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प्रत्याशियों के बाद मतदाताओं ने भी उदासीनता दिखाई.. दमोह लोकसभा क्षेत्र में 56% वोटिंग से भाजपा कांग्रेस समर्थकों की धड़कन बढ़ी.. यदि जागरूकता अभियान नहीं चलता तो 50% मतदान मुश्किल होता..

मतदान कराकर लौटे दल का पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत 

दमोह। जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर सुधीर कोचर के निर्देशन में लगातार जागरूकता अभियान स्वीप प्लान को लेकर नव मतदाताओं के बीच में कार्यक्रम मीडिया सोशल मीडिया पर सक्रियता के बावजूद दमोह लोकसभा क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत 56 के आसपास से सिमट कर रह गया है। ऐसे में कहा जा सकता है कि यदि कलेक्टर ने टीम वर्क के साथ दिन रात मेहनत करके रुचि लेकर मतदान जागरूकता हेतु प्रयास नहीं किए होते तो दमोह जिले मैं वोटिंग का प्रतिशत 50 के आसपास ही रहता।

दरअसल कलेक्टर सुधीर कोचर ने अपने संक्षिप्त कार्यकाल में जिस तरह से पुलिस प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारियों के अलावा सर्व समाज के लोगों मीडिया कर्मियों के साथ तालमेल बैठाकर एक साथ अनेक कार्यों को निर्विध्न संपन्न कराने में सफलता हासिल की है। अल्प समय में कुंडलपुर में आचार्य पदारोहण समारोह की व्यवस्थाएं, नवरात्रि ईद महावीर जयंती अंबेडकर जयंती जैसे विभिन्न धार्मिक सामाजिक आयोजन के साथ-साथ चुनाव को लेकर तैयारियां जैसे हर मोर्चे पर कलेक्टर सुधीर कोचर ने स्वयं आगे रहकर अन्य अधिकारियों कर्मचारियों को प्रेरित किया वह किसी से छिपा नहीं है। 

वही एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी के नेतृत्व में पुलिस टीम तथा जिला पंचायत सीईओ अर्पित वर्मा एवं एडीएम मीना मरकाम के निर्देशन में प्रशासनिक अमले ने जिस सजगता से कार्य किया उसी का नतीजा है कि चुनाव कार्यक्रम निर्विध्न संपन्न हो सका। भीषण गर्मी में जिस गर्म जोशी से मतदान दल को विदा किया था वैसी ही गर्म जोशी से वापसी पर स्वागत भी किया गया। इस सब को लेकर यदि ज्यादा लिखते हैं तो हो सकता है राजनेताओं को जिले की कमान संभालने वाले अधिकारियों की सक्रियता से जलन होने लगे। इसलिए इस बात को यहीं विराम देते हुए उस बात की चर्चा करते हैं कि आखिर मतदान कम क्यों हुआ..?

प्रत्याशियों के बाद मतदाताओं ने उदासीनता दिखाई.. करीब 6 महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव और हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के मतदान के प्रतिशत में आए अंतर का अनुपात का अंदाजा लगाने के लिए हमारे हिसाब से ज्यादा मगजमारी करने की जरूरत नहीं है। विधानसभा के दौरान जिस तरह से प्रमुख प्रत्याशियों तथा समर्थको के बीच जाकर जोर आजमाइश की थी, जनता को भरोसे में लेकर भरोसा दिलाने की कोशिश की थी वह सब लोक सभा चुनाव के दौरान देखने को नहीं मिला। 

यहां तक की स्थानीय मुद्दों को लेकर चर्चा तक करना जरूरी नहीं समझ गया। केवल मोदी और मोदी विरोध के नाम पर वोट निकालने की कोशिश की गई। कार्यकर्ताओं को मानने से लेकर खर्च के नाम पर भी मात्र औपचारिकता पूरी करने की कोशिश की गई। भाजपा में दूसरी पार्टियों से आई नेताओं की वजह से पुराने जमीन कार्यकर्ताओं की जबरदस्त अनदेखी की गई। कांग्रेस में भी पुराने जमीनी कार्यकर्ताओं को पूछने वाला कोई नहीं रहा। नतीजन पुराने कार्यकर्ताओं से लेकर मतदाताओं ने भी वोटिंग करने में वैसे ही उदासीनता दिखाई जैसी की प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार और खर्च करने के दौरान दिखाई गई थी।

कम वोटिंग से भाजपा कांग्रेस समर्थकों की धड़कन बड़ी.. दमोह संसदीय क्षेत्र में पिछले बार की तुलना में करीब 10% मतदान कम होने की वजह से भाजपा कांग्रेस समर्थकों के दिल की धड़कन बढ़ गई है। अबकी बार 400 पार के नारे के साथ पूरे चुनाव प्रचार के दौरान अति आत्म विश्वास और फील गुड महसूस करने वाले भाजपा के बड़े नेता भी अब यह आंकड़े जुटाने की कोशिश कर रहे हैं कि किस क्षेत्र से क्या बढ़त मिलने की संभावना है। वैसे भी कांग्रेस के पास खोने को कुछ भी नहीं है लेकिन विधान सभा जैसी लीड यदि भाजपा के विधायक हासिल नहीं कर पाए तो उनके लिए जरूर परेशानी हो सकती है। क्योंकि इस बार बड़ी संख्या में शिवराज की लाडली बहने भी मतदान से दूरी बनाती हुई नजर आई हैं.. इसका अंदाजा मतदान प्रतिशत में महिलाओं की भागीदारी की कमी से लगाया जा सकता है..

चुनाव वोटिंग के साथ इस बात की चर्चा भी शुरू हो चुकी है कि प्रदेश सरकार मैं 4 माह पहले स्वतंत्र प्रभार के मंत्री का दर्जा पाने वाले पथरिया तथा जबेरा विधायक अपने अपने क्षेत्र में विधानसभा की तरह जीत का अंतर रख पाते हैं अथवा नहीं यह भी यक्ष प्रश्न बन चुका है। क्योंकि जीत का कम अंतर उनकी मंत्री की कुर्सी को आगामी दिनों में डांवाडोल भी कर सकता है। क्योंकि इस चुनाव मैं भाजपा प्रत्याशी को मिली वोट इन मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड के रूप में भी देखी जा सकती है। इसी तरह 50-50 हजार से अधिक वोटो से जीतने वाले दो पूर्व वरिष्ठ मंत्रियों तथा हटा विधायक के क्षेत्र से यदि विधानसभा जैसी लीड नहीं मिली तो इसका जिम्मेदार इन क्षेत्रों के विधायक को ठहराया जायगा या लोकसभा प्रत्याशी को यह सवाल भी फिलहाल यक्ष प्रश्न ही कहा जा सकता है। 

कुल मिलाकर जिस आत्म विश्वास के साथ भाजपा तथा प्रत्याशी राहुल सिंह ने यह चुनाव लड़ा वैसा पिछले दो लोकसभा चुनाव के दौरान देखने को नहीं मिला। जबकि उस समय बड़े नेता प्रहलाद पटेल भाजपा की तरफ से मैदान में थे। उनके पक्ष में माहौल बनाने के लिए समर्थको ने जमकर खर्च करते हुए दिन-रात एक कर दिया था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं दिखा। इधर जिस तरह से बिकाऊ टिकाऊ की बात करके कांग्रेस प्रत्याशी तरवर सिंह ने चुनाव में दम लगाने की कोशिश की लेकिन उनको भी बेहतर सपोर्ट लगभग सभी विधान सभा क्षेत्र में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं से मिलता हुआ नजर नहीं आया। ऐसे में कहा जा सकता है कि कम मतदान के बावजूद मुख्य मुकाबला मोदी जी के नाम-काम और विरोध के बीच में ही हुआ है.. जिसके नतीजे 4 जून को सामने आने के बाद ही साफ हो सकेगा की जिसमें कितना था दम.. 

 07-दमोह संसदीय क्षेत्र में 56.48 प्रतिशत हुआ मतदान.. 07-दमोह संसदीय क्षेत्र का मतदान निर्विघ्न रूप से संपन्न हुआ। प्राप्त जानकारी अनुसार दमोह में 56.48 प्रतिशत मतदान हुआ । विधानसभा वार मतदान के तहत 38-देवरी में 53.25 प्रतिशत, 39-रहली में 50.65 प्रतिशत, 42-बण्डा में 56.69 प्रतिशत, 53- मलहरा में  56.55 प्रतिशत, 54- पथरिया में 57.82 प्रतिशत, 55-दमोह में 58.02 प्रतिशत, 56- जबेरा में 58.53 प्रतिशत एवं 57-हटा (अजा) में 59.98 प्रतिशत मतदान प्रतिशत सामने आया है।

                              

विधानसभा वार पुरूष एवं महिला मतदान के तहत 38-देवरी में 58.45 प्रतिशत पुरूष एवं 47.51 प्रतिशत महिला, 39-रहली में 56.54 प्रतिशत पुरूष एवं 44.17 प्रतिशत महिला, 42-बण्डा में 61.04 प्रतिशत पुरूष एवं 51.75 प्रतिशत महिला, 53- मलहरा में 60.23 प्रतिशत पुरूष एवं 52.34 प्रतिशत महिला, 54- पथरिया में 63.05 प्रतिशत पुरूष एवं 52.06 प्रतिशत महिला, 55-दमोह में 61.93 प्रतिशत पुरूष एवं 53.88 प्रतिशत महिला, 56- जबेरा में 61.68 प्रतिशत पुरूष एवं 55.14 प्रतिशत महिला तथा  57-हटा (अजा) में 63.99 प्रतिशत पुरूष एवं 55.61 प्रतिशत महिलाओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया ।

संसदीय क्षेत्र के तहत विधानसभा 38-देवरी में 116402, 39-रहली में 123849, 42-बण्डा में 142313, 53- मलहरा में  132630, 54- पथरिया में 138361, 55-दमोह में 144313, 56- जबेरा में 141075 एवं 57-हटा (अजा) में 148552 मतदाताओं ने  अपने मताधिकार का उपयोग किया। इनमें 38-देवरी में 218576, 39-रहली में 244526, 42-बण्डा में 251043, 53- मलहरा में  234555, 54- पथरिया में 239295, 55-दमोह में 248713, 56- जबेरा में 241031 एवं 57-हटा (अजा) में 247667 निर्वाचकों ने भाग लिया।

कलेक्टर जिला निर्वाचन अधिकारी ने आभार व्यक्त किया.. दमोह। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सुधीर कुमार कोचर ने जिले में शांतिपूर्वक मतदान संपन्न होने पर मतदाताओंए सम्मानीय मीडियाजनों एवं सभी के प्रति आभार जताया है। उन्होंने उक्त कार्य में संलग्न अधिकारियों. कर्मचारियों एवं सभी संबंधितों तथा सुरक्षा में तैनात अधिकारियों.कर्मचारियों के प्रति भी आभार जताया है। साथ ही उन्होंने स्वीप गतिविधियों में शामिल अधिकारी.कर्मचारियों सामाजिक संगठनोंए छात्र.छात्राओं के प्रति आभार जताया।
 

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