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क्या बेटी को आशीर्वाद देने पिता की आत्मा पक्षी के रूप में विवाह कार्यक्रम में पहुंची थी.. ? रंजरा ग्राम में पक्षी राज का शादी कार्यक्रम में शामिल होकर.. बेटी दामांद को आशीर्वाद देना चर्चाओ में..!

बेटी को आशीर्वाद देने पक्षी के रूप में शादी में पहुंचें पिता

 विभिन्न धार्मिक ग्रंथो और पुराणों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि आत्मा अजर अमर है मृत्यु का कुछ ही क्षणों बाद आत्मा नया चोला धारण कर लेती है वह पशु पक्षी का भी हो सकता है तथा अनेक अवसरों पर मृत्यु के बाद भी व्यक्ति को नए जन्म में भी अपने पूर्व जन्म का स्मरण बना रहता है। यह बातें पिता की मृत्यु के बाद बेटी के विवाह समारोह में शामिल होने पहुंचे एक पक्षी राज को लेकर परिलक्षित होती नजर आ रही है।

 दमोह जिले के रंजरा ग्राम में सामने आया ऐसा ही एक वाकया सोसल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब सुर्खियां में है  दरअसल रंजरा गांव के जालम सिंह लोधी की 18 अप्रैल को बेटी की शादी तैयारी के बीच एक सड़क हादसे में मृत्यु हो गई थी। 21 अप्रैल को बेटी की शादी के तीन दिन पहले परिवार पर विपत्तियों का पहाड़ का टूट पड़ा था लेकिन होनी के आगे सभी मजबूर थे गमगीन माहौल में परिवार के साथ गांव के लोगों द्वारा बेटी की शादी की तैयारी की जा रही थी। पिता की याद में बेटी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। 21 अप्रैल रविवार को विवाह की मेला में अचानक एक पक्षी राज शादी वाले घर में पहुंच कर सभी का ध्यान आकर्षित करते हैं। काफी लोगों की मौजूदगी के बावजूद ना वह डरते हैं ना ही उड़ते हैं और बाद में जालम सिंह की पत्नी नोनी बाई  की गोद में जाकर बैठ जाते है।


गांव के लोगों के साथ बेटी के विवाह कार्यक्रम में शामिल होने सभी लोग चंडी माता मंदिर जाने रवाना होने लगते हैं, लेकिन नोनी बाई की गोद में बैठा पक्षी यहां से वहां नहीं जाता है। बाद में उनसे बेटी की शादी में चलने को कहने पर वह भी चंडी माता मंदिर पहुंच जाते है। जहा बेटी इमरती के विवाह की रस्में शुरू होती है। तय रिश्ते के अनुसार विवाह पटना भैंसखार निवासी देवेंद्र सिंह लोधी के साथ होता है। शादी की रस्में शुरू हुई तो यह पक्षी कुर्सियों पर बैठ जाता और जैसे ही जयमाला शुरू होती है बेटी इमरती की गोद में बैठ जाता है। और कभी उड़कर बेटी के सिर पर बैठ जाता है, मानो बेटी को आशीर्वाद दे रहा हो।  इतना ही नहीं जब बेटी ने पक्षी को दूध रखा तो वह गोद में बैठकर दूध पीने लगा और बारातियों के संग खाना भी खाया। यह पूरा वाकया सैकड़ों लोगों के सामने हुआ।
प्रत्यक्षदर्शी बने गांव के सरपंच लाखन सिंह लोधी बताते है कि यह पक्षी पिता की आत्मा बनकर बेटी की शादी में शामिल ही नहीं हुआ बल्कि शादी की पूरी रस्में पूरी होने तक गांव के चंडी माता मंदिर में मौजूद रहा और जैसे ही शादी की रस्में पूरी होती हैं अचानक से गायब हो जाता है। घटनाक्रम को लेकर ग्रामीण जालम सिंह के पक्षी के रूप में बेटी के विवाह में आने और चले जाने की बात कर रहे हैं वहीं पूरे गांव के लोग इस बात के साक्षी बनते नजर आ रहे हैं।

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