पूर्व कलेक्टर के कार्यकाल में नियम
विरुद्ध डाटा एंट्री ऑपरेटर बने कर्मचारियों की सेवाए समाप्त..
भोपाल/ दमोह। दमोह जिले के पूर्व में कलेक्टर रहे श्रीनिवास शर्मा के कार्यकाल अनेक विवादित नियुक्तियां के मामले में चर्चाओं में रहे हैं। जिनको लेकर भोपाल तक शिकायत पहुंचने और कार्रवाई को लेकर मीडिया की सुर्खियां बनने जैसे हालात सामने आते रहे है। जिला पंचायत से संबंधित ऐसे ही एक मामले में तीन डाटा ऑपरेटर की नियम विरुद्ध नियुक्ति के मामले में कोर्ट के स्पष्ट आदेश आ जाने के बाद पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने आखिरकार 30 अगस्त 2024 को तीनो की सेवा समाप्त कर दी है। लेकिन उपरोक्त नियुक्तियां की गलत नोट शीट चलाने वाले कर्मचारी तथा अनुशंसा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई करने ध्यान नहीं दिया गया है। ऐसे में अब दमोह कलेक्टर से अपेक्षा की जा रही है कि मामले में दोषी अन्य कर्मचारियों के खिलाफ भी मामले को संज्ञान में लेकर जल्द कार्रवाई की जाए।
मध्य प्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश
पत्र क्रमांक/स्थान.-1/पं रा./एफ-6/115/2024/1281/दिनांक 30/08/2024 अनुसार
संतोष अहिरवार डाटा एंट्री ऑपरेटर भूपेंद्र असाटी और हरवंश चौबे कंप्यूटर
ऑपरेटर को सहायक वर्ग 3 के पद पर कलेक्टर जिला दमोह द्वारा क्रमश आदेश
क्रमांक 10954, 10956एवं10958 दिनांक 08/02/2018 के नियमित आदेश को निरस्त
कर दिया। उक्त मामले में तीनों कर्मचारियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय
में याचिकाएं दाखिल की गई थी..
जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा याचिका
कर्ताओं के समक्ष मे अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया था जिसमें मध्य प्रदेश
शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र 29 सितंबर 2014 में स्थाई
कर्मचारियों को 10 वर्ष या उससे अधिक से कार्यरत है तो नियमित करने का
प्रावधान अनुसार कलेक्टर महोदय द्वारा निर्णय लिया गया था एवं जिला पंचायत
की सामान्य प्रशासन स्थाई समिति की दिनांक 17 11 2017 को माननीय सभापति एवं
प्रशासन द्वारा नियमितीकरण का निर्णय लिया था । परंतु सामान्य प्रशासन
विभाग का परिपत्र दिनांक 2909 2014 मूल परिपत्र दिनांक 1605 2007 के
अनुक्रम में जारी किया गया था..
जिसमें दैनिक वेतन भोगी/अस्थाई कर्मचारियों
के नियमितीकरण का उल्लेख है संविदा कर्मचारियों पर यह परिपत्र लागू नहीं
होता इससे स्पष्ट है कि तत्कालीन कलेक्टर श्री श्रीनिवास शर्मा द्वारा उक्त
भर्ती त्रिकोण की पूर्णता अनदेखी की गई इस प्रकरण में कार्यालय कलेक्टर
जिला दमोह के पत्र क्रमांक/क/स्था./2019/4161/दमोह दिनांक 2907219 को
संयुक्त आयुक्त स्थापना विकास आयुक्त कार्यालय विंध्याचल भवन द्वितीय तल
भोपाल को विषय-अनुशासनात्मक कार्यवाही-दो श्रीनिवास शर्मा तत्कालीन कलेक्टर
दमोह के लिए पत्र लिखा था जिस पत्र पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा क्या
कार्रवाई हुई आज तक सार्वजनिक नहीं हुई.. नियुक्ति में अहम भूमिका निभाने वालों पर कार्रवाई का इंतजार.. वहीं पूर्व में तीनों कर्मचारियों
द्वारा अपने संविदा पदों से त्यागपत्र कार्यालय जिला पंचायत दमोह मध्य
प्रदेश के पत्र क्रमांक/क/स्था./प्रशा./जि.पं./ 2018 दमोह दिनांक 2602
2018 के माध्यम से त्यागपत्र दे दिया गया था जो विभाग द्वारा स्वीकार कर
लिया गया जिसकी सूचना सचिव मध्य प्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास
विभाग भोपाल श्रीमान आयुक्त महोदय सागर संभाग सागर कलेक्टर दमोह एवं लेखा
शाखा जिला पंचायत दर् डी.आर.डी.ए. एवं संबंधित
कर्मचारियों को प्रतिलिपि उपलब्ध कर सूचना अर्थ कराई गई।
इस पूरे प्रकरण
में तत्कालीन कलेक्टर दमोह श्री श्रीनिवास शर्मा के साथ-साथ कार्यालय जिला
पंचायत, मनरेगा शाखा, एवं कलेक्टर कार्यालय से संबंधित शाखों में पदस्थ
अधिकारी एवं कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई जिन्होंने इस पूरे
प्रकरण में दस्तावेज कठे कर नोट सेट तैयार कर इन तीनों कर्मचारियों के नियम
वृद्धि पद स्थापना में अपनी भूमिका निभाई।
अब सवाल यह है कि वर्तमान में
दमोह में पदस्थ तत्कालीन ईमानदार और कर्तव्य निष्ठ कलेक्टर श्री सुधीर कोचर
इन कर्मचारियों द्वारा जो नियमित कमी का वेतन प्राप्त किया गया उसकी वसूली
हेतु क्या कार्यवाही करते हैं और शासन को अवगत कराते हैं साथ ही साथ उनके
द्वारा अपने पदों पर रहते हुए जो नियम वृद्धि कार्य किए गए उसकी जांच कब तक करवाते हैं।
ज्ञात रहे क्रमशः तीनों कर्मचारियों का जिला पंचायत कार्यालय
दमोह में गोंड खनिज, मनरेगा शाखा, एवं प्रधानमंत्री आवास में पदस्थ रहे थे। आए दिन समाचार पत्रों में वर्षों से इन योजनाओं में हुई गड़बड़ियों
की शिकायतें प्रकाशित होती रही हैं एवं ग्रामीण जनों द्वारा हजारों की
तादाद में कार्यालय कलेक्टर दमोह, कार्यालय जिला पंचायत दमोह, और कार्यालय
जनपद पंचायत के साथ-साथ सीएम हेल्पलाइन में भी अनेकों शिकायत की गई..
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