कुंडलपुर में समारोह स्थल का हुआ भूमि पूजन..
कुंडलपुर।
सुप्रसिद्ध सिद्धक्षेत्र कुंडलपुर में आगामी 16 अप्रैल को आचार्य पद
पदारोहण अनुष्ठान महामहोत्सव हेतु समारोह स्थल पर भूमि पूजन का कार्यक्रम
आयोजित हुआ।
इस अवसर पर राजेंद्र जैन वास्तु इंदौर ने भूमि पूजन का
कार्यक्रम संपन्न कराया। पूज्य बड़े बाबा के चरणों में श्रीफल समर्पित कर
पूजा अर्चना आज्ञा के पश्चात वास्तु विधान किया गया ।
इस अवसर पर कमेटी
अध्यक्ष चंद्र कुमार सराफ, महोत्सव समिति के संयोजक वीरेश सेठ, ललित सराफ,
अनिल मम्मा, राजेश चौधरी, रीतेश गांगरा, रेशु सिंघई महेश दिगंबर,अमित
त्यागी, पुरुषोत्तम, सतीश ,नितिन भैया अनिल पुजारी आदि उपस्थित रहे।
कमिश्नर, डीआईजी अन्य अधिकारी कुंडलपुर पहुंचे
दमोह।
सुप्रसिद्ध जैन तीर्थ सिद्धक्षेत्र कुंडलपुर में 16 अप्रैल को आयोजित
आचार्य पद पदारोहण अनुष्ठान महामहोत्सव कार्यक्रम व्यवस्था को लेकर सागर
कमिश्नर वीरेंद्र रावत, डीआईजी सुनील कुमार जैन, दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार
कोचर, पुलिस अधीक्षक श्रुत कीर्ति सोमवंशी, एसडीएम राकेश मरकाम, एसडीओपी
,लोक निर्माण अधिकारी ,तहसीलदार मोहित जैन, थाना प्रभारी अमित मिश्रा के
अलावा और भी अधिकारी गण के साथ कुंडलपुर कमेटी के पदाधिकारियों ने पूज्य
बड़े बाबा के दर्शन किए. श्री फल अर्पित किया, छत्र चढ़ाया, आरती की।
कुंडलपुर कार्यालय में कार्यक्रम के संदर्भ में चर्चा कर समारोह स्थल का
निरीक्षण किया इस अवसर पर कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष चंद्र कुमार
सराफ, कार्यक्रम संयोजक वीरेश सेठ, देवेन्द्र सेठ, इंजीनियर आरके जैन, ललित
सराफ ,अमित त्यागीआदि पदाधिकारी सदस्यों की उपस्थिति रही। श्री सिध्द चक्र महा मंडल विधान में 128 अर्घ समर्पित..
दमोह।
वेदी का निर्माण करने वाला परंपरा से निर्वाण की प्राप्ति करता है भरत
चक्रवर्ती ने कैलाश पर्वत पर 72 जिनालय का निर्माण करवाया था इसलिए परंपरा
से उनको निर्वाण की प्राप्ति हुई थी भरत चक्रवर्ती और रावण दोनों के पास
अतुल वैभव था किंतु रावण नरक गया जबकि भारत चक्रवर्ती को मोक्ष की प्राप्ति
हुई रावण नरक इसलिए गया क्योंकि उसने भोग उपभोग की सामग्री एकत्र की जबकि
भरत चक्रवर्ती ने अपनी संपदा का उपयोग धर्म के कार्यों में मंदिर आदि के
निर्माण में किया इसलिए उन्हें निर्वाण की प्राप्ति हुई.. उपरोक्त
उदगार मुनि श्री प्रभात सागर जी महाराज ने जैन धर्मशाला में चल रहे सिद्ध
चक्र महामंडल विधान के चौथे दिवस अपने मंगल प्रवचनों में अभिव्यक्त किया
इसके पूर्व प्रतिष्ठाचार्य अनु भैया के निर्देशन में श्री जी के अभिषेक
उपरांत शांति धारा की गई शांति धारा करने का सौभाग्य कुंडलपुर क्षेत्र
कमेटी के पूर्व अध्यक्ष संतोष सिंघई के परिवार को प्राप्त हुआ इस मौके पर
अनेक श्रद्धालुगनों के द्वारा नन्हे मंदिर के मूल नायक पारसनाथ भगवान की
मुख्य बेदी पर पर चांदी एवं सोने के कार्य हेतु दान रशि घोषित की गई.. प्रचार
प्रभारी सुनील वेजीटेरियन ने बताया कि इस वेदि को आकर्षक बनाने के लिए
कमेटी के द्वारा इसमें विशेष नक्काशी करने का निर्णय लिया गया है महाआरती
का सौभाग्य स्वधर्म इंद्र परिवार श्रीमती प्रभा नीपेंद्र बहादुर जैन को
प्राप्त हुआ विधान में वसुंधरा नगर महिला मंडल की ओर से बड़ी मात्रा में
द्रव्य सामग्री समर्पित की गई.. इस मौके पर आर्यका गुरु
मति माताजी ने अपने मंगल प्रवचनों में कहा कि शुद्ध आत्मा की उपासना इस
अविनाशी शरीर के साथ होती है यह आत्मा अपने आत्म स्वरूप को ना पहचान कर
अष्ट कर्म के अभाव में दर दर की ठोकर खाती है आज के समय में श्रावक कुल तो
विद्यमान है किंतु श्रावक धर्म विलोपित होता जा रहा है श्रावक वही है
जिसमें श्रद्धा विवेक एवं क्रिया जैसे गुण विद्यमान होते हैं..
पारसनाथ महिला जैन मिलन टंडन बगीचा शाखा बैठक
दमोह।
इस माह की मासिक बैठक का आयोजन वीरांगना ममता जैन के निज निवास पर आयोजित
हुए कार्यक्रम की शुरुवात महावीर प्रार्थना से हुई। इस बैठक में विभिन्न
बातो पर निर्णय लिए गए। नवनिर्वाचित पदाधिकारी, होली मिलन समारोह शाखा की
सभी वीरांगनाओं का इस वर्ष का विदाई समारोह। सर्वप्रथम इस वर्ष के नए
पदाधिकारियों के बारे में निर्णय लिया। जिसमे नए अध्यक्ष के पद पर वीरांगना
रेखा जैन, मंत्री वीरांगना ममता और सह मंत्री वीरांगना पुस्पलता जैन,
कोषाध्यक्ष वीरांगना सपना, सह कोषाध्यक्ष मंत्री वीरांगना श्रद्धा जैन,
प्रचार मंत्री वीरांगना अमिता, सह प्रचार मंत्री वीरांगना निधि सराफ,
सांस्कृतिक मंत्री वीरांगना सारिका, सह सांस्कृतिक मंत्री वीरांगना सविता
के लिए सबके सहयोग से निर्णय लिया गया। गत वर्ष में किए गए कार्यों के लिए
शाखा की सभी वीरांगनाओं को शाखा के द्वारा सम्मानित कर विदाई समारोह मनाया।
अंत में होली मिलन का कार्यक्रम किया। कार्यक्रम का आभार वीरांगना अर्चना
जैन जी ने व्यक्त किया। नए पदाधिकारियों के लिए बधाई दी। इस बैठक में शामिल
वीरांगनाएं सरिता, प्रीति, अर्चना, सुरभि, सारिका, आयुषी, संगीता बजाज,
संगीता आदि वीरांगनाओं की उपस्थिति रही।
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