पुण्य का संचय कठिन है खर्च करना सरल है.. निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी
दमोह। पुण्य का संचय कठिन है खर्च करना सरल है धन कमाना कठिन है गवाना सरल है। मुनिराज नगर में हो और यदि तुमने उनसे पहले भोजन कर लिया तो बहुत ज्यादा पुण्य छय कर लिया। गुरु जब आशीर्वाद देते हैं तो अपना बहुत पुण्य छय करते हैं, साधु स्वयं के लिए बहुत कम पुण्य छय करता है सबसे ज्यादा अपने भक्तों के लिए खर्च करता है।
उपरोक्त विचार निर्यापक मुनि
श्री सुधा सागर जी महाराज ने मंगलवार को दिगंबर जैन धर्मशाला में अपने मंगल
प्रवचनों में अभिव्यक्त किए। इस मौके पर मुनि श्री के पाद प्रक्षालन का
सौभाग्य आनंद लैब परिवार शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य अखिलेश गुरु परिवार
को प्राप्त हुआ। मुनि श्री ने अपने मंगल प्रवचन में आगे कहा कि मां-बाप
स्वयं के लिए बहुत कम धन खर्च करते हैं किंतु अपनी संतान के लिए अपने
परिवार के लिए सारी कमाई लगा देते बेटा मां बाप से बहुत कुछ लेता है अपनी
हर परेशानी में उनका उपयोग करता है किंतु जब बेटा मां बाप के लिए कुछ देने
जाएगा तो उनकी शक्ति बढ़ेगी पेड़ को चूसते जाओगे तो एक दिन वह खत्म हो
जाएगा किंतु यदि उसको कुछ देते रहोगे तो वह हरा भरा रहेगा ।
पेड़ से सब कुछ
लो किंतु इतना देते रहो ताकि वह जिंदा बना रहे भगवान से इतना लिया उसे
क्या दे रहे हो सुख के दिनों में की गई भक्ति बहुत फलदाई होती है सुख के
दिनों में पढ़ा गया भक्तांबर सिद्ध हो जाता है जलोदार बीमारी से मनुष्य की
शोचनीय स्थिति बन जाती है वह जीने की आशा छोड़ देता है किंतु भगवान की चरण
रज से वह निरोग हो जाता है संसार की सारी दवाइयां से भी ज्यादा ताकतवर
भगवान के अभिषेक से बना गंददोदक होता है यदि ऐसी मूर्ति से तुम्हारा दुख
दूर होता है तो उनके दर्शन पूजन करने अवश्य जाना मूर्ति से एनर्जी ली है तो
साल में एक बार धोक देने अवश्य जाना चाहिए।
आज के आहरदाता पुण्यार्जक परिवार.. मंगलवार
को जैन धर्मशाला से पडगाहन करके निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर महाराज को
अपने चौके में ले जाकर आहार कराने का सौभाग्य राजू नायक परिवार को प्राप्त
हुआ।
निर्यापक मुनि श्री प्रसाद सागर जी के आहार निक्की जैन परिवार, मुनि
श्री प्रयोग सागर जी के आहार रेखा दीदी परिवार, मुनि श्री सुब्रत सागर जी
के आहार रजत जैन परिवार, मुनि श्री पदम सागर जी के आहार संतोष सिद्धार्थ
परिवार, मुनि श्री शीतल सागर जी के आहार महेश पूराखेड़ा परिवार एवं गंभीर
सागर जी महाराज के आहार का सौभाग्य अरविंद इटोरिया परिवार को प्राप्त हुआ।
निर्यापक मुनि श्री प्रसाद सागर संघ का विहार.. दमोह
नगर में करीब 20 दिनों तक धर्म प्रभावना बढ़ाने वाले आचार्य श्री
विद्यासागर जी आचार्य श्री समय सागर जी महाराज के शिष्य निर्यापक मुनि श्री
प्रसाद सागर जी महाराज का मंगलवार शाम अभाना की तरफ विहार हो गया। मुनि
श्री प्रसाद सागर जी के साथ मुनि श्री पदम सागर जी, मुनि श्री शीतल सागर
सागर जी का जैन धर्म शाला से विहार होने पर निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर
जी, मुनि श्री प्रयोग सागर जी, मुनि श्री सुब्रत सागर जी संघ ने उनको मंगल
विदाई दी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों ने नम आंखों से मुनि संघ को
विदा करते हुए साथ मे पद विहार कराया।
भगवान आदिनाथ और भरत की प्रतिमा होगी स्थापित
दमोह नगर के श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर जी में भगवान बाहुबली की पहले से विशाल प्रतिमा है वहीं अब इसके साथ में भगवान आदिनाथ एवं भरत की भी विशाल प्रतिमा स्थापित होगी। मंगलवार शाम मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज के जिज्ञासा समाधान कार्यक्रम के दौरान दो पुण्यर्थक परिवारों के द्वारा इन प्रतिमाओं को स्थापित करने की घोषणा की गई।
श्री राजू नायक शैलेंद्र नायक परिवार के द्वारा भगवान आदिनाथ की तथा श्री सौरभ राहुल जैन खजरी परिवार के द्वारा भगवान भरत की विशाल प्रतिमा स्थापित करने का भाव प्रकट किया गया। इस अवसर पर पूज्य मुनि संघ के सानिध्य में मंदिर कमेटी के द्वारा दोनों परिवारों का सम्मान किया गया। उल्लेखनीय कि इसके पूर्व बड़ा मंदिर में भी भगवान बाहुबली की प्रतिमा के साथ भगवान आदिनाथ और भरत की प्रतिमा स्थापित करने का भाव प्रकट करते हुए श्रावक श्रेष्ठि जनो द्वारा मुनि श्री सुधा सागर जी के सानिध्य में घोषणा करखे आशीर्वाद प्राप्त किया जा चुकस है।
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