहने होते तो शायद बच जाती जान.. तेंदूखेड़ा में महाआरती के साथ दुर्गा पंडालों में हवन पूजन, नदी में जवारे विसर्जित..

अज्ञात वाहन की टक्कर से युवक की हुई मौत

दमोह। तेंदूखेड़ा-तेजगढ़ केवलारी रोड के मावारी झील के पास एक लाश मिलने से सनसनी फैल गई। सुबह घूमने गए लोगो पुलिस को सूचना दी फिर मौके पर पुलिस पहुंची जहां पर शव ने मृतक कोडू उर्फ हल्लन पिता सोनी सिंह गॉड उम्र 35 वर्ष निवासी पुतरीघाट की पहचान कर परिजनों को सूचना दी गई।

 प्रधान आरक्षक हरि चरण गर्ग ने बताया कि अज्ञात वाहन की टक्कर से यह हादसा हुआ है। घटना पर जाकर देखा तो परिजनों को बुलाकर कार्यवाही की गई। शव का पंचनामा कार्यवाही कर पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया। इसके बाद परिजनों को शव सुपुर्द किया गया। घटना स्थल से जो तस्वीरें सामने आई है उनमें हादसे के दौरान बाइक चालक के सिर में गंभीर चोटे आने के हालात को देखकर कहा जा सकता है कि यदि वह हेलमेट पहने होते तो शायद उनकी बच जान सकती थी।

तेंदूखेड़ा में महाआरती के साथ जगह जगह दुर्गा पंडालों में हवन पूजन..  तेंदूखेड़ा में शारदेय नवरात्र के अवसर पर लोगों के  मन मे भक्ति कि एक अलग ही अलख चल रही है लोग सुबह से शाम तक भक्ति के रंग मे लीन रहते हैं। मंदिरों और दुर्गा पंडालों में श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। नवरात्र के 9वें दिन मां जगदम्बा कि महाआरती से लोगों के दिन कि शुरुआत हुई पूरा शहर मां अम्बे की भक्ति में लीन रहे। शुक्रवार को नवरात्र के 9वें दिन जगह-जगह पर सुबह से शाम तक भंडारे और हवन का दौर चलता रहा। इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पीछे  दुर्गा पंडाल सुबह से हवन पूजन हुआ और दोपहर 1 बजे से कन्या भोज के साथ भंडारा हुआ जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हवन पूजन में पहुंचकर भंडारे में मां का प्रसाद लिया 
जनपद पंचायत के सामने महाकाली माता के यहां पर भी हवन पूजन के साथ भंडारे का आयोजन हुआ कृषि मंडी के सामने भी हवन पूजन के साथ भंडारा हुआ नगर की बड़ी खेरमाई मंदिर में भी देर-रात तक भंडारे का आयोजन चलता रहा नगर के एक दर्जन देवी पंडालों में हवन पूजन व भंडारे का दौर चलता रहा शारदेय नवरात्रि के 9वें दिन महानवमीं के अवसर पर नगर में पूरे दिन दुर्गा पंडालों में हवन पूजन भंडारे और धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम चलता रहा। नौ दिनों की देवी उपासना के पश्चात अधिकांश भक्तों ने हवन कर व्रत का समापन किया। श्रद्धालुओं ने 9वें दिन मां सिद्धिदात्री की भक्तिभाव से पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की मंगल कामना की। महानवमी के दिन दुर्गा पंडालों में भक्तों की भीड़ देखी गई। देवी दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। नगर के विभिन्न मंदिरों में हवन पूजा एवं भंडारे का कार्यक्रम किया गया..
मुंह में बाने छेदकर निकाले मातारानी के जवारे नदी में किए विसर्जित.. दमोह। तेन्दूखेड़ा में नवमीं के दिन धूमधाम से निकाले गए माता रानी के जवारे, कोई मुह में बाने छेद कर तो महिलाएं भाव खेलती हुई जवारों के साथ चल रही थी। कन्याएं और महिलाएं जवारों के खप्पर सिर पर रखकर माता रानी का स्मरण के साथ मां दुर्गा के जयकारे लगाकर लोग चल रहे थे। जवारे निकलने से पहले नगर परिषद के द्वारा फायर ब्रिगेड व टैंकर से जवारे निकलने वाले मार्ग को पानी से धुलवाया गया। जवारों का नगर के देवी पंडालों और देवी के मंदिरों में विधिविधान से पूजन किया गया। इसके बाद जवारों का विर्सजन नगर के मढ़ियां घाट और गुरैया नदी में हुआ। साथ ही नवमीं के दिन सुबह से सभी देवी पंडालों एवं मंदिरों में हवन पूजन किया गया। सभी देवी पंडालों में कन्या भोज के भंडारे आयोजन समितियों के द्वारा कराए गए। नवरात्रि लोगों की आस्था का त्योहार होता है। नवरात्रि में अधिकतर श्रद्धालु अपनी अपनी शक्ति के अनुसार मां शक्ति की उपासना करते हैं। 
कोई नव दिन व्रत रखकर तो कोई बिना चप्पल के रहते हैं। ऐसे ही नगर के तीन स्थानों पर लगभग 60 सालों से माता रानी की स्थापना कर उपासना की जा रही है। नगर के बजरंगबली चौराहे पर स्व. मथरा सेठ के द्वारा मातारानी की स्थापना कराई जाती थी। इसके बाद गल्ला मंडी मैदान में स्व. धरमदास नामदेव के द्वारा लोगों के सहयोग से मातारानी की स्थापना कराई जाती थी इस बार भी माता जी की स्थापना कराई गई है। तीसरा स्थान नगर के तारादेही चोराहे पर स्व. लखन केबट के द्वारा माता की स्थापना की शुरूआत की थी। लेकिन लखन केबट और मथरा सेठ के स्वर्गवास होने के बाद भी लोग मातारानी की स्थापना करने की परम्परा निभा रहे हैं। दरअसल इन तीनों स्थानों पर नवरात्रि की स्थापना के पहले ही दिन से ही अपनी अपनी नाटक कम्पनी के द्वारा देर रात्रि तक नाटक का मंचन किया जाता था। जिसे देखने के लिए आसपास के कई ग्रामों के लोग आते थे। लेकिन अब कुछ सालों से नाटक का मंचन बंद हो गया है..

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