लकलका के खेत में पहुंचा 7 फीट का विशाल मगरमच्छ
दमोह। बरसात में पानी के बहाव से नदी के घाटों जीव-जंतु नदियों से आए दिन बाहर आ रहे हैं और रहवासी क्षेत्रों में पहुंच रहे जिस कारण ग्रामो में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। सबसे बड़ी हैरानी का मामला है कि मगरमच्छ का रहवासी क्षेत्रों में पहुंच रहे है। एक मामला शुक्रवार को सामने आया है।
जानकारी अनुसार इमलिया चौकी थाना क्षेत्र अंतर्गत लकलका ग्राम में शुक्रवार की दोपहर 2 बजे नन्हे मोटे रकवा वाले खेत में किसान ने एक विशालकाय 7 फिट का मगरमच्छ को देखा गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर के झापन रेंज में दी गई। जहां सूचना मिलते ही वन अमला मौके पर पहुंचा और ग्रामवासियों को मगरमच्छ से दूर रहने की सलाह दी। कड़ी मशक्कत के बाद वन अमले की रेस्क्यू टीम ने काबू किया।
शुक्रवार को तेन्दूखेड़ा मुख्यालय से 35 किमी दूर ग्राम लकलका में सरपंच सुमत कुमार जैन के खेत में काम कर रहे किसानों द्वारा खेतों के बीच मैं मगरमच्छ को देखा गया जिसके बाद झापन रेंज के वनरक्षक सुंदर लाल जैन मौके पर पहुंचे और सुरक्षा श्रमिकों की मदद से मगरमच्छ को पकड़ने के प्रयास किए गए लेकिन टीम को मगरमच्छ को पकड़ने में कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा दो घंटे के प्रयासों के बाद दोपहर 2 बजे मगरमच्छ को पकड़ा गया और पिंजरे में डालकर रानी दुर्गावती टाइगर के बमनेर नदी में सुरक्षित छोड़ा गया है।
क्षेत्र में लगातार बड़ी और छोटी छोटी नदियों से निकलकर मगरमच्छ आए दिन रहवासी क्षेत्रों में पहुंच रहे है। तीन दिन पहले मंगलबार को तेन्दूखेड़ा वन परिक्षेत्र की केवलारी बीट के ढेड महगुवा में भी 7 फीट का मगरमच्छ श्रीराम यादव के आंगन में देखा गया था। जो नदी से निकलकर घर में घुसने वाला था लेकिन मकान मालिक ने देख लिया। ज्ञात हो कि कोटखेड़ा तारादेही सर्रा झलौन तेजगढ़ इमलिया होते हुए निकली व्यारमा नदी में बड़ी संख्या में मगरमच्छों का बसेरा है यहां पर बड़ी संख्या में मगरमच्छों को देखा जा सकता है।
जुलाई माह में ही व्यारमा नदी में नहाने के दौरान मगरमच्छ द्वारा कई लोगों पर जानलेवा हमला किया है और एक आठ साल के बच्चे को भी खीच कर पानी में ले गया था। इन हालातों के चलते आमजन को नदी के पास जाने के लिए वन अमले द्वारा प्रतिबंधित कर दिया है। लेकिन अब भारी बारिश के बाद मगरमच्छ रहवासी इलाकों में पहुंचने लगे हैं जिससे आमजन के साथ वन अमले की चिंता भी बढ़ रही है। विशाल रजक की खबर
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