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चैत्र नवरात्र की नवमी पर वर्षो से जारी अनूठी परंपरा.. तेज धूप भीषण तपन में दो से तीन किलोमीटर दंड भरते अर्धनग्न श्रद्धालु.. मनोकामना पूरी होने पर दंड भरते हुए पहुंचते हैं बलखंडन माता के दरबार में..

 चैत्र नवरात्र की नवमी पर वर्षो से जारी अनूठी परंपरा

 दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत दिनारी के दसौंदी गांव में बलखंडन खेर माता विराजमान हैं। जहां चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि को श्रद्धालु उघारे होकर दंड भरते हुए माता के दरबार में पहुंचते हैं यह परंपरा सैकड़ों वर्ष से निभाई जा रही है। दसोंदी गाँव में प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्र की नवमी को एक दिवसीय विशाल मेले का आयोजन होता है बुधवार को यहां श्रद्धालु अपने गांव से दंड भरे हुए माता के दरबार तक पहुंचे। बता दें कि इस गांव में 90 प्रतिशत मुस्लिम समाज के लोग रहते हैं जो इस दिन आयोजन को सफल बनाने में अपना पूरा सहयोग करते हैं। यहां पर भक्त नवरात्रि के पहले दिन से खेरमाई के नाम का घट अपने दिवाले पर रखते हैं और नवमी के दिन माता के  चरणों मे समर्पित करते हैं। श्रीफल लेकर गृहग्राम से दंड भरकर देवी स्थान तक जाते हैं।

बुधवार को सैकड़ों भक्त एक साथ दंड भरते हुये दसोंदी कि खेरमाई की जय जयकार करते हुए पहुंचे। सरपंच प्रतिनिधि भोजराज जैन ने बताया कि बलखंडन खेरमाई  खेरमाई के प्रति ऐसी भक्ति और  आस्था है कि भक्त 40.45 डिग्री तापमान में भी दंड भरते हुए दरवार पहुंचे हैं। इस तरह से खेरमाई स्थान तक जाने से लोगों के घर में सुखए शांति बनी रहती हैए फसलों को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता और मांगी मन्नत पूरी होती है।  आयोजन में जबेरा के पूर्व विधायक प्रताप सिंह लोधी और राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी और उनके भाई सतेंद्र सिंह भी पहुंचे। पूर्व विधायक प्रताप सिंह ने कहा कि दसोंदी में बलखंडन खेरमाई मंदिर पर क्षेत्र के लोगों की आस्था जुड़ी है। मैं यहां के जनप्रतिनिधियों से आग्रह करूंगा कि वह इस मंदिर के जीर्णोद्धार में सहयोग करे जिससे प्रसिद्ध स्थान और अच्छा बन सके। वहीं राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह  लोधी भी दसोदी पहुंचे। उन्होंने बलखंडन माता का पूजन किया और कहा कि जो कमियां हैं उनको पूरा करने के लिये राशि दी जाएगी।
दो से तीन किलोमीटर भरते हैं दंड.. ग्राम दसोंदी में विराजी बलखंडल तक पहुंचने के लिए लोग अपने ग्रह ग्राम से  दंड भरते हुए माता के मंदिर को पहुंचते हैं। इसमें दूरी का कोई अनुमान नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि जैसे दसोदी गांव के लोग हैं तो वह अपने घर से ही दंड भरते हुए जाते . हैं और यदि कोई दूसरे गांव का है तो उसको उसी गांव से दंड भरते हुए माता के स्थान पर जाना पड़ता है, बलखंडन खेरमाता का मंदिर धार्मिक आस्थाओं के साथ चमत्कार का भी केंद्र है। यहाँ हर भक्त अपनी मनोकामना लेकर आते हैं जिनकी मनोकामना पूर्ण होती है वह चैत्र नवरात्र पर्व में दंड भरकर परिक्रमा करते हैं वहीं नवमी को जवारे विसर्जन के साथ प्रसाद वितरण व भंडारे का आयोजन किया जाता है.. विशाल रजक की रिपोर्ट

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