मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए
दमोह कोतवाली कैंपस में शनिवार रात हंगामा प्रदर्शन और कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाए जाने के हालत के बाद एसपी सुनील तिवारी के निर्देश पर कोतवाली में उपद्रव करने वाले 40 लोगों के खिलाफ जहां विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया था वहीं अब इस मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव का ट्वीट सामने आने के बाद दमोह कलेक्टर ने पूरी घटना को लेकर मजिस्ट्रेयल जांच के आदेश दिए हैं।
वही भड़काऊ भाषण देने के मुख्य आरोपी पर एनएसए तहत कार्यवाही प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा है कि दमोह में उपद्रवियों ने कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास किया। जिसे पुलिस प्रशासन ने समय पर संभाल लिया मध्य प्रदेश में शांति बनाए रखना सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। कोतवाली पुलिस अभी तक इस मामले में तीन आरोपियों गिरफ्तार कर चुकी है। जिनको सोमवार को कोर्ट में पेश किए जाने के बाद जेल भेजा जा चुका है।
उल्लेखनीय के शनिवार रात जेल मस्जिद मार्केट में टेलरिंग शॉप संचालित करने वाले एक युवक का कपड़ा सिलाई को लेकर कुछ अन्य युवकों से विवाद हो गया था। इस दौरान वहां से निकल रहे एक हाफिज जी ने बीच बचाव की कोशिश की थी। जिस पर उनके साथ भी बदतमीजी कर दी गई थी। इसी पर से सