चैनपुरा हिंगवानी सड़क का सांसद मंत्री ने किया पूजन
दमोह। प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विभाग राज्यमंत्री ;स्वतंत्र प्रभार लखन पटेल ने कहा पथरिया विधानसभा के ग्राम मडिया से ऊपर की सीमा पर बसे ग्राम चैनपुरा से हिंगवानी तक 1 करोड़ 19 लाख रुपए की लागत से बनने वाली 1.30 किमी लंबी सड़क का भूमिपूजन किया गया हैं। उन्होंने कहा इस सड़क के निर्माण से बरौदा के लोगों को आवाजाही में सुविधा होगी।
लाड़ली लक्ष्मी के माता पिता को प्रमाण पत्र.. दमोह। भारत सरकार की बेटियों एवं महिलाओं को अनेक क्षेत्र में बढ़ावा देने हेतु संचालित महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनान्तर्गत दमोह जिले में प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विभाग राज्यमंत्री ;स्वतंत्र प्रभार श्री लखन पटेल के आतिथ्य में शिक्षा के क्षेत्र में वर्ष 2023.24 में जिन बेटियों ने कक्षा 10 वी एवं 12 वीं में प्रथम 10.10 स्थान प्राप्त किये है उन बालिकाओं के सम्मान में दमोह शहर के शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई हाई एवं हायर सेकण्ड्री कन्या शाला में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथि राज्यमंत्री श्री पटेल द्वारा माँ सरस्वती जी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। कार्यक्रम में शाला की छात्राओं जिसमे मुस्कान लोधी एवं उनकी टीम द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत द्वारा किया गया। इसके पश्चात राज्यमंत्री श्री लोधी द्वारा कन्या पूजन कर लाड़ली लक्ष्मी बालिकाओं के माता.पिता को प्रमाण.पत्र वितरित किये गये व कक्षा 10 वी एवं 12 वीं में प्रथम 10 स्थान में आने वाली बालिकाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर राज्यमंत्री श्री पटेल ने बालिकाओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि गर्व हैं हमें कि छोटे.छोटे ग्राम की बालिकाओं ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना नाम रोशन किया बालिकाओं में प्रकृति ने जन्म से ही अनन्त हुनर एवं प्रतिभाएं प्रदान की हैं परन्तु अनेक वर्षों से इस रूड़ीवादी सोच ने इनको आगे नहीं आने दिया और बालिकाएं अवसरों से विमुख रही। परन्तु मध्यप्रदेश शासन के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह ने इन बालिकाओं को आगे लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 33 प्रतिशत आरक्षण इन्हें समाज की मुख्य धारा तक लाने में मील का पत्थर साबित हुआ।उन्होंने कहा की एक समय था जब बालिकाओं को शिक्षा से दूर रखा जाता थाए ये शालाएं उनके ग्रामों से दूर थी और लड़कियां बीच में ही स्कुल छोड़ देती थी। आज हमारे जिले की बेटियां गाँव में रहकर ही पढाई करके शहरों से चिकित्सक इंजीनियरिंग आईटी पुलिस प्रशासन एवं न्यायालय आदि क्षेत्रों में अपना नाम रोशन कर रही है और रूडिवादि सोच वाले लोगों को यह बता रही हैं की एक अवसर यदि मिले तो वह किसी से कम नहीं है। सम्मान कार्यक्रम में सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास संजीव मिश्रा द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के उद्देश्य एवं जिले में इसकी स्तिथि के बारे में बताते हुए कहा की यह योजना दमोह जिले में 2018 में प्रारंभ हुई जिसके उदेश्य लिंगानुपात को समान करना लैंगिक भेदभाव को दूर करना बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना प्रसव पूर्व भ्रूण परिक्षण पर रोक बाल विवाह रोकथाम आदि हैं। इस हेतु युवाओं एवं एवं पुरुषों की सहभागिता को बढ़ाना है।इस अवसर पर किशोर सशक्तिकरण बाल विवाह एवं बाल हिंसा रोकथाम कार्यक्रम जिला समन्वयक वीरेंद्र जैन द्वारा राज्यमंत्री श्री पटेल को 16 जिलों में संचालित 5 वर्ष से अधिक समय से इस कार्यक्रम के अभिनव प्रयास डायरी भेंट की गई। कार्यक्रम में सुखई पटेल महेंद्र लोधी जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा एपीसी मोहन राय परियोजना अधिकारी सुलेखा ठाकुर शाला प्राचार्य अर्चना जैन वरिष्ठ शिक्षक आरबी सिंह पारस जैन पीडी मिश्रा एवं समस्त शाला शिक्षकों की उपस्थिती रही। कार्यक्रम में श्रेयस रावत वीरेंद्र सेन एवं सचिन गोस्वामी का विशेष योगदान रहा। आभार जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास जयवंत वर्मा ने एवं संचालन यूथ अचीवर्स कृष्णा पटेल द्वारा किया गया।राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में शिक्षका शीला पटेल का भोपाल में सम्मान आज.. दमोह। प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल के मुख्य आतिथ्य एवं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में ष्राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोष् आज 25 अक्टूबर 2024 को प्रात 11 बजे से स्वर्ण जयंती हॉल आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी भोपाल में आयोजित किया गया है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा ने बताया राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार.2024 के शिक्षकों एवं गत वर्ष के राष्ट्रीय शिक्षक पुरूस्कार.2023 के शिक्षकों को सम्मानित किया जायेगा..
