जिला अस्पताल में घायल मरीज से बर्बरता पूर्ण व्यवहार मामले में वार्ड वाय मामला दर्ज, आरक्षक लाइन अटैच
दमोह।
जिला अस्पताल में इलाज के दौरान एक घायल युवक के साथ इलाज के दौरान
बर्बरता पूर्ण व्यवहार किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के
बाद कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए थे वहीं जांच पूरी होने के बाद एक वार्ड
बाय के खिलाफ कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है जबकि एक पुलिस आरक्षक को
लाइन अटैच कर दिया गया है।
दमोह जिला अस्पताल में
पिछले दिनों देर रात भवानी साहू को 100 डायल भर्ती कराया था। जहां उसके
प्राथमिक उपचार के दौरान ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के द्वारा बर्बरता
पूर्ण व्यवहार किया गया था। वही उसको भर्ती किए बिना स्ट्रेचर से सीमेंट की
ब्रेंच पर पटक दिया गया था। इस दौरान उसकी जेब में रखें रूपों को भी पार
कर दिया गया था। 28/ 29 अप्रैल की दरमियानी रात जिला अस्पताल में घायल के
साथ हुए इस अमानवीय बर्ताव की शिकायत उच्च अधिकारियों को किए जाने के साथ
सूचना अधिकार तहत उसे रात के सीसीटीवी फुटेज अस्पताल प्रबंधन से मांगे गए
थे।
करीब 15 दिन बाद जब अस्पताल से सीसीटीवी वीडियो उपलब्ध कराए गए तो
उसमें बार-बार से लेकर अन्य कर्मचारी की बर्बरता साफ झलकती नजर आई वही इस
दौरान ड्यूटी पर तैनात आरक्षक भी सहयोगी मूक दर्शक बना नजर आया। इसके बाद
पीड़ित भवानी साहू ने उपरोक्त वीडियो के साथ लिखित शिकायत कलेक्टर तथा एसपी
के समक्ष पेश करते हुए कार्रवाई की मांग की। इधर मीडिया के हाथ भी जब यह
अमानवीय बर्ताव वाले सीसीटीवी वीडियो लगे तो घटनाक्रम न्यूज़ चैनलों से
लेकर अखबार की सुर्खियां बन गया।
इधर पूरा मामला
कलेक्टर सुधीर कोचर के संज्ञान में आने पर उनके द्वारा जांच कमेटी गठित
करके रिपोर्ट देने को कहा गया। जिस पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा या सफाई देने
की कोशिश की गई कि उपरोक्त वीडियो फास्ट फॉरवार्ड मोड में है इसके बावजूद
अस्पताल के कर्मचारियों की बर्बरता और पुलिसकर्मी की मूक दर्शिता छुप नहीं
सकी। एडिशनल एसपी संदीप मिश्रा ने बताया कि उपरोक्त जांच रिपोर्ट आने के
बाद मामले में कार्रवाई करते हुए दोषी वार्ड बॉय रोहित राठौर के खिलाफ
एफआईआर दर्ज की गई है बल्कि वीडियो में नजर आ रहे प्रधान आरक्षक नीरज
श्रीवास्तव को भी लाईन अटैच किया गया है।
लोडिंग ऑटो से मरीज के घर जाने के मामले में 108 एंबुलेंस बुलाने का कोई प्रमाण नहीं मिला
दमोह। जिला प्रशासन को शिकायत प्राप्त हुई थी जिसके सबंध में वीडियो वायरल हुए थेए बाबूलाल अहिरवार को अस्पताल से जाने के बाद एंबुलेंस नहीं मिली और लोडिंग ऑटो में जाना पड़ा। इस सबंध में कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने बताया समिति बना कर उसकी जाँच कराई गई। जाँच में बाबूलाल अहिरवार 27 अप्रैल को फेक्चर के इलाज के लिए भर्ती हुए थेए 04 मई को डिस्चार्ज हो चुके थे और इन्हें 15 दिन के बाद फलोअप के लिए बुलाया गया थाए तब वह 20 मई को फलोअप के लिए आये थे।
