15 दिनों में 1,50,000 रू क्षतिपूर्ति का दण्डादेश
दमोह। न्यायिक दण्डाधिकारी सप्तम अपर न्यायाधीश दमोह श्रीमान अमर गोयल द्वारा अपील चैक बाउंस के मामले में आरोपी को दोषी मानते हुए रु.1,50,000/- रुपए क्षतिपूर्ति राशि 15 दिनों में दिये जाने और चूक होने पर 3 माह का साधारण कारावास का दण्डादेश पारित किया है।
अधिवक्ता
राज पाठक द्वारा बताया कि मामला इस प्रकार है कि परिवादी माखन लाल रैकवार
वल्द मन्नू लाल रैकवार साकिन नरसिंहगढ़ जिला दमोह द्वारा अनावेदक/आरोपी
दुर्गेश कुमार गुप्ता वल्द रमेश कुमार गुप्ता साकिन नरसिंहगढ़ जिला दमोह के
मध्य काफी लम्बे समय से अच्छी जान पहचान एवं मधुर संबंध थे संबंधों के
चलते अनावेदक ने परिवादी से माह फरवरी 2019 में अपने ट्रक वाहन के इंजन के
काम करवाने हेतु लिये एवं अपनी व्यक्तिगत आवश्यकताओं को बताकर 80,000/-
राशि की मांग की उधार मांगने पर परिवादी से संबंधो के कारण आरोपी की
आवश्यकता को समझकर 80,000/- रूपये उधार दिये। कुछ
दिन बाद परिवादी ने अपने रूपये आरोपी से मांगे तो उसने परिवादी को 2000/-
नगद एवम भारतीय स्टेट बैंक शाखा नरसिंहगढ़ का एक चैक राशि 50,000/- एवम
दूसरा राशि 28,000/- रूपये का परिवादी को प्रदान कर दिया परिवादी ने जब चैक
बैंक में लगाया तो बैंक में राशि नहीं होने से परिवादी को रूपये नहीं मिले
और चैक बाउंस हो गया।
परिवादी
ने इसकी सूचना आरोपी को दी परंतु सूचना के बाद भी आरोपी ने रूपये नहीं
दिये तो परिवादी के विरूद्व न्यायालय में केस लगा दिया। न्यायालय ने दोनों
पक्षों की साक्ष्य होने के बाद तर्क सुनकर आरोपी दुर्गेश कुमार गुप्ता को
परिवादी माखन लाल रैकवार के उधार दिये पैसे नहीं देने और बैंक खाते में
पैसे नहीं होने के बाद भी चैक जारी करने का दोषी मानते हुए न्यायिक
मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दमोह सुश्री दिव्य रामटेक ने आरोपी दुर्गेश गुप्ता
पिता रमेश गुप्ता को धारा 138 परकाम्य लिखत अधिनियम, 1881 के अधीन दोषी
पाते हुए छः माह का साधारण कारावास तथा 78,000/- (अव्हत्तर हजार रूपये) के
मूलधन पर व्यासायिक दर से 8 प्रतिशत ब्याज प्रतिवर्ष के अनुसार प्रकरण
प्रस्तुति दिनांक 21.05.2019 से निर्णय दिनांक तक औसत 29,642/- रूपये
(उन्तीस हजार छः सौ ब्यालीस रूपये) तथा परिवादी को पहुंचे मानसिक संताप व
प्रकरण की कार्यवाही के खर्चों को देखते हुए 20,000/- रूपये (बीस हजार
रूपये) इस प्रकार मूल धन, ब्याज व खर्चों सहित 1,27,642/- रूपये (एक लाख
सत्ताईस हजार छः सौ ब्यालीस रूपये) का प्रतिकर अधिरोपित किया था। जिसकी
अपील आरोपी दुर्गेश कुमार गुप्ता द्वारा न्यायिक दण्डाधिकारी सप्तम अपर
न्यायाधीश दमोह श्रीमान अमर गोयल के समक्ष की थी जिसमे श्रीमान न्यायाधीश
द्वारा अपील चैक बाउंस के मामले में आरोपी दुर्गेश कुमार गुप्ता को दोषी
मानते हुए सीआरपीसी की धारा 357(3) के तहत प्रतिकर राशि 1,27,642/- से
बढ़ाकर रु.1,50,000/- कर दी जाती है और चूक होने पर 3 माह का साधारण
कारावास एवं क्षतिपूर्ति राशि 15 दिनों में दिये जाने का दण्डादेश पारित
किया है। मामले की पैरवी अधिवक्ता राज पाठक ने की।
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अहिरवार उम्र करीब 54 वर्ष निवासी सरिया थाना बटियागढ़ के रूप में की गई
है..
बतायां जा रहा गुरुवार शाम परिजनों ने बटियागढ़ थाना में गुमइंसान
रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी, म्रतक की बाइक चैनपुरा गांव के पास मिलने की भी
जानकारी मिली है, बटियागढ़ और नरसिंहगढ़ चौकी पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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