जिसमें दमोह जिला अंतर्गत चयनित शासकीय प्राथमिक शाला देवरान टपरिया की प्राथमिक शिक्षक शीला पटेल को सम्मानित किया जायेगा। इस आयोजन में राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार हेतु चयनित एवं गत वर्ष के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों तथा उनके एक परिजन आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी भोपाल में उपस्थिति सुनिश्चित की जायेगी।शिक्षिका शीला पटेल की कहानी उनकी जुबानी.. दमोह जिले की तहसील पथरिया के शासकीय प्राथमिक शाला देवरान टपरिया की प्राथमिक शिक्षिका शीला पटेल ने बताया उनकी नियुक्ति 01 अगस्त 2003 को गुरूजी के रूप में हुई थी तब से मैं वहां निरंतर कार्य कर रही हूँ। सामान्य तरीके से पढ़ाने के बाद उन्होंने अनुभव किया कि ऐसा कोई बच्चा नहीं हैं जिसे खेलना पसंद नहीं हो और बच्चे खेल.खेल कर ज्यादा अच्छे तरीके से सीखते हैं। इस कारण उन्होंने उनकी पूरी थीम चेंज करते हुए बच्चों को खेल.खेल और टीएलएम के माध्यम से पढ़ाना शुरू कर दिया।
उन्होंने बताया टीएलएम के लिए घर के वेस्ट मटेरियल जैसे साड़ी के पुराने डिब्बे मिठाई के डिब्बे शादी के पुराने कार्ड कार्टून इन सारी चीजों से पहले बच्चों के साथ टीएलएम बनाना शुरू किया और टीएलएम बनाने के साथ उसी का यूज़ बच्चों को सिखाने में किया। जिससे बहुत अच्छे परिणाम भी सामने आए। इसके साथ.साथ अपनी शाला के पूर्व छात्रों का भी सहयोग लिया जो छात्र स्कूल से निकल गए उनमे से कुछ बच्चे बहुत अच्छी ड्राइंग और अच्छा क्राफ्ट का काम कर लेते थे। उनका सहयोग लिया। टीएलएम में सीखने की सामग्री फलों के नाम सब्जियों के नाम शरीर के अंगों के नाम है इन्हे बच्चे देखते है और देखकर जल्दी सीखते है।
शिक्षिका श्रीमति पटेल ने बताया इसका शाला निधि से व्यय नहीं किया। इसके लिए हमने विद्यार्थियों का सहयोग लिया जो विद्यार्थी हमारे यहां से निकल कर गए। विद्यार्थियों की रुचि को ध्यान में रखकर वर्ष 2022 और 23 में स्कूल में एक माह का समर कैंप का आयोजन किया और समर कैंप में स्थानीय खेल गीत डांस चित्रकला आदि गतिविधियां कराई। इसमें आस पास के टीचरों को भी लिया गया। किसी टीचर को योगा अच्छा किसी टीचर को डांस अच्छा आता है तो उन्हें भी उन्हें बुलाया और उनसे भी मदद ली। नए.नए लोगों को आमंत्रित किया। जैसे किसी दिन डॉक्टर कभी पुलिस अधिकारियों का सहयोग लिया।
उन्होंने बताया एक दिन हमने महिलाओं का सम्मेलन किया जितने विद्यार्थी स्कूल में पढ़ते है सभी की मम्मियों को बुलाया केवल माताओं का सम्मेलन किया। उस दिन माताओं को बच्चों की उपलब्धियां भी बताई और साथ में उन्हें प्रोत्साहित भी किया। शिक्षिका श्रीमति पटेल ने कहा उनके पढ़ाए हुए विद्यार्थियों में सविता प्रीति नेहा सहित अन्य बच्चे जो आज सरकारी पदों पर हैं। चाहे वो स्वास्थ्य विभाग हो या पंचायत विभाग हो तो हमें भी खुशी होती है। यही बच्चे हमारा सहयोग भी करते हैं। उन्होंने बताया वे एक सिंगल शिक्षिका हैं तो अभी मेरे कुछ ऐसे बच्चे हैं जो आकर कहते हैं दीदी आप अकेली हो तो वो भी आकर अध्यापन कार्य में हमारा सहयोग करते हैं यह हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा शाला का भयमुक्त एवं आनंदमयी वातावरण देखकर प्रति वर्ष 4.6.8.10 ऐसे बच्चों का हमारे स्कूलों में नामांकन होता है। इससे हमारी शाला की नामांकन दर में भी वृद्धि होती है। उन्होंने कहा बच्चों के साथ बच्ची बनकर काम करने की मेरी रुचि है।
0 Comments