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रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में व्याप्त अनियमिताओं को लेकर मुख्य वन संरक्षक को शिकायत.. टाइगर रिजर्व से बाघ और बाघिन गायब शावकों का भी नहीं चल रहा पता.. उप संचालक को 7 दिन में जांच करने के निर्देश..

अनियमिताओं को लेकर मुख्य वन संरक्षक को शिकायत

दमोह। दमोह सागर नरसिंहपुर सहित तीन जिले की सीमा में फैले नवगठित रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में अनिमिताओ को लेकर वाइल्डलाईफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने प्रमाणों के साथ प्रधान मुख्य वन संरक्षक को शिकायत की है। जिस पर उप संचालक को 7 दिन में जांच कर रिपोर्टर सौपने का आदेश दिया गया है। रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में आला अधिकारियों की लापरवाही के कारण सब कुछ ठीक ठाक नही चल रहा है। कागजो पर भले ही सारी व्यवस्थाएं ठीक बताई जा रही है लेकिन इसकी जमीनी हकीकत ठीक विपरीत है।वाइल्डलाईफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने स्थानीय मीडिया के सहयोग से टाइगर रिजर्व में व्याप्त अनिमिताओ और अव्यवस्थाओं को पोल खोलते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक को शिकायत की है।अजय दुबे की शिकायत पर मुख्य वन संरक्षक ने उप संचालक को 7 दिन में जांच करने के निर्देश दिए है।
वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने टाइगर रिजर्व का सूक्ष्म अवलोकन कर फोटो सहित 15 पृष्ठ की विस्तृत रिपोर्ट अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी मध्य प्रदेश भोपाल को भेज कर अभ्यारण के संबंध में गहरी चिंता व्यक्त की थी। वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट ने टाइगर रिजर्व के बाघों के संरक्षण, टाइगर सफारी एवं वन संपत्ति के प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही के सप्रमाण जानकारी में प्रमुख रूप से छ: बिंदुओं पर फोकस करते हुए अपनी रिपोर्ट ईमेल के माध्यम से 27 जून को भेज दी थी। प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल को भेजी रिपोर्ट में उल्लेख किया की जांच के दौरान यदि उन्हें पक्ष रखने का अवसर मिलेगा तो वह पूरे साक्ष्य भी प्रस्तुत करेंगे।वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट ने उचित कार्यवाही नही होने पर मामले को कोर्ट में ले जाने की चेतावनी भी दी है। अजय दुबे की शिकायत की जांच जिला स्तर के अधिकारी उपसंचालक टाइगर रिजर्व सागर को सौप कर 7 दिन में जांच प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए गए है।
 
                                

टाइगर रिजर्व से बाघ और बाघिन गायब शावकों का भी नहीं चल रहा पता..  वीरगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में बाघ और बाधिन गुम होने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप के हालात बने हुए हैं। टाइगर रिजर्व में टाइगर सफारी और वन संपत्ति में गंभीर लापरवाही की 6 बिंदुओं की शिकायत को फोटो, वीडियो के प्रमाण के साथ वन विभाग के आला अफसरों तक पहुंचाया गया है। वनों की अवैध कटाई से लेकर संदिग्ध परिस्थितियों में बाघों के गायब होने का आरोप है। शिकायत में दावा किया गया है कि टाइगर रिजर्व में बाघिन एन -112 अपने शावकों के साथ और बाघ एन-113 वर्ष 2021 में गायब हो गए। प्रबंधन ने सरकारी रिकॉर्ड में इसका जिक्र तक नहीं किया। इतना ही नहीं बाघिन एन-111 को बाघिन एन-112 घोषित कर दिया। दोनों बाघिन के फोटो भी शिकायत के साथ भेजे गई हैं। मामले में दोनों की आईडी की जांच की मांग की गई है। बाघों के शिकार की आंशका जताते हुए सीबीआई जांच की मांग की गई है। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक समीता राजौरा वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे की शिकायत पर वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व सागर के डिप्टी डॉयरेक्टर से सात दिन में 6 बिंदुओं पर जवाब मांगा गया है

