Ticker

6/recent/ticker-posts

दमोह के श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हे मंदिर जी में.. मुनि संघ के सानिध्य में श्री सिध्द चक्र महामंडल विधान का घट यात्रा एवं ध्वजारोहण से शुभारंभ..

सिध्द चक्र महामंडल विधान का ध्वजारोहण से शुभारंभ

दमोह। श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हे मंदिर में मुनि श्री प्रयोग सागर जी एवं मुनि श्री सुब्रत सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य एवं ब्रह्मचारी संजीव भैया कटंगी के निर्देशन में सौरभ लहरी परिवार के द्वारा आयोजित सिद्ध चक्र महामंडल विधान का घटयात्रा एवं ध्वजा रोहण के साथ शुभारंभ हुआ।

इस अवसर पर मुनिश्री प्रयोग सागर जी महाराज ने अपने मंगल प्रवचन में कहा कि जीवन में संपत्ति बहुत लोग अर्जित कर लेते हैं किंतु संपत्ति को धर्म कार्यों में लगाना बहुत पुण्य आत्मा का कार्य होता है भगवान की भक्ति के लिए बहुत पुण्य की आवश्यकता होती है।

बुंदेलखंड में सिद्ध चक्र महामंडल विधान कर पुनर्जन करने की पुरानी परंपरा है प्रत्येक धर्मात्मा व्यक्ति अपने जीवन में एक बार अवश्य यह विधान कर जीवन को धन्य मानता है।इसके बाद मुनि श्री सुब्रत सागर जी महाराज ने कहा कि मोक्ष मार्ग में ध्यान और अनुष्ठान के द्वारा ही  पुण्यर्जन होता है कीड़े मकोड़े बनकर त्रस पर्याय  प्राप्त करना दुर्लभ चिंतामणि के समान है।


 फिर संगी पांच इंद्री मनुष्य पर्याय प्राप्त कर जैन धर्म में जन्म लेना और आचार्य विद्यासागर जी के शासनकाल में धर्म की आराधना करने का सौभाग्य मिलन अपने आप में महा पुण्य का उदय मनाना चाहिए सिद्ध चक्र महामंडल विधान में सिद्धों की आराधना होती है और जो सिद्धों की आराधना करता है वह एक दिन सिद्ध बन जाता है। विधान के पुण्यार्रजक लहरी परिवार के सौरभ जैन ने सकल जैन समाज से विधान में शामिल होकर धर्म लाभ की अपील की है।

Post a Comment

0 Comments