दमोह ।सुप्रसिद्ध सिद्ध क्षेत्र जैन तीर्थ कुंडलपुर में जिन सूर्य संत शिरोमणि युग श्रेष्ठ आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य विद्या शिरोमणि आचार्य श्री समय सागर जी महाराज के चतुर्विध संघ के मंगल सानिध्य में पूज्य बड़े बाबा जिनालय एवं सहस्त्रकूट जिनालय पर कलशारोहण एवं वेदी प्रतिष्ठा जिनबिम्ब स्थापना के पश्चात छह घरियां स्थित नवनिर्मित मुनि सुब्रतनाथ जिनालय में प्रतिमा स्थापना के साथ कलशा रोहण एवं ध्वज दंड स्थापित किया गया। कलशारोहण कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के पूर्व अध्यक्ष श्रीमंत संतोष सिंघई, रेशु सिंघई परिवार द्वारा किया गया।
इस अवसर पर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज एवं आचार्य श्री समय सागर जी महाराज की पूजन की गई। मुनिश्री के प्रवचन हुए ।मुनि संघ एवं आर्यिका संघ की आहारचर्या संपन्न हुई ।अनेक नगरों से श्रावक अपने-अपने नगर में मुनि संघ,आर्यिका संघ के चातुर्मास हेतु निवेदन करने बड़ी संख्या में आ रहे हैं। कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी ने कुंडलपुर में आचार्य श्री का चातुर्मास हेतु निवेदन किया।इस अवसर पर मुनि श्री निष्पक्ष सागर जी महाराज ने मंगल प्रवचन देते हुए कहा आज हम सभी कलशारोहण कार्यक्रम के पश्चात उपसंहार के रूप में उपस्थित हुए हैं ।बड़े बाबा का बड़ा कलशारोहण बड़े ठाट वाट से बड़े विशाल संघ के ससंघ सानिध्य में युग श्रेष्ठ आचार्य श्री समय सागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में बड़े हर्ष उल्लास के साथ बड़े बाबा के जिनालय का कलशारोहण पूर्णता को प्राप्त हुआ।
इस अभूतपूर्व अवसर पर हम सब देश की सारी जनता बड़े बाबा के और बड़े बाबा के ठीक सामने वह अद्भुत अद्वितीय जिनालय जिसमें 1008 जिनबिम्ब तीन दिनों में वेदी पर प्रतिष्ठित हुए। ऐसे विश्व महा महोत्सव में हमने आपने सबने अद्भुत अद्वितीय आनंद की अनुभूति की। आचार्य भगवन ने जो परिकल्पना की थी वह परिकल्पना कल साकार हुई। आचार्य भगवन की सोच आचार्य भगवन के विचार व आचार्य भगवन की यह कृति युगों युगों तक जैनत्व की गौरव गाथा को गाएगी। एक-एक जिनबिम्ब उनके दर्शन ऐसा आनंद आ रहा था ।अमरकंटक में दर्शन किए होंगे अपने जीवन में गुरु की कृपा से पहली बार एक साथ 1008 जिनबिम्ब के दर्शन किए ऐसी अनुभूति हो रही थी ऐसा आनंद आ रहा था ।आज जब मैं वहां दर्शन करने गया आज एक-एक वेदी पर एक-एक जिनबिम्ब स्थापित हो चुका है ।आचार्य भगवंत ने पंक्ति लिखी है जय जय जय जयवंत जिनालयकितनी सुंदर परिकल्पना आचार्य भगवन ने इन चार लाइनों में की। कैसे यह अद्भुत जिनालय ये जिनबिम्ब है हमारे दर्शन को पुष्ट करने वाले हैं।आत्मा के कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करने वाले हैं ।अभी दूसरा सहस्त्रकूट जिनालय पूर्णता को प्राप्त हुआ है ।आचार्य भगवन का इसके पहले का चातुर्मास सिरपुर में स्थापित किया था उस सिरपुर की परिकल्पना कैसी होगी आचार्य महाराज ने वहां की परिकल्पना की वह तो अद्वितीय है जब मैं ऊपर पहुंचा चारों दिशाओं में भगवान मुख करके बैठे हैं । वहां ऐसी अनुभूति हो रही थी मैं साक्षात तीर्थंकरों के समोशरण में आ गया हूं। समोशरण में चार दिशाओं में चार मान स्तंभ होते हैं और वही परिकल्पना आचार्य भगवन ने सिरपुर में प्रस्तावित की है। सिरपुर में बीच में भव्य समंतो भद्र जिनालय होगा ।चारों द्वार पर चार-चार ऐसे सहस्त्रकूट जिनालय की परिकल्पना आचार्य भगवन ने की है जो जैनत्व परंपरा को युगों युगों तक जीवंत रखेगी।
रहली पटनागंज जैन मंदिर को लेकर सांसद विधायक को ज्ञापन.. दमोह। सांसद निर्वाचित होने के बाद दमोह पहुंचे श्री राहुल सिंह एवं दमोह विधायक व पूर्व श्री जयंत मलैया से आज जैन समाज के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की तथा रहली पटनागंज अतिशय क्षेत्र के संदर्भ में ज्ञापन सौंपते हुए सकल जैन समाज की भावनाओं से अवगत कराया।
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