शिकायत में यह भी कहा गया है कि टाइगर रिजर्व में वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से अंधाधुंध अवैध कटाई हो रही है। टाइगर रिजर्व क्षेत्र के खुले पर्यटन क्षेत्र में भी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसी) के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। टाइगर रिजर्व के इको सेंसेटिव जोन में एनओसी के नाम पर स्थानीय स्टाफ घरेलू उद्देश्य के लिए जमीन खरीदने के लिए पैसे मांग रहा है। उन्होंने टाइगर रिजर्व में खाली पदों को भरने का भी मुद्दा उठाया है। वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे का आरोप है कि पूरे मामले में नीचे से लेकर ऊपर तक मिलीभगत हुई है। वनों की अवैध कटाई सरेआम जारी है। टाइगर सफारी का संचालन नियम विरुद्ध और मनमर्जी से किया जा रहा है। टाइगर रिजर्व में शाकाहारी जीवों की संख्या कम होने और विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण बाघ और बाघिन खतरे में है।
वहीं बाघ एन-113 बीते तीन साल से लापता है इसके साथ ही बाधिन एन-112 भी और उसके शावक भी लापता हैं। आखिर बाघ-बाघिन और शावक रिजर्व से कहां लापता हो गए है, किसी को पता नहीं है और न ही उनकी तलाश की गई है बाघ को आखिरी बार वर्ष 2021 में ठंड के दिनों में तारादेही के पास सड़क पार करते हुए ग्रामीणों ने देखा था। बताया जा रहा है कि बाघ एन-113 टाइगर रिजर्व से बाहर कहीं चला गया है या फिरउसका शिकार हो गया है। जब टाइगर रिजर्व नौरादेही अभ्यारण्य हुआ करता था, तब कान्हा से लाई गई पहली बाधिन राधा ने मई 2019 में तीन शावकों को जन्म दिया था। इनमें से दो बाघिन व एक बाघ था। जिसमें बाघिन एन-111 बाधिन एन-112 और बाघ एन-113 शामिल हैं लेकिन टाइगर रिजर्व से 2021 से बाघ एन-113 और 2022 से बाधिन एन-112 टाइगर रिजर्व से अपने शावकों के साथ लापता हैं जो आज तक टाइगर रिजर्व में नहीं देखी गई है और बाधिन राधा के तीनों शावकों की उम्र अब 6 साल हो चुकी है। 
नौरादेही अभ्यारण्य से टाइगर रिजर्व बने इस अभ्यारण्य को एक साल होने को है लेकिन यहां पर बाघों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। यहां किसी भी बाघ की मॉनिटरिंग नहीं होती। नए शावकों की टाइगर आईडी नहीं बनाई जाती है। यहां के आधे से ज्यादा बाघ लापता हैं। बाघों की जानकारी देने से अधिकारी बच रहे हैं। स्वयं का विटनरी डॉक्टर नहीं है, इलाज के अभाव में वन्यजीवों की मौत हो जाती है लेकिन आज तक किसी भी प्रकार की जानकारी मीडिया और वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी जाती है.. यह जांच नोरादेही के डीएफओ डॉ. अब्दुल अंसारी द्वारा की जानी है। जिसको लेकर जब उनसे बात करने संपर्क किया तो उनका फोन बंद था इसलिए मामले के संबंध में जानकारी नहीं मिल पाई। वहीं अभ्यारण पर लगने वाले आरोपों को लेकर नोरादेही के उप- वनमंडल अधिकारी डेविड व्यंकराव से बात की तो उन्होंने बताया कि मेरी पदस्थापना अभी कुछ समय पहले हुई है। मेरे हिसाब से बाघ और बाघिन ऐसे लापता नहीं हुए होंगे। अभ्यारण तीन जिलों में फैला हुआ है और जिस शिकायत की जानकारी दी गई है, वह मेरे संज्ञान में नहीं है। मैं उसकी जानकारी लेता हूं.. विशाल रजक की खबर

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