कलेक्टर श्री कोचर ने बताया वह भर्ती नहीं थेए वे डिस्चार्ज होकर स्वस्थ्य होकर जा चुके थेए जिसके बाद ये केवल फलोअप के लिए आये थे। बाबूलाल से संपर्क किया गया कि वे क्यों लोडिंग ऑटो से गये थे तो बाबूलाल ने कहा उनका स्वयं का लोडिंग ऑटो हैं और घर चले गये थे तथा जाने से पहले जाने के लिए 108 एंबुलेंस को बुलाने का ऐसा कोई प्रमाण नहीं प्राप्त हुआ हैं।
कलेक्टर श्री कोचर ने बताया जो जिला चिकित्सालय में जो व्यवस्था हैंए जो भी एंबुलेंस की सुविधा का उपयोग करना चाहता हैंए उसे कॉल करना होता हैंए 108 डॉयल करना होता हैं फिर एम्बूलेंस आती हैं। चूंकि बाबूलाल ने एंबुलेंस को डॉयल किया हो ऐसा कोई प्रमाण नहीं प्राप्त हुआ हैंए ऐसी स्थिति में एम्बूलेंस के आने का प्रश्न नहीं उठता हैं। साथ ही एंबुलेंस की सेवाओं में ऐसी सेवाएं हैं जिनमें आवश्यक रूप से एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाती हैंए उनमें जननी सुरक्षा योजनांर्गत तथा जननी शिशु कार्यक्रम अंतर्गत प्रसव के बाद महिलाओं को एम्बूलेंस से घर छोड़ने की व्यवस्था की जाती हैं। मरीज यदि एंबुलेंस का उपयोग करना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें कॉल सेंटर पर फोन लगाना चाहिए।
दमोह। जिला प्रशासन को शिकायत प्राप्त हुई थी जिसके सबंध में वीडियो वायरल हुए थेए बाबूलाल अहिरवार को अस्पताल से जाने के बाद एंबुलेंस नहीं मिली और लोडिंग ऑटो में जाना पड़ा। इस सबंध में कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने बताया समिति बना कर उसकी जाँच कराई गई। जाँच में बाबूलाल अहिरवार 27 अप्रैल को फेक्चर के इलाज के लिए भर्ती हुए थेए 04 मई को डिस्चार्ज हो चुके थे और इन्हें 15 दिन के बाद फलोअप के लिए बुलाया गया थाए तब वह 20 मई को फलोअप के लिए आये थे।
कलेक्टर श्री कोचर ने बताया वह भर्ती नहीं थेए वे डिस्चार्ज होकर स्वस्थ्य होकर जा चुके थेए जिसके बाद ये केवल फलोअप के लिए आये थे। बाबूलाल से संपर्क किया गया कि वे क्यों लोडिंग ऑटो से गये थे तो बाबूलाल ने कहा उनका स्वयं का लोडिंग ऑटो हैं और घर चले गये थे तथा जाने से पहले जाने के लिए 108 एंबुलेंस को बुलाने का ऐसा कोई प्रमाण नहीं प्राप्त हुआ हैं।
कलेक्टर श्री कोचर ने बताया जो जिला चिकित्सालय में जो व्यवस्था हैंए जो भी एंबुलेंस की सुविधा का उपयोग करना चाहता हैंए उसे कॉल करना होता हैंए 108 डॉयल करना होता हैं फिर एम्बूलेंस आती हैं। चूंकि बाबूलाल ने एंबुलेंस को डॉयल किया हो ऐसा कोई प्रमाण नहीं प्राप्त हुआ हैंए ऐसी स्थिति में एम्बूलेंस के आने का प्रश्न नहीं उठता हैं। साथ ही एंबुलेंस की सेवाओं में ऐसी सेवाएं हैं जिनमें आवश्यक रूप से एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाती हैंए उनमें जननी सुरक्षा योजनांर्गत तथा जननी शिशु कार्यक्रम अंतर्गत प्रसव के बाद महिलाओं को एम्बूलेंस से घर छोड़ने की व्यवस्था की जाती हैं। मरीज यदि एंबुलेंस का उपयोग करना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें कॉल सेंटर पर फोन लगाना चाहिए।
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