हजारों भक्तों ने किया बड़े बाबा का अभिषेक
दमोह।
सुप्रसिद्ध सिद्धक्षेत्र जैनतीर्थ कुंडलपुर में धुलेड़ी के पावन पर्व पर
बड़ी संख्या में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा ।इस अवसर पर पूज्य बड़े बाबा
का अभिषेक करने देश के विभिन्न अंचलों से हजारों भक्त जुटे ।होली के रंग
में रंगने से बचने भक्त श्रद्धालुओं की भीड़ सिद्धक्षेत्र कुंडलपुर
पहुंची। बड़े बाबा के दर्शन, पूजन ,अभिषेक कर बड़े बाबा के रंग में रंग कर
धन्य हो गए ।
इस अवसर पर कुंडलपुर में विराजमान लगभग 30पिच्छी साधु,
साध्वियों के दर्शन कर, आहार देकर अहो भाग्य माना । संत शिरोमणि आचार्य
श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य पूज्य मुनि श्री विनम्र
सागर जी महाराज ने अभिषेक शांतिधारा के पहले प्रवचन देते हुए कहा आचार्य
श्री का सपना था बड़े बाबा के दर्शन सभी को सहजता से हों। छोटे-छोटे
दानदाताओं ने इतना विशाल बड़े बाबा का मंदिर बनाकर खड़ा कर दिया ।गुरुदेव
के कार्यों को आगे बढ़ाना हम सभी का कर्तव्य है मात्र 100 ग्राम चांदी हर
माह देकर वर्ष भर में 1 किलो 200 ग्राम चांदी आप बड़े बाबा के परिकर के
वैभव को बढ़ाने में दान कर सकते हैं ।दान की परंपरा में चांदी देकर गुरुदेव
के सपने को पूरा करें ।गुरु के प्रति अपने कर्तव्यों को पूर्ण करें
।गुरुदेव भी इस महोत्सव को देख रहे होंगे ,आशीर्वाद दे रहे होंगे। बड़ी
संख्या में बड़े बाबा के भक्तों ने 1 किलो 200 ग्राम चांदी दान करने का भाव
बनाया और अभिषेक शांति धारा करने का सौभाग्य अर्जित किया ।
मीडिया प्रभारी
जयकुमार जैन जलज ने बताया इस अवसर पर प्रथम अभिषेक, शांति धारा,
रिद्धिमंत्र कलश ,छत्र चवंर आरती ,अभिषेक करने का सौभाग्य मयंक पर्व श्वेता
श्राविका जैन परिवार शामली ,आकाश संयम नूपुर मान्या परिवार शामली, वैभव
सतीश रितिका शुची संभव अरुण साधना परिवार शामली ,मयंक जैन अरुण जैन शामली
,प्रदीप संयम जैन सहारनपुर ,वैभव जैन गाजियाबाद ,रविंद्र गौरव पारस वरुण
जैन आगरा ने सौभाग्य पाया।
आचार्य भगवान 108 विद्यासागर जी महाराज की परम प्रभावक शिष्या आर्यिका मां
105 गुरु मति माताजी की संघस्थ आर्यिका मां 105 शांत मति माताजी की
समाधि समस्त मुनि महाराज एवं आर्यिका संघ के सान्निध्य में त्याग के साथ
समय प्रातः10.10 मिनिट पर कुंडलपुर सिद्ध क्षेत्र में हो गई है।
विश्व शांति महायज्ञ, श्री जी की शोभायात्रा निकाली
दमोह
दिगंबर जैन धर्मशाला में मुनि श्री प्रभात सागर जी महाराज एवं आर्यका
गुरुमति माताजी के मंगल सानिध्य में प्रारंभ हुई 1008 सिद्ध चक्र महामंडल
विधान का विश्व शांति महायज्ञ के साथ श्रीजी की भव्य शोभायात्रा अति
उत्साह एवं उमंग के साथ निकाली गई मीडिया प्रभारी
सुनील वेजीटेरियन ने बताया कि श्रीजी की शोभायात्रा सिटी नल से प्रारंभ
होकर पुराना थाना और बकौली से होती हुई नगर के हृदय स्थल घंटाघर से मुड़कर
दिगंबर जैन धर्मशाला पहुंची..
श्रीजी की शोभायात्रा में बड़ी संख्या में
इंद्र इंद्राणिया के साथ समाज के भक्तगण सम्मिलित रहे शोभा यात्रा में
आकर्षक रथ पर श्री जी को विराजमान किया गया श्री जी के रथ को बड़ी श्रद्धा
एवं आस्था के साथ भक्तगण अपने हाथों से खींच रहे थे श्री जी की शोभायात्रा
के दौरान अनेक स्थानों पर अपने द्वार पर खड़े भक्तिगनों ने आरती उतारी एवं
बड़े बाबा और छोटे बाबा के जयकारों से सारा वातावरण गूंजमन कर दिया
इसके
पूर्व प्रातकाल प्रतिष्ठाचार अनु भैया के निर्देशन में समवशरण में
विराजमान पांचो श्रीजी की प्रतिमाओं का अभिषेक एवं शांतिधारा संपन्न हुई
इसका सौभाग्य महा पात्रओं एवं रानू पारस और सौरव लहरी को प्राप्त हुआ
शास्त्र पीतिका पर शास्त्र जी को विराजमान करने का सौभाग्य महेश दिगंबर
परिवार को प्राप्त हुआ। इसके पश्चात हवन के लिए बनाए गए बड़े-बड़े कुंड में
महापत्रों ने एवं मिट्टी के कुंड में इंद्र इंद्राणी के साथ अनेक भक्तगणों
ने विश्व शांति की भावना से हवन कर आहुतियां समर्पित की श्री यंत्र का
अभिषेक एवं पूजन की गई विधान के समव शरण में स्थापित मंगल कलशो का महापत्रों
को वितरण किया गया इस मौके पर श्रीमंत सेठ संतोष सिंघई के द्वारा उपस्थित
सभी लोगों के लिए वात्सल्य भोज का आयोजन किया गया।
मंदिर कमेटी के अध्यक्ष
नवीन निराला महा मंत्री राज कुमार जैन रानू पारस कोषाध्यक्ष शैलेंद्र बजाज विधान संयोजक
शैलेंद्र मयूर एवं राजेश हिनौती आदि सभी कमेटी के सदस्यों ने विधान के सफल
आयोजन हेतु प्रतिष्ठाचार अनु भैया एवं उनकी टीम का सम्मान किया एवं सभी
भक्तगणों का आभार व्यक्त किया।
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