बांदकपुर पारस धाम की नवीन अस्थाई वेदी में मुनि पुंगव के सानिध्य में विराजमान हुए भगवान.. कुंडलपुर से विहार के बाद मुनि संघो का ताजा अपडेट.. आचार्य भगवन जन जन के प्राणी मात्र के भगवान है.. मुनि श्री निष्काम सागर.
बांदकपुर के प्राचीन मंदिर में विराजमान
भगवान को अस्थाई वेदी में किया विराजमान आज निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर
के सानिध्य में शांति धारा
दमोह। जिले के प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र पारस धाम बांदकपुर में पूज्य
निर्यापक पुंगवमुनि श्री 108 सुधा सागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद व
सानिध्य में बनने जा रहा नवीन पाषाण जिनालय के लिए पुरानी बेदी में
विराजमान भगवान को नई अस्थाई वेदी में विराजमान किया गया।
बांदकपुर
पारस धाम में नवीव जिनालय के कार्य शुभारंभ की बेला में चार दिवसीय जिन
सहस्त्रनाम विधान का आयोजन किया गया था। जिसके सानन्द संपन्न होने के बाद
आज प्रातः बेला में प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप भैया अशोकनगर वालों के निर्देशन
में श्रीजी की प्रतिमाओं का विहार श्रावक श्रेष्ठि जनों द्वारा कराया
गया। निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज की उपस्थिति में नवीन अस्थाई
बेदी पर विधि विधान के साथ श्री जी को स्थापित किया गया। इसके बाद मुनि
श्री सुधा सागर जी का पड़गाहन करके आहार देने का सौभाग्य ज्ञानचंद जैन पवन
जैन गोलू जैन पिपरिया परिवार को प्राप्त हुआ।
सोमवार
दोपहर दमोह से जैन समाज के प्रतिनिधि मंडल ने बांदकपुर पहुंचकर मुनि पुंगव
के चरणों में श्रीफल अर्पित करते हुए दमोह के श्री पारसनाथ दिगंबर जैन
नन्हे मंदिर में ग्रीष्मकालीन वचन हेतु निवेदन किया। इधर बांदकपुर समाज के
अध्यक्ष सुनील डाबोलिया द्वारा यह निवेदन किया गया की नवीन अस्थाई विधि पर
मुनि श्री के सानिध्य में मंगलवार को प्रातः बेला में अभिषेक शांति धारा का
सौभाग्य बांदकपुर बालों को प्राप्त हो। माना जा रहा है इसी के चलते आज का
संभावित विहार टल गया। अब मंगलवार को प्रातः बेला में अभिषेक शांति धारा
पूजन उपरांत निर्यापक संघ के आहार चर्या संपन्न होगी। और दोपहर बाद दमोह की
तरफ विहार संभावित बताया जा रहा है इस दौरान शाम को अणू ग्राम के स्कूल
में जिज्ञासा समाधान तथा इसके बाद रात्रि विश्राम की संभावना भी जताई जा
रही है। वही बुधवार को प्रातः बेला में मुनि श्री सुधा सागर महाराज की दमोह
नगर में भव्य मंगल प्रवेश की उम्मीद है सभी भक्तगण लगाए हुए हैं।
कुंडलपुर से विहार के बाद मुनि संघो का अपडेट 6 मई.. पूज्य संत शिरोमणी आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य आचार्य श्री समय सागर महाराज के आशीर्वाद से मुनि संघों के विहार चल रहे हैं। निर्यापक मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ससंघ..बांदकपुर से बिहार संभावित दमोह की ओ, मुनि श्री प्रमाणसागर महाराज जी ससंघ रोन, गढ़ाकोटा प्रवेश 7 मई सुबह (कुछ दिन प्रवास), मुनि श्री अक्षयसागर महाराज जी ससंघ शाहगढ़ में विराजमान ग्रीष्म कालीन वाचना शुरू, मुनि श्री प्रणम्यसागर महाराज जी ससंघ बमीठा, खजुराहो प्रवेश 8 मई, 13 मई से अर्हम योग शिविर, मुनिश्री अजितसागर महाराज जी ससंघ सीहोरा, राहतगढ़ 7 मई, होकर गंजबासौदा 14 मई को दीक्षा दिवस मनाया जाएगा, मुनि श्री पूज्यसागर महाराज जी ससंघ रीठी, 2-3 दिन में कटनी प्रवेश संभावित( अक्षय तृतीया को), मुनि श्री विमलसागर महाराज जी ससंघ बांसा (दमोह) में विराजमान है, मुनि श्री विराटसागर महाराज जी ससंघ सिंग्रामपुर प्रवेश 7 मई को, कटंग, मुनि श्री विशदसागर महाराज जी ससंघ सानोधा (सागर) में विराजमान है, मुनि श्री सौम्यसागर ससंघ महाराज खरगापुर प्रवेश 9 मई, पलेरा होते हुए जतारा जिला टीकमगढ़ में,मुनि श्री विनम्रसागर महाराज जी ससंघ* सीहोरा राहतगढ़ 7 मई, विदिशा भोपाल, मुनि श्री निर्दोषसागर महाराज ससंघ* कर्रापुर में विराजमान है।
