अंतिम दिन भाजपा ने रोड शो के जरिए ताकत दिखाई
दमोह
लोक सभा क्षेत्र में 26 अप्रैल को होने वाले चुनाव मतदान को लेकर प्रशासन
की तैयारी जहां पूरी हो गई है वहीं चुनाव प्रचार थमने से लोगों को चुनावी
शोरगुल से राहत मिल गई है। बुधवार 24 अप्रैल को चुनाव प्रचार थमने के पूर्व
दोपहर में जहां भाजपा का बड़ा रोड शो देखने को मिला वहीं शाम को भारतीय
शक्ति चेतना पार्टी के लाल पट्टी धारी कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में बड़ा
रोड शो करते नजर आए। लेकिन कांग्रेस की तरफ से अंतिम दिन ऐसा कोई भी रोड से
आयोजन नहीं किया गया जो खबरों की सुर्खियां बन पाता।
दमोह
संसदीय क्षेत्र में मुख्य मुकाबला हमेशा की तरह भारतीय जनता पार्टी तथा
कांग्रेस के बीच में ही है। हालांकि बहुजन समाज पार्टी तथा भारतीय शक्ति
चेतना पार्टी के प्रत्याशी सहित 14 उम्मीदवार मैदान में है। जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी के नाम राशि के एक तथा भाजपा प्रत्याशी के नाम राशि वाले दो
उम्मीदवार लोगों को भ्रमित करने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। नामांकन के
दौरान चर्चाओं में आई किन्नर दुर्गा मौसी पूरे चुनाव प्रचार के दौरान कुछ
खास असर नहीं दिखा पाई। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के राहुल सिंह तथा
कांग्रेस के तरवर सिंह के बीच में ही मुकाबला की अंतिम स्थिति साफ नजर आने लगी
है।
पहली बार फीका फीका रहा लोकसभा चुनाव का प्रचार.. दमोह
संसदीय क्षेत्र का यह शायद पहला चुनाव है जब सभी दलीय प्रत्याशियों द्वारा
बेहद कंजूसी दिखाई गई है। चुनाव प्रचार के दौरान झंडा बैनर से लेकर
फ्लेक्स सहित अन्य प्रचार सामग्री का अभाव दिखा है वही प्रचार वाहनों से
लेकर समर्थक नेता द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों की संख्या भी बेहद कम
रही है। मीडिया के मामले में भी दोनों प्रमुख दलों ने बेहद कंजूसी बरती
है।
स्वतंत्र प्रभार के दो मंत्री और दो पूर्व वरिष्ठ मंत्रियों वाले भारतीय
जनता पार्टी के अधिकांश नेता अबकी बार 400 पार तथा मोदी मैजिक के भरोसे
राहुल सिंह की नैया पार लगने की उम्मीद लगाए बैठी है। इधर कांग्रेस के नेता
टिकाऊ बिकाऊ के चक्कर में अपनी लॉटरी खुलने की आस लगाए बैठे हैं। जिसको
लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी दो बार धुआंधार भाषण बाजी करके
जा चुके हैं..
इसके जवाब में भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह ने भी इनको
बहरूपिया बताते हुए जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कुल
मिलकर बढ़ चढ़कर बयान बाजी करने वाले नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं से लेकर
सुबह शाम चक्कर लगाने वाले खबरचियो तक को वह सम्मान निधि रूपी रिचार्ज
करने की आवश्यकता नहीं समझी जिसका इनको हर चुनाव में बेसब्री से इंतजार
रहता था।
यहां तक की पंचायतो से लेकर प्रदेश तथा केंद्र की सत्ता पर काबिज
पार्टी के प्रत्याशी द्वारा भी खर्च करने के मामले में हाथ पीछे किए गए हैं
जिस वजह से शहरी ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यकर्ता भी प्रचार में वैसे
खुलकर सामने नहीं आए हैं। जैसे कि हमेशा सक्रिय रहते थे। इधर कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा भी खर्च के मामले में जरूर से ज्यादा कंजूसी
दिखाई गई है जिस वजह से पार्टी के कट्टर समर्थक भी तेज धूप में घरों से नही
निकल पाए है।
भाजपा के रोड शो में अनेक नेता हुए शामिल.. दमोह भाजपा के लोकसभा के प्रत्याशी राहुल सिंह के जन
समर्थन हेतु भाजपा ने चुनाव प्रचार के आखिरी दिन युवा नेता सिद्धार्थ
मलैया के नेतृत्व में पूरी ताकत झोंकते हुए भाजपा कार्यालय से विशाल रोड शो
आयोजित किया गया जो अंबेडकर चौराहा, सहकारी बैंक चौराहा, बस स्टेंड,
घंटाघर, बकोली चौक होते हुए भाजपा कार्यालय में संपन्न हुआ..
जिसमें मध्य
प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार मंत्री लखन पटेल, पूर्व
मंत्री दमोह विधायक जयंत मलैया, जिला अध्यक्ष प्रीतम सिंह, युवा मोर्चा
प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार, पिछड़ा वर्ग मोर्चा प्रदेश महामंत्री संजय राय
एवं लोकसभा प्रभारी विनोद यादव, सहित हजारों की संख्या में पार्टी
पदाधिकारीओं और कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह को विजय दिलाने
के लिए मतदाताओं का आशीर्वाद मांगा।
भाशचे पार्टी का भी हुआ किया प्रभावी रोड शो.. प्रचार
अभियान के अंतिम दिन भाजपा की तरह भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के प्रत्याशी
विजय पटेल के समर्थन में लाल पट्टी धारी समर्पित कार्यकर्ताओं का बड़ा रोड
शो शहर में देखने को मिला..
जिसमें राष्ट्रीय महासचिव अजय अवस्थी ने सैकड़ो
कार्यकर्ताओं के साथ शहर के प्रमुख मार्गो से निकलकर बांसुरी की आवाज को
बुलंद किया।
प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस समर्थक ढूंढने पर भी नहीं मिले.. लेकिन
प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस का कोई रोड सोया जनसंपर्क शहर में देखने को
नहीं मिला हालांकि प्रत्याशी के समर्थन में कुछ प्रचार वहां घूमते रहे वही
पार्टी की तरफ से कोई विज्ञप्ति भी मीडिया में जारी नहीं हुई जिससे पता
लगता कि आज कांग्रेस का कहां के क्षेत्र में प्रचार जनसंपर्क हुआ था।
हालांकि पूर्व विधायक अजय टंडन की एक विज्ञप्ति जरूर मीडिया के लिए जारी
हुई लेकिन या पार्टी से संबंधित नहीं बल्कि राज्यरानी ट्रेन को बनारस तक
बढ़ाते जाने के विरोध के संदर्भ में थी।
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