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जबलपुर हाई कोर्ट में हाजिर हुए डा. अजय लाल.. कोर्ट ने विदेश भागने की झूठी जानकारी देने पर नाराज़गी जताई हुए.. अति. महाधिवक्ता व संबंधित अधिकारियों को जानकारी के स्रोत जुटाने के दिए गए निर्देश..

जबलपुर हाई कोर्ट में हाजिर हुए डा. अजय लाल 

जबलपुर/दमोह। बीते दिनों मिशन अस्पताल दमोह के संचालक डॉ अजय लाल के विदेश भाग जाने की ख़बर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गरमा गया था। वही अजय लाल ने दिल्ली से अपना एक वीडियो बयान जारी करके देश में ही रहने की जानकारी दी थी। इस दौरान उनके अधिवक्ता श्री विवेक तन्खा का भी बयान सामने आया था। इधर उपरोक्त घटनाक्रम के बीच अजय लाल को 2 सितंबर 2024 को हाई कोर्ट में अपने पासपोर्ट के साथ पेश होने के निर्देश दिए गए थे।

सोमवार को डा. अजय लाल हाई कोर्ट में हाजिर हुए। जहाँ न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है। कोर्ट ने महाधिवक्ता कार्यालय द्वारा न्यायालय को डॉ लाल के विदेश जाने वाली झूठी जानकारी देने पर जमकर नाराजगी ज़ाहिर करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय और  संबंधित अधिकारियों से मिली जानकारी के स्रोत जुटाने के भी निर्देश दिए है और न्यायालय को भृमित करने वाले अधिकारियों पर भी सख़्त कार्यवाही की बात कही है ।  हाई कोर्ट ने डा. लाल को उनके ओरिजनल पासपोर्ट के साथ दो सितंबर को हाजिर होने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद डॉ अजय लाल श्री वी.के. तन्खा और शशांक शेखर,  वरिष्ठ वकील के साथ व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित हुए। ताकि अदालत को आश्वस्त किया जा सके कि महाधिवक्ता के कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी सही नहीं थी। यह कुछ नहीं बल्कि पुलिस द्वारा याचिकाकर्ता को परेशान करने की कार्रवाई है ।

न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी ने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत हलफनामे पर ध्यान देते हुए, यह न्यायालय पाता है कि जानकारी पर कोई कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं है महाधिवक्ता कार्यालय द्वारा बताई गई बात गलत है। महाधिवक्ता कार्यालय को इस न्यायालय के समक्ष एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया गया है ताकि इस न्यायालय को अवगत कराया जा सके कि जो जानकारी उन्हें दी गई थी उसका स्रोत क्या था और अंततः वह जानकारी गलत पाई गई। 

यदि न्यायालय ऐसा सोचता है, तो उस व्यक्ति  के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकती है जिसने महाधिवक्ता कार्यालय को गलत जानकारी दी है। इसके अलावा, सबमिशन पर विचार करते हुए और हलफ नामे के अवलोकन पर, अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री रूपराह को उस स्रोत से भी जानकारी मांगने के निर्देश  दिए गए जिसने यह जानकारी दी है कि ऐसी जानकारी का आधार क्या था और किसने यह जानकारी कार्यालय को दी है।ताकि संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जा सके।

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