आचार्य भगवन जन जन के प्राणी मात्र के भगवान है.. मुनि श्री निष्काम सागर जी.. दमोह
। सुप्रसिद्ध सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर में संत शिरोमणि आचार्य गुरुवर
विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य पूज्य आचार्य श्री समय सागर जी
महाराज के मंगल आशीर्वाद से मुनि श्री निष्काम सागर जी महाराज ने मंगल
प्रवचन देते हुए कहा हमें बोलना आता नहीं ,उतना ज्ञान भी नहीं परंतु आचार्य
महाराज का आदेश हुआ कुछ बोलना है हम अपनी बात आपके सामने रखने का प्रयास
कर रहे हैं जो अच्छा लगे आचार्य भगवन का समझ लेना और जो त्रुटि लगे अल्पज्ञ
समझ कर क्षमा कर देना ।एक संस्कारी गांव था एक साधु के आने की जानकारी
गांव वालों को लगी। गांव वालों ने सुना हमारे छोटे से गांव में संत महात्मा
पधार रहे हैं तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा ।गांव के लोगों ने उनकी
अगवानी हेतु भव्य से भव्य तैयारियां की। गांव वालों ने उनकी भव्य अगवानी
की। गांव वालों की अगवानी देखकर उन संत के मुंह से निकल पड़ा ।बड़े से बड़े
गांव नगरों में भी हमारी ऐसी अगवानी नहीं हुई जितनी अच्छी अगवानी छोटे से
गांव में हमारे लिए लोगों ने की। हाथी ,घोड़ा ,बैलगाड़ी, बैंड बाजे
तोरणद्वार ,रंगोली आदि जो तैयारी थी सब गांव के लोगों ने की उनकी अगवानी
देखकर संत महात्मा ने मन बनाया कुछ दिन इस गांव के लोगों को देना चाहिए।
रास्ते में मन बना रहे थे पहुंचने शाम हो गई गांव वालों ने अतिथि सत्कार
किया भोजन आदि की व्यवस्था की और उनको छोड़ दिया। रात में गांव के लोग
पहुंचे महात्मा हमें धर्म के बारे में बताइए ।उन महात्मा ने अपनी योग्यता
अनुसार गांव के लोगों को उपदेश देना चालू किया और आश्वासन दिया हो सके तो
कुछ समय आपके यहां व्यतीत कर सकता हूं ।
अब गांव के लोगों ने यथायोग भक्ति
दिखाना चालू कर दी। महात्मा का बहुत अच्छे से समय निकलता रहा निकलता रहा
।उनका मन थोड़ा चंचल हो गया कब तक यहां बैठा रहूं गांव में कुछ घूमने फिरने
निकल जाऊं। घूमने निकले एक चौराहे की ओर एक गली की ओर जाने मुड़ें जैसे
अग्रसर हुए गांव के लोगों ने कहा महात्मा उस गाली की ओर न जाएं। महात्मा ने
कहा क्यों हमारा निवेदन है महाराज आप उस और ना जाय। जो भी व्यक्ति उस गली
में जाता है लौटकर नहीं आता। काल के गाल में समा जाता है।उन्होंने गांव
वालों से प्रश्न किया आप लोग ऐसा क्यों बोल रहे हैं गांव वालों से प्रति
प्रश्न किया आखिर ऐसा क्यों बोल रहे हो वहां इतना क्या है ।वहां रास्ते में
बहुत बड़ा कुंआ है कुआं के पास वृक्ष है वृक्ष में सांप की बहुत बड़ी बामी
बनी हुई है ।उसके अंदर बहुत बड़ा नागराज है ।जो वहां आने वालों की जीवन
लीला समाप्त कर देता है ।साधु तो साधु उन्होंने मन बना लिया उधर से ही
जाएंगे ।लोगों ने काफी प्रयास किया नहीं माने साधु हटी हो गए कौन रोक सकता
उन्हें। इस रास्ते से जाने का मन बना लिया और आगे जाकर देखते हैं एक बड़ा
नाग राहगीर की राह देख रहा है ।साधु के पहुंचते ही नाग ने देखा यह तो संत
महात्मा है और उन्हें उच्चासन पर बिठाया। संत ने देखा गांव के लोग कुछ और
