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मां के साथ बस से उतरे बच्चे आखिर कुएं तक कैसे पहुंचे.. केरवना क्षेत्र में कुएं में मिले बच्चों के शवो की शिनाख्त हुई.. सुनवाह बक्सवाहा क्षेत्र के निवासी लोधी परिवार के बेटा बेटी के कुआं में गिरने की गुत्थी सुलझना बाकी..

केरवना में कुएं में मिले मासूम बच्चों के शव की शिनाख्त

दमोह। जिले के बटियागढ़ थाना अंतर्गत केरवना पुलिस चौकी क्षेत्र में शनिवार को एक कुएं में दो मासूम बच्चों के शव मिलने से सनसनी के हालात बनते देर नहीं लगी थी। पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती मृतकों की पहचान करना थी वही किन हालातो में उनकी मौत हुई यह दूसरी बड़ी चुनौती थी। एसपी श्री सोमवंशी के अनुसार बटियागढ़ थाना पुलिस ने मृतक बच्चों की जहां पहचान कर ली है वही बच्चों के माता-पिता पिता से लेकर अन्य जानकारी भी पुलिस ने जुटा ली है लेकिन उनकी मौत कैसे हुई इस पर से फिलहाल पर्दा उठना बाकी है।

उन मासूम भाई बहन की जिनके शव शनिवार को केरवना क्षेत्र के एक कुएं मिलने से सनसनी फैल गई थी। इन बच्चों की पहचान बक्सवाहा के सुनवाह निवासी रज्जू लोधी की बेटी वैशाली 12 वर्ष और बेटे इससू 10 वर्ष के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि तीन-चार दिन पहले यह दोनों अपनी मां के साथ सुनवाहा से बस में बैठकर नाना के घर बंडा के सेमरा रामचंद्र गांव जाने के लिए निकले थे। रास्ते में बस बदलने के लिए बच्चे केरवाना में अपनी माँ के साथ वस से उतरे थे। उसे समय मन की गोद में तीसरा छोटा बच्चा भी था वही इसके बाद आज दोनों बच्चों के कुएं में शव मिले। 

बस से उतरने के बाद बच्चे कुएं तक कैसे पहुंचे तथा उनकी मौत कैसे हुई यह फिलहाल पुलिस जांच का विषय है वही बच्चों के नहीं मिलने पर उनकी मां ने पुलिस को इसकी सूचना देखकर रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं कराई यह भी अनेक शंकाओं को जन्म देता है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस मृतक बच्चों की मां से जहां पूछताछ कर रही है वही उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात भी कहीं जा रही है। पुलिस के द्वारा बच्चों के पिता तथा अन्यय रिश्तेदारों से भी जानकारी ली जा रही है।

ऐसे में एक बार फिर यही सवाल उठता है कि कही बच्चों के साथ कोई अनहोनी घटना तो घटित नहीं हुई थी या फिर उनकी मौत के पीछे उनकी मां का ही तो कोई हाथ नहीं है..? फिलहाल इन सब प्रश्नों का उत्तर पुलिस की जांच के बाद ही होने वाले खुलासे के साथ स्पष्ट हो सकेगा। हालांकि इस मामले में केरवना चौकी प्रभारी पवन तिवारी से तीन बार मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनके द्वारा ना तो मोबाइल को रिसीव किया गया और ना ही बाद में कोई जानकारी देना जरूरी समझा गया। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मामले में चौकी प्रभारी भी बहुत कुछ छिपाने के साथ अपनी खिचड़ी पकाने की कोशिश में शायद लगे हुए हैं..

यहां उल्लेखनीय है कि बटियागढ़ थाने के केरवना चौकी क्षेत्र में गांव गांव में आसानी से अवैध शराब मिल जाती है। गांव-गांव में पीने वाले को गांजा भी आराम से मिल जाता है।सट्टा जुआ खिलाने वाले और खेलने वाले भी मिल जाते हैं। इतना सब होने के बाद भी यदि चौकी प्रभारी को इसकी जानकारी नहीं हो तो इससे बड़े आश्चर्य की बात और कुछ नहीं हो सकती..!

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