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संकुल प्राचार्य राजपूत सर को रिटायरमेंट पर दी गई ऐतिहासिक विदाई.. उर्दू स्कूल प्रांगण में आयोजित समारोह में पूर्व मंत्री श्री मलैया के साथ मंत्री का दर्जा प्राप्त कुमारिया जी भी शामिल हुए..

 सभी की जुबाँ पर था ऐसी विदाई कभी नहीं देखी..      

 दमोह शासकीय उर्दू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दमोह के प्राचार्य राम सिंह राजपूत की विदाई व भव्य सम्मान समारोह सुर्खियों में रहा। कार्यक्रम में उपस्थित हर व्यक्ति की जबान पर यही था कि ऐसी विदाई आज तक नहीं देखी । उर्दू स्कूल के प्रांगण में एक भव्य समारोह आर एस राजपूत की विदाई व सम्मान में आयोजित हुआ जो कि एक अलग ही तरह का आयोजन था। लगभग पूरे जिले के शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, पार्किंग के लिए एक एकड़ का मैदान भी कम पड़ गया। 

 छात्र छात्राओं ने सांस्कृतिक गीत से कार्यक्रम प्रारंभ किया और महिला स्टाफ के विदाई गीत की मनमोहक प्रस्तुति दी जिसे खूब सराहा गया। कार्यक्रम में अध्यक्षता कर रहे विधायक जयंत मलैया ने उर्दू विद्यालय की व्यवस्थाएं देख कर यहाँ की एक एक चीज की प्रशंसा करते हुए कहा ये सबसे खूबसूरत विद्यालय है, यहाँ की कई चीजें अनुकरणीय हैं । इसके लिए प्राचार्य व समस्त स्टाफ को बधाई प्रेषित की।  पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमेन राम कृष्ण कुसमरिया, जिला शिक्षा अधिकारी एस के नेमा , सहा संचालक एन सिंह, व्याख्याता डॉ. अनिल त्रिपाठी ने आर एस राजपूत की कार्य शैली को प्रभावशाली व अनुकरणीय बताया। 

उर्दू स्कूल स्टाफ की ओर से डॉ . नाजिर खान ने राजपूत सर का सम्मान शायराना अंदाज के साथ शुरू किया तो पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से सम्मान होने तक गूँजता रहा । उन्होंने गजल के माध्यम से कहा शिकवा किसी को होटों पे लाने नहीं दिया , ख़ाली किसी को आपने जाने नहीं दिया ' जैसे भी हो सका है बनाए सभी के काम , आँसू किसी की आँख में आने नहीं दिया ॥  उर्दू स्टाफ ने राजपूत सर का सम्मान 11 किलो फूलों की माला पहना कर किया और कई नवाचार करने के लिए उन्हें "शिक्षा विभाग का विकास पुरुष " के खिताब से भी नवाजा एवं एक डबल डोर फ्रिज उपहार में भेंट की। राजपूत सर को सम्मानित करने आए सभी शासकीय कर्मचारी संगठन, शासकीय, अशासकीय स्कूल स्टाफ , मित्रगणों व मुस्लिम समाज एवं छात्र छात्राओं की कतार लगी रही । दो घंटे तक सम्मान एवं उपहार भेंट करने का क्रम नहीं टूटा । 

अंत में दुल्हन की तरह सजाई गई एक खुली जीप में राजपूत सर को बैठाया गया और ये काफिला कई बड़ी गाड़ियों के साथ रवाना हुआ । रास्ते में दोनों ओर खड़े उर्दू विद्यालय के छात्र छात्राएं जिनकी आँखें आँसुओं से लबरेज थी वो सभी पुष्प वर्षा करते रहे और अपने प्राचार्य को ऐतिहासिक विदाई के साथ विद्यालय से रवाना किया। उर्दू स्कूल से ये काफिला उत्कृष्ट विद्यालय पहुँचा यहाँ राजपूत सर ने गाँधी जी के चित्र पर माल्यार्पण किया व अपनी इस प्रथम कर्म भूमि को नमन किया । वैशाली नगर स्थित उनके घर तक गए इस काफिले में डीईओ एस के नेमा , पूर्व डीईओ पी.पी. सिंह, पूर्व डीईओ डाईट प्राचार्य एस.के. मिश्रा के साथ स्कूलों के प्राचार्य एम एल यादव , डी के मिश्रा , नदीम उल हसन, प्रमोद गाँगरा , अनिल जैन, श्रीमती विधि जैन, पारस जैन, एस एल अहिरवाल , डा. आलोक सोनवलकर, राजीव जैन , आदि कई प्राचार्य सम्मिलित हुए । 

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त शासकीय शिक्षक संगठनों एवं पदाधिकारी विशेषकर प्रमेंद्र जैन, सत्य नारायण तिवारी , पदम सिंह , मनीष भारद्वाज , विष्णु शर्मा , संजय मिश्रा , विवेक दुबे का अमूल्य योगदान रहा। संस्था के सक्रिय शिक्षक स्टाफ में डॉ. नाजिर खान, इसरार खान, अतुल चौबे, अजय स्वर्णकार , रशीद खान , नसीम अहमद, आर.जी. चौधरी , वेद प्रकाश खरे, रज्जाक खान, जमील उद्दीन,अर्जित खरे , संदीप तिवारी , हारून खान, कुलदीप चौरसिया , वंदना सोनी , डॉ. आशा जैन ' शशि प्रभा जैन, सोनिका सोनी, प्रीति जैन, जेसी डाली बहादुर, अरुणा तिवारी,फरहत जहाँ ' सरस्वती गुप्ता , प्रीति दुबे ' कार्यालय स्टाफ से आर पी बरदिया , रकीब उस्मानी मनोहर अहिरवाल, सीता गौण , देवेन्द्र सींग , आरिफ खान , प्रेम नारायण, आकाश मिश्रा ने आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संचालन प्राचार्य डॉ. आलोक सोनवलकर ने किया एवं आभार शिक्षक वेद प्रकाश खरे ने माना।

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