बोल रहे थे कि नाग का स्वभाव दूसरा निकला ।दोनों ने आपस में चर्चा की संत
ने कहा तुम गांव के लोगों को क्यों परेशान करते हो। आसपास के गांव के लोग
काफी गरीब हैं यह रास्ता गांव वालों का मुख्य रास्ता है आपके कारण लोगों का
आना-जाना नहीं होता। लोगों का व्यापार ठप्प हो गया है। आपको ऐसा करना शोभा
नहीं देता। नागराज ने कहा मैंने कभी लोगों को परेशान नहीं किया गांव के
लोग मुझे देखकर पत्थर मारते हैं मेरे शरीर को जीर्ण-शीर्ण कर देते हैं तो
मुझे काटना पड़ता है। महात्मा ने कहा एक बार फुसकार लगा दोगे सब डर कर भाग
जाएंगे काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। नागराज ने उनकी बात मान ली और बामी में
चले गए ।महात्मा वापस गांव में आए लोगों को उनके चेहरे की प्रशंसा देखकर
खुशी हुई।
गांव वालों ने महात्मा से पूरा वार्तालाप सुनकर प्रसन्न हुए ।अब
नागराज किसी को नहीं कटेगा सब अपना व्यापार अच्छे से कर सकेंगे ।गांव से
कुछ समय में संत महात्मा दूसरे गांव चले गए कुछ समय निकलने के बाद पुनः
महात्मा उसी गांव में आए और उसी रास्ते से कुएं के पास पेड़ के नीचे बामी
के बाहर बैठे नागराज की दशा देखकर उनकी जीर्ण-शीर्ण हालत देखकर पूछा यह
कैसे हुआ ।नागराज ने बताया गांव के लोग बच्चे यहां से निकलते हैं तो मुझे
डंडे मारते पत्थर मारते मैंने ना काटने का नियम आपसे लिया था इस कारण हमारी
यह दशा हो रही है। महिलाएं तो मेरे साथ बहुत बुरा बर्ताव करती हैं
।महात्मा ने कहा मैंने काटने को नहीं कहा था पर फुसकार देने को बोला था
।तुम भूल गए फुसकारना और यह तुम्हारी दशा हुई।जब बुंदेलखंड में धर्म के नाम
पर कुछ नहीं था तब एक साधक ने यहां आकर लोगों को संस्कारित कर दिया पूरे
देश में बुंदेलखंड का नाम कर दिया और तो और कुंडलपुर में जो देखने मिल रहा
है वह सब विद्यासागर जी महाराज की महती कृपा है ।अब बड़े बाबा का दर्शन
करने दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। 2019 में आचार्य भगवन का चातुर्मास नेमावर
में चल रहा था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दूसरे नंबर के महोदय गोपाल कृष्ण
जी वहां आए मोहन भागवत जी ने भेजा था आचार्य श्री के दर्शन करने जाय और
अयोध्या में जो रामलला का मंदिर बन रहा है उसके बारे में चर्चा करके आए।
आचार्य श्री ने उनसे कहा था राम भगवान तो पूरे भारत क्या विश्व के हैं उनका
मंदिर बड़ा बनना चाहिए आप कुंडलपुर जाए वहां का मंदिर देखकर आए और रामलला
का जो भव्य मंदिर बना है वह बड़े बाबा के मंदिर के अनुरूप निर्माण किया
गया। आचार्य भगवन जन जन के प्राणी मात्र के भगवान हैं।
भगवान नमीनाथ का मोक्ष कल्याणक महोत्सव 7 मई को
दमोह
।सुप्रसिद्ध सिद्ध क्षेत्र जैन तीर्थ कुंडलपुर में जैन धर्म के 21वें
तीर्थंकर भगवान श्री नमीनाथ जी का मोक्ष कल्याणक महोत्सव 7 मई को पूज्य
आचार्य श्री समय सागर जी महाराज के चतुर्विध संघ के सानिध्य में धूमधाम से
मनाया जाएगा
।इस अवसर पर प्रातः भक्तांमर महामंडल विधान ,पूज्य बड़े बाबा
का अभिषेक ,शांति धारा ,पूजन विधान होगा । इस अवसर पर अत्यंत भक्ति भाव
पूर्वक निर्वाण लाडू चढ़ाया जाएगा ।आचार्य श्री का पूजन ,मुनि श्री के
प्रवचन, मुनि संघ एवं आर्यिका संघ की आहार चर्या होगी। सांयकाल भक्तांमर
दीप अर्चना एवं पूज्य बड़े बाबा की संगीतमय महा आरती होगी।
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एक रक्तदान मां के नाम.. अटलजी की पुण्यतिथि पर 12 वां रक्तदान
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