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बूंदाबहू मंदिर ट्रस्ट में करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत को जांच कमेटी ने पाया सही..! तहसीलदार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में अनियमितताओं का किया खुलासा..

तहसीलदार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में अनियमितताओं का खुलासा
दमोह। देव जानकी रमण बूदाबहू मंदिर ट्रस्ट की अनियमितता के संबंध में चंद्र गोपाल पौराणिक एवं अन्य के द्वारा लगातार ही की जा रही शिकायतों एवं उच्च न्यायालय में दायर की गई याचिका की उपरांत प्रशासन भी सक्रियता के साथ जांच करने में जुट गया है। इसी बीच तहसीलदार के नेतृत्व में गठित की गई जांच टीम द्वारा भी अपनी जांच रिपोर्ट एसडीएम को प्रस्तुत कर दी है जिसमें बूंदाबहू मंदिर ट्रस्ट द्वारा की गई अनियमितताओं का बिंदु बार खुलासा किया है। जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि ट्रस्ट कमेटी द्वारा बायलाज के विपरीत ही काम किया जा रहा है और बायलाज के नियमों के मुताबिक किसी भी प्रकार की कार्यवाही ट्रस्ट द्वारा नहीं की जा रही है। ट्रस्ट द्वारा लाखों रुपए की वित्तीय अनिमितताओं को भी बिंदु बार जांच रिपोर्ट में खुलासा किया गया है जिसमें 70 लाख 98 हजार 400 रुपए की वित्तीय अनिमितता अंतर की राशि के रूप में उजागर हुई है, जो की ट्रस्ट के द्वारा कराए गए ऑडिट में भी पकड़ी गई। किराएदारों द्वारा भी किराए की राशि नगद प्राप्त कर खातों में जमा नहीं कराए जाने का भी उल्लेख पकड़ा गया है। ट्रस्ट द्वारा लेनदेन भी चेक से या अन्य माध्यमों से ना करते हुए मोटी रकम भी नगद भुगतान किया जाना नियमों का खुला उल्लंघन है। इससे भी काफी अनिमितताये की गई हैं।

पंडित चंद्रगोपाल पौराणिक ने तदसंदर्भ में मीडिया को जारी विज्ञप्ती में बताया कि ट्रस्ट द्वारा आयकर अधिनियम के तहत टीडीएस जमा न किया जाना ,बिल पक्के अथवा जीएसटी सहित ना होना, क्रय की गई सामग्री एवं उसकी गुणवत्ता पर भी संदेह व्यक्त करता है। अत्यधिक व्यय वाली मदों की राशि में भी किसी भी प्रकार की निविदा प्रक्रिया का पालन नहीं किया किया गया है, जिससे क्रय की जाने वाली सामग्री के दाम और गुणवत्ता से समझौता होना संभावित है। ट्रस्ट की कुल संपत्ति जो किराए आदि पर हैं उनका किसी भी प्रकार का रिकॉर्ड भी ट्रस्ट द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया। किराएदारों से नगद राशि प्राप्त कर उनको रसीद पूरी प्राप्त राशि की प्रदान की जाती थी परंतु रोकड़ पुस्तिका में प्राप्त राशि की प्रविष्टि एक शून्य कम करके की जाती थी जिस कारण से लाखों रुपए का भ्रष्टाचार स्पष्ट रूप से उजागर होता है।

इस प्रकार से जांच रिपोर्ट में अनेक प्रकार की अनिमितताओं का खुलासा जांच कमेटी द्वारा किया गया है। वहीं जांच कमेटी द्वारा अनेक प्रकार के दस्तावेज ट्रस्ट कमेटी से उपलब्ध कराए जाने हेतु निर्देशित करने के बाद भी ट्रस्ट कमेटी ने अभी तक उस रिकॉर्ड को उपलब्ध नहीं कराया है क्योंकि ट्रस्ट कमेटी द्वारा अनेक प्रकार की हेराफेरी उस रिकॉर्ड में भी की गई हैं। उल्लेखनीय है कि जांच कमेटी द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट एसडीएम को प्रस्तुत कर दी गई है वहीं इस मामले में उच्च न्यायालय में दायर की गई याचिका के संबंध में भी 31 मईं को पेशी निर्धारित की गई है।

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