बाइक सहित नदी में गिरने से चौकीदार की मौत
दमोह।
तेंदूखेड़ा थाना क्षेत्र के गोरखा गांव में राजघाट पुल से बाइक सहित गिरने
से एक व्यक्ति की रात में मौत हो गई। तेन्दूखेड़ा पुलिस को सूचना मिलने पर
सुबह मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को बाहर निकाल कर जांच पड़ताल शुरू की। जानकारी अनुसार तेजगढ़ वन परिक्षेत्र की पट्टी बीट में चौकीदार सहित
वन समिति के अध्यक्ष संतोष पिता परमलाल यादव उम्र 50 वर्ष निवासी गोरखा की
देररात बाइक सहित नीचे गिरने से मौत की जानकारी परिजनों को सुबह लगी जब वह नदी नहाने पहुंचे तो नदी में बाइक
देखने के बाद इसकी सूचना तेन्दूखेड़ा पुलिस को दी गई जहां मौके पर पहुंचे
उपनिरीक्षक आरके गोस्वामी आरक्षक नीरज नामदेव ने नदी में ग्रामवासियों के
साथ खोजबीन की गई तो नदी में संतोष यादव का शव मिलने से पूरे गांव में
सनसनी फ़ैल गई पुलिस द्वारा पंचनामा कार्रवाई कर शव को पोस्टमार्टम के लिए
तेन्दूखेड़ा भेजा है।
पुलिस
द्वारा मौके पर पहुंचने के बाद जांच पड़ताल की गई तो पता चला है कि मृतक
युवक संतोष यादव गोरखा निवासी हैं जो 15 सालों से तेजगढ़ वन परिक्षेत्र में
चौकीदार के साथ ही वन समिति का अध्यक्ष था जो प्रतिदिन की तरह शाम को घर
से खाना खाकर अपनी ड्यूटी करने के लिए घर से निकला था लेकिन रास्ते में वन
समिति अध्यक्ष की बाइक गांव के पास बने राजघाट पुल से अनियंत्रित होने से
बाइक सहित संतोष यादव पुल नीचे जा गिरे घटना शुक्रवार की शाम करीब 7-8 बजे
की बताई जा रही है जहा चौकीदार नदी में पत्थरों के बीच सिर के भर गिरने से
उनके सिर में गंभीर घाब और चोटें आने से मौत हो गई है बताया गया है संतोष
यादव अपने घर से अकेले ही चौकी के लिए निकलते थे जो रोज की तरह अपने अन्य
साथियों के साथ रात में चौकी में रुकते थे और अपनी ड्यूटी करते थे लेकिन
शुक्रवार को वो अपनी ड्यूटी करने के लिए घर से खाना खाकर निकले और देर रात
नदी में बाइक सहित गिरने से मौत हो गई
15 सालों
से तेजगढ़ वन परिक्षेत्र के जंगलों की देखरेख और सुरक्षा कर रहे चौकीदार व
वन समिति अध्यक्ष सन्तोष यादव रोज की तरह अपनी ड्यूटी करने के लिए घर से
निकले थे लेकिन फिर जिंदा वापस नही लौटा सुबह उनका शव नदी में मिलने के बाद
सोशल मीडिया सहित सभी विभागों में इस घटना की जानकारी है लेकिन तेजगढ़ वन
परिक्षेत्र के कोई भी अधिकारी कर्मचारी सहित अन्य कोई भी वन विभाग से मौके
पर नहीं पहुंचा है और ना ही इनके परिजनों से घटना के संबंध में बात की गई
है अब सोचने वाली बात है कि 15 सालों से जंगल की देखरेख कर रहे चौकीदार की
ड्यूटी करने जाते समय नदी में गिरने से मौत हो गई लेकिन वन विभाग से कोई भी
अधिकारी कर्मचारी परिजनों से मिलने नहीं पहुंचा और ना ही वन विभाग को इस
घटना की अभी तक जानकारी नहीं है लोगों का कहना है जिसने अपनी जिंदगी ही इस
जंगल की देखरेख में लगा दी और आज ड्यूटी के दौरान मौत हो गई लेकिन वन विभाग
ने जानकारी और मौके पर पहुंचना जरूरी नहीं समझा लोगों द्वारा वन विभाग को
कोसते हुए नजर आई है तेन्दूखेड़ा पुलिस द्वारा पूरे मामले की जांच की जा
रही है।
वहीं हादसे का मुख्य कारण जिस पुल से बाइक
सहित नीचे गिरने से सन्तोष की मौत हुई है उस पुल पर दोनों ओर कोई भी
सुरक्षा दीवार नहीं है जिसके कारण बाइक अनियंत्रित होकर सीधे पुल के नीचे
जा गिरे जिससे मौत हो गई परिजनों का कहना है कि अगर पुल पर रेलिंग होती तो
यह हादसा नहीं होता क्योंकि रेलिंग होने से जान बच सकती थी लेकिन बिना
रेलिंग का यह पुल हादसे का मुख्य कारण है आपको बता दें तेन्दूखेड़ा ब्लॉक
में दो दर्जन पुल आज भी ऐसे हैं जहां कोई भी रेलिंग नहीं लगी हुई है और
बारिश का दौड़ चल रहा है मानसून आने के पहले ही अधिकारियों द्वारा सभी
पुलों पुलियों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए रेलिंग लगाने के लिए निर्देश
दिए जाते हैं लेकिन यह निर्देश कागजों तक सीमित रहते हैं ब्लॉक भर में दो
दर्जन पुल पुलिया आज भी बिना रेलिंग है जिनमें कोई रेलिंग नहीं है और इस
समय बारिश के दौड़ चल रहा है जो हादसों को न्योता दे रहे हैं। विशाल रजक की खबर
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