पटेरा रोड पर बोलेरो के पेड़ से टकराने से 4 की मौत..
दमोह। जिले में होली की खुशियों में अनेक स्थानों पर नशे का रंग सर चढ़कर बोलता नजर आया है। हालांकि जिला प्रशासन ने होली के अवसर पर लोगों को नशे से दूर रखने के लिए दोपहर 3 बजे तक शराब दुकानों को बंद रखने के निर्देश दिए थे। लेकिन इसके बाद जैसे ही शराब दुकाने खुली तो छक कर पीने वालो के सिर पर लाल परी का नशा जमकर असर दिखाता नजर आया। नतीजन शाम से शुरू हुआ हादसों बाद विवाद की बजह से घायलों का जिला अस्पताल पहुंचाने का दौरा देर रात तक जारी रहा और डॉक्टर तथा स्टाफ भी परेशान हो गया की किसको पहले देखें और किसे बाद में..
दमोह जिले के पटेरा थाना क्षेत्र अंतर्गत सोमवार शाम एक तेज रफ्तार बोलेरो गाड़ी अनियंत्रित होने के बाद सड़क से उतरकर पेड़ से टकरा गई थी। टक्कर इतनी जबरदस्ती की पेड़ का आधा तना टूट गया था वही बोलोरो गाड़ी के सामने से परख्च्चे उड़ गए थे। तथा गाड़ी को चला रहे युवक के अलावा तीन अन्य लोग बुरी तरह से घायल हो गए। होली के रंग में सरोवर नजर आ रहे गाड़ी में फंसे लोगों को राहगीर तथा स्थानीय लोगों ने जैसे-जैसे बाहर निकाल कर पुलिस 100 डायल एंबुलेंस को सूचना दी गई।
बाद में इन को बेहद गंभीर हालत में जिला अस्पताल भेजा गया था। जहां एक व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया गया कुछ देर बाद एक अन्य की भी मौत हो गई। वही प्राथमिक उपचार के बाद दो को जबलपुर रेफर कर दिया गया था। लेकिन जबलपुर पहुंचने के पहले ही देर रात एक घायल की मौत की खबर भी सामने आ गई। इधर मंगलवार को चौथे व्यक्ति की भी जबलपुर में मौत हो गई।
बोलेरो हादसे में गंभीर चार घायलों में रघूवीर पिता चित्तर सिंह निवासी हरपालपुरा को जिला अस्पताल में मृत घोषित कर दिया था। वही दिप्पू उर्फ दिलीप सिंह निवासी देवडोंगरा की बाद में मौत हो गई थी। थम्मन सिंह पिता चित्तर हरपालपुरा तथा रमाकांत पिता दामोदर तिवारी हरपालपुरा को जिला अस्पताल से जबलपुर रेफर किया गया था। लेकिन रास्ते में रमाकांत तिवारी की सांसे थम गई। जबकि थम्मन सिंह की जबलपुर में मौत हो जाने की जानकारी सामने आई।
मारपीट और सड़क हादसे में करीब 100 घायल
दमोह। होली पर्व के 24 घंटे के दौरान नशे में रफ्तार के कर आपसे वाद विवादित झगड़ों की वजह से करीब 100 लोगों के अस्पताल पहुंचने की जानकारी सामने आई है।
24 मार्च की रात से 25 मार्च की देर रात्रि तक एक के बाद एक घायलों के जिला अस्पताल पहुंचने रहने की वजह से साथ भीड़ भाड़ के साथ अफरा तफरी के हालत बनते रहे। ड्यूटी डॉक्टर के साथ स्टाफ को इस दौरान घायलो के साथ आए नशे में धुत लोगों के हो हल्ले की वजह से जमकर परेशान होना पड़ा।
इस दौरान सामान्य घायलों का इलाज करके जहां घर जाने को कहा गया वहीं गंभीर घायलों को जबलपुर रेफर का दौर चलता रहा जिससे प्राइवेट एंबुलेंस वालों की भी जमकर चांदी होती नजर आई। इस दौरान अत्यधिक शराब पीने वालों की हालत बिगड़ने पर उन्हें लेकर भी जिला अस्पताल पहुंचाने का सिलसिला देर रात के बाद तक चलता रहा।
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