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आचार्य ज्ञान सागर जी का समाधि दिवस आज.. इच्छाओं का निरोध करना ही वास्तविक तप है.. निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी.. कुंडलपुर में भव्य कलशारोहण, स़हस्त्रकूट जिनालय की वेदी प्रतिष्ठा कार्यक्रम 6 से 11 जून तक

इच्छाओं का निरोध करना ही वास्तविक तप है.. निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी

दमोह। नगर के श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हे मंदिर जी में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज आचार्य श्री समय सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज मुनि श्री प्रयोग सागर जी महाराज मुनि श्री सुब्रत सागर जी महाराज संघ सहित विराजमान है मुनि संघ के सानिध्य में प्रतिदिन विविध धार्मिक आयोजन चल रहे हैं। इसी कड़ी में 6 जून को सुबह 6:30 बजे से आचार्य श्री ज्ञान सागर जी महाराज का समाधि दिवस भक्ति भाव के साथ मनाया जाएगा।

बुधवार को भक्तांबर क्लास के 15 वे दिन जैन धर्मशाला में धर्म सभा को संबोधित करते हुए निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज ने कहा कि इच्छाओं का निरोध करना वास्तविक तप है। इच्छाओं को दबाना नहीं वरन इच्छाओं को उत्पन्न नहीं होने देना ही तप है। केतली में यदि भाप बन रही हो तो उसे रोकने पर विस्फोट होगा ही। जैन धर्म में हठयोग का विरोध किया गया बड़े-बड़े साधु तपस्वी  हठयोग के द्वारा अपने जीवन में असफल हो जाते हैं। पहले सती प्रथा चलती थी इसका कारण मरने वाले की आखिरी इच्छा को पूर्ण करना अथवा वह जिसको सबसे अधिक चाहता था उसी को साथ भेज देना था। इसीलिए पत्नी को साथ में जला देते थे क्योंकि यह मानता है की इच्छाएं शेष रहती हैं तो वह व्यक्ति भूत बनकर आता है। जो उसकी  सबसे प्रिय वस्तु होती है  उसे पाने के लिए वह पुन् आता है। दबी हुई भावनाएं उजागर होती हैं जो व्यक्ति जिंदा  में नहीं कर पाता वह उसे मरकर पूर्ण करता।
मुनिश्री सुधा सागर महाराज ने कहा कि व्यक्ति जो कार्य दिन में नहीं कर पाता उसे रात में स्वप्न में कर बैठता है। वह तप सूरज के समान है जो बाहर तो गर्म होता है किंतु अंदर ठंडा होता है। उपवास आदि करने में शरीर तो तप्त होता है किंतु मन शीतल होता है। मन नहीं तपना चाहिए जो नियम ले लिया उस तरफ ध्यान नहीं जाना चाहिए। जो छोड़ दिया उसकी कभी याद नहीं आनी चाहिए। नियम लेने से पहले मन से पूछ लो याद तो नहीं आएगी। आज मुनि श्री का पद प्रक्षालन का सौभाग्य आशीष पलंदी एवं शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य सुधीर जी सांगानेर ने प्राप्त किया।

आचार्य ज्ञान सागर जी का समाधि दिवस आज..  गुरु नाम गुरु आचार्य ज्ञान सागर जी महाराज का 51 व समाधि दिवस निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज मुनि श्री प्रयोग सागर जी महाराज एवं मुनि श्री सुब्रत सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में दिनांक 6 जून को दिगंबर जैन धर्मशाला में मनाया जाएगा दिगंबर जैन धर्मशाला में प्रातः काल 6:30 से श्री जी के अभिषेक एवं शांति धारा उपरांत आचार्य ज्ञान सागर जी महाराज की संगीतमय मंगल पूजन की जावेगी जिसमें 51 इंद्र इंद्राणी के जोड़े 51 बालिकाओं एवं 51 पुरुषों के द्वारा धूमधाम से मंगल पूजन की जाएगी। विभिन्न बालिका मंडल द्रव्य सामग्री सजाकर मंगल पूजन में सम्मिलित होंगे उसके पश्चात मुनि श्री के मंगल प्रवचन होंगे रात्रि में 51 स्वदीपकौ महामंगल आरती होगी नन्हे मंदिर कमेटी के अध्यक्ष नवीन निराला ने सभी श्रद्धालु गनों से इस आयोजन में सम्मिलित होने की अपील की है।
आज के आहरदाता पुण्यार्जक परिवार.. बुधवार को श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हे मंदिर जी की धर्मशाला से निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी का पडगाहन करके अपने चौजे में ले जाकर आहार कराने का सौभाग्य शोभा अरविंद इटोरिया परिवार को प्राप्त हुआ। 

मुनि श्री प्रयोग सागर महाराज के आहार रितेश  मोनू गांगरा परिवार, मुनि श्री सुब्रत सागर जी महाराज के आहार रोहन कौशल परिवार तथा गंभीर सागर महाराज के आहार का सौभाग्य अरविंद पंकज अथाई वाले परिवार को प्राप्त हुआ।
कुंडलपुर में भव्य कलशारोहण, स़हस्त्रकूट जिनालय की वेदी प्रतिष्ठा कार्यक्रम 6 से 11 जून तक
 दमोह ।सुप्रसिद्ध सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर में युग श्रेष्ठ संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य परम पूज्य आचार्य श्री समयसागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद एवं चतुर्विध संघ के मंगल सानिध्य में पूज्य बड़े बाबा मंदिर का मंगल कलशारोहण, सहस्त्रकूट जिनालय की वेदी प्रतिष्ठा का भव्य कार्यक्रम 6 से 11 जून तक आयोजित किया गया है। 

इस अवसर पर 6 जून को गुरु आज्ञा ,आचार्य निमंत्रण, देव आज्ञा ,गुरु नाम गुरु आचार्य ज्ञान सागर जी महाराज का समाधि दिवस समारोह, 7 जून को प्रातः 5:30 बजे से घट यात्रा, ध्वजारोहण ,आचार्य श्री प्रवचन सांयकाल आरती, शास्त्र प्रवचन 8 जून को प्रातः अभिषेक ,शांति धारा, पूजन ,यागमंडल विधान, आचार्य श्री प्रवचन, सायंकाल आरती, शास्त्र प्रवचन ,9 जून प्रातः अभिषेक ,शांतिधारा ,पूजन सहस्त्रकूट ,मानस्तंभ, संभवनाथ जिनालय वेदी संस्कार शुद्धि ,श्री जी की स्थापना प्रारंभ
10 जून प्रातः अभिषेक, शांतिधारा ,पूजन, श्री जी की स्थापना जारी, आचार्य श्री प्रवचन सायंकाल आरती, शास्त्र प्रवचन, 11 जून प्रातः अभिषेक ,शांतिधारा, पूजन, श्री बड़े बाबा जिनालय का विशाल कलशारोहण , संभवनाथ जिनालय, पदमप्रभु जिनालय , मानस्तंभ , सहस्त्रकूट जिनालय के कलशारोहण , ध्वजशस्थापना , श्रुतपंचमी पूजन आचार्य श्री के प्रवचन, सायंकाल  आरती ,शास्त्र प्रवचन होंगे।

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