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ट्रिपल मर्डर के 13 वे दिन कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त श्री विश्वकर्मा बांसा पहुचे, पुलिस की बड़ी चूक गोलियों के खोके मिले.. परिजनों ने राकी सुरेका की फरारी को लेकर लगाए बेहद गंभीर आरोप..

कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त श्री विश्वकर्मा बांसा पहुचे
दमोह। देहात थाना अंतर्गत बांसा तारखेड़ा ग्राम में होमगार्ड सैनिक रमेश विश्वकर्मा उनके बेटे उमेश विश्वकर्मा तथा भतीजे विकास विश्वकर्मा की जघन्य हत्या के 13 दिन हो चुके हैं। पुलिस द्वारा शुरुआती दौर में गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों के अलावा आज तक फरार आरोपियों को नहीं पकड़ा जा सका है इसके बाद अब पीड़ित परिजन पुलिस की कार्यवाही पर सवालिया निशान लगाते हुए गंभीर आरोप लगाने से नहीं चूक रहे हैं।
बांसा तारखेडा ग्राम में 7 जुलाई को विश्वकर्मा परिवार के तीनों सदस्यों की 13वीं कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश शासन से कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त श्री प्रेम नारायण विश्वकर्मा अध्यक्ष विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड मध्य प्रदेश शासन भी पहुंचे थे जिनके द्वारा तीनों मृतकों को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए एवं पीड़ित परिजनों को सांत्वना दी गई। इस दौरान दुखी परिजनों के द्वारा पुलिस प्रशासन द्वारा अभी तक की गई कार्रवाई पर असंतोष जताया गया। आरोपियों के कब्जे पर बुलडोजर कार्रवाई से लेकर गिरफ्तारी के मामले में भी हो रहा है विलंब के पीछे नेताओं का संरक्षण तथा अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगाया गया। 
यहा तक कि इनाम घोषित कर दिए जाने के बाद भी घटना के षड्यंत्रकारी बिल्डर राकी सुरेका की तलाश हेतु पुलिस द्वारा जगह-जगह फोटो आदि चस्पा करके इनाम में वृद्धि नहीं करने को लेकर भी परिजनों द्वारा गंभीर आरोप लगाए गए। इसके बाद मंत्री का दर्जा प्राप्त श्री प्रेमलाल विश्वकर्मा ने घटना की गंभीरता को समझते हुए स्थानिक पूर्ण अधिकारियों से चर्चा करने के बजाय भोपाल में डीजीपी से चर्चा करने, गृहमंत्री को पूरे हालात से अवगत कराने तथा मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करते हुए त्वरित कार्यवाही के निर्देश आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु दिए जाने का आश्वासन पीड़ित परिजनों को दिया गया है।
पुलिस की बड़ी चूक मिल रहे तेरह दिन बाद गोलियों के खोके हत्या कांड में हाईटेक अवैध हथियार और दहशत फैलाने के मकशद से किए गए फायर जिसकी सँख्या लगभग 32 के सामने आए है। जिसमे खोके पुलिस ने जप्त किये लेकिन हत्या के तेरह दिन बाद सफाई में एक खोका सामने आया है। जिससे साफ-साफ अंदेशा लगाया जा सकता है पुलिस के द्वारा किस तरह लापरवाही की जा रही वहीं इस मामले में लापरवाही बरतने पर सागर नाका चौकी प्रभारी और विवेचक को लाइन अटैच किया गया है।

दस-दस हजार के इनामी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर.. इस घटना के तीन फरार आरोपी विल्डर राकी सुरेखा और उनके मैनेजर मोनू प्रजापति, सजल विश्वकर्मा पर पुलिस ने दस-दस हजार का इनाम घोषित किया है। और आरोपी देश छोड़कर भी भाग सकते है। इसी आशंका के चलते पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध लुक आउट नोटिस भी जारी किया था लेकिन तीनो आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर सूत्रों की माने तो तीनों आरोपियों से पूछताछ के बाद पता चलेगा इतने हाईटेक अवैध हथियार गोलियां कहा से आई  कितने पैसे खर्च किये गए और आरोपियों को फरार कराने में किस-किस की अहम भूमिका रही जिसके बाद आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है।

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