पिछ्ले 3 सालों से GDA नहीं दे रहा था दस्तावेज..
ग्वालियर। ग्वालियर डेवलपमेंट अथॉरिटी GDA में प्लॉटों की बंदरबांट का एक बड़ा खुलासा RTI में हुआ है। GDA के अधिकारी 2021 से काग़ज़ को दबाये हुए थे। सूचना आयोग के आदेश के बाद भी GDA जानकारी नहीं दे रहा था। पर इस मामले में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह की सख्त कार्रवाई के बाद दस्तावेज सामने आने पर अब ये अनियमिताए उजागर हुई है।
सूचना
आयोग में सुनवाई मे आरटीआई आवेदक ग्वालियर के अधिवक्ता एच एस यादव के
अनुसार उनके पिता की जमीन का अधिग्रहण ग्वालियर डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा
किया गया था। यादव का आरोप है कि अधिग्रहण करते समय जो अनुबंध था जिसके तहत
प्लॉट का अलॉटमेंट होना था उसमें गंभीर भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली जिसके
चलते यादव ने जुलाई 2021 में आरटीआई आवेदन दायर कर GDA से प्लॉट के
अलॉटमेंट और नियमों की जानकारी मांगी।
2021 में मांगे काग़ज़ आयोग के डंडे के बाद 2024 में मिले.. यादव
2021 से जानकारी के लिए लगातार संघर्ष कर रहे थे। GDA से RTI में जानकारी
नहीं मिलने पर यादव ने सूचना आयोग में अपील दायर की तो सूचना आयोग ने
सितंबर 2022 में जानकारी 15 दिन मे देने के लिए GDA को निर्देशित किया। पर
GDA ने सूचना आयोग के आदेश को भी ताक पर रख दिया और यादव को जानकारी नहीं
दी। तब यादव ने सूचना आयोग में शिकायत दर्ज की। इस शिकायत की सुनवाई राहुल
सिंह ने की। सिंह ने सूचना आयोग के आदेश की अवेहलना को गंभीर प्रकरण बताते
हुए तत्काल इसमें जानकारी देने की निर्देश दिए। साथ ही सिंह ने अपने आदेश
की कंप्लायंस रिपोर्ट भी मंगवा ली। साथ ही प्रकरण में जुर्माने और
अनुशासनिक कार्रवाई का नोटिस भी जारी कर दिया। सुनवाई में राहुल सिंह सख्त
कार्रवाई के चलते GDA में हड़कंप मचा और आनन-फानन सारे दस्तावेज यादव को
सौप दिए।
दोषी अधिकारी के रिटायर्ड होने के बाद भी हो गई कार्रवाई.. वही
इस जानकारी को गलत तरीके से रोकने वाले जिम्मेदार अधिकारी रिटायर्ड हो
चुके तत्कालीन अधीक्षण यंत्री सुभाष सक्सेना को आयोग ने ढूंढ निकाला। RTI
में जानकारी छुपाने पर शासकीय सेवा में रहते हुए तो कार्रवाई होती है।
लेकिन सेवानिवृत्त अधिकारी भी अब सूचना आयोग की सख्ती के चलते कार्रवाई की
चपेट में आ रहे हैं। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने सूचना आयोग के आदेश
के बावजूद जानकारी छुपाने वाले सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री ग्वालियर
डेवलपमेंट अथॉरिटी (GAD) विरूद्ध Rs 10000 जुर्माना लगा दिया।
इस तरह हुई बंदरबांट प्लाटों की.. एच एस यादव को मिले दस्तावेज़ों में GDA के प्लॉट एलॉटमेंट में गंभीर अनियमितता उजागर हुई है। यादव
का कहना है कि GDA ने नियम कायदे कानून को ताक पर रखते हुए एक ही व्यक्ति
जैसे श्री राम इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम 32 प्लॉट अलॉट किए हैं। इसके अलावा
भी अन्य लोग भी है जिनके नाम छह से सात प्लॉट का अलॉटमेंट हो चुका है।
यादव का आरोप है कि GDA में नियम की अनदेखी करते हुए प्लॉट एलॉटमेंट में जम
के भ्रष्टाचार हुआ है।
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