मिर्ची मारकर लूट करने वालो को 7-7 वर्ष की सजा
दमोह न्यायालय आर एस बघेल, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी दमोह की अदालत ने आरोपी राज सोनी पिता बलराम सोनी उम्र 20 निवासी गड़ाकोटा सागर व शैलेंद्र पिता दिलीप रैकवार उम्र 21 मोतीनगर सागर को धारा 394 आईपीसी में 07 वर्ष 25बी आर्म्स एक्ट में 01 वर्ष 2500-2500 जुर्माना कर फैसला सुनाया है. मामले में पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी कैलाशचंद पटेल के निर्देशन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी संजय रावत एवं श्रीमती सविता बजाज के द्वारा की गई..
घटना का
संक्षिप्त विवरण यह है कि फरियादी ईश्वर पटैल द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई
कि 01 दिसंबर 22 के दोपहर करीबन 3 बजे अपनी मोटर साईकिल क्र. एमपी 34
एमडी 1244 से अपने घर से राय चौराहा यूनियन बैंक मैं अपनी चेकबुक ग्रे कलर
के बैग में रखकर बैंक से रूपये निकालने गया था, यूनियन बैंक में पहुंचकर 3,00,000 रू. (तीन
लाख रूपये) निकाले जिनमें पाँच-पाँच सो की छह गिड्डियां प्राप्त हुई.उन
रूपयों को मैने चेकबुक के साथ बेग में रख लिया तथा बाहर आकर अपनी मोटर
साईकिल के बाऐं हैण्डल पर बेग टांग लिया तथा अपने दामाद डॉक्टर रामप्रकाश पटैल के निवास विजय नगर जा रहा था कि करीबन 3.30 बजे जैसे ही में पवन जैन के घर के सामने विजय नगर पहुंचा कि पीछे से सफेद रंग की अपाचे मोटर साईकिल के चालक ने मेरी मोटर साईकिल के आगे उसने अपनी मोटर साईकिल अड़ा दी, जिस पर तीन लोग सवार थे. उनमें
से पीछे वाले व्यक्ति ने ने मुझसे पूछा कि कहां जा रहे हो तो मैंने कहा कि
डॉक्टर साहब के यहां जा रहा हूँ. इतने में बीच में बैठे लड़के ने जिसका
रंग सांवला था उसने मेरा चश्मा खींच लिया तथा पीछे वाले लड़के जिसका रंग
गोरा था. उसने मेरी आंखों में मिर्ची का पाउडर मार
दिया तथा मेरी मोटर साईकिल पर बाएं तरफ टंगा रूपयों का बैग जिसमें तीन लाख
रूपये नगदी व मेरे नाम की एक चेकबुक थी, मेरी मोटर साईकिल पर टंगे थैले की
तरफ गोरा लड़का झपटा तो मैंने थैले को हाथ से पकड लिया. जो दो बदिदया उखडकर मेरे हाथ में रह गई और वह व्यक्ति बैग छीनकर विजय नगर के मैन गेट तरफ भाग गया. दो व्यक्तियों को मौके पर उपस्थित करन सहगल और नीरज चौरसिया पटवारी द्वारा पकड़ लिया था और पुलिस के
सुपुर्द किया. घटना आनंद नेमा और करन सहगल ने देखी थी.मिर्ची आंखों में
लगने से पीड़ित को जलन होने लगी थी. जिसे बाद में इलाज के लिए ले जाया गया
था. फरियादी द्वारा थाने में रिपोर्ट की थी, जो
डॉक्टरी मुलाहिजा जिला अस्पताल दमोह में हुआ था व पुलिस द्वारा उन दो पकडे
हुए व्यक्तियों से से पूछताछ की थी, जिनमें से एक
ने अपना नाम राज सोनी एवं दूसरे ने शैलेन्द्र रैकवार होना बताया था एवं
पैसे लेकर भागने वाले व्यक्ति का नाम वासु अहिरवार, निवासी सागर होना
बताया था.
आरोपीगण से जप्ती की गई थी मामले में विवेचना तत्कालीन उपनिरीक्षक एसआर रिछारिया थाना कोतवाली द्वारा की गई थी. संपूर्ण विवेचना उपरांत दो अभियुक्तगण के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. अभियोजन की ओर से कुल 16 साक्षीगण के कथन माननीय
न्यायालय के समक्ष कराये गए, अभियोजन तर्कों एवं उपलब्ध साक्ष्य से
सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को दण्डित किया गया..
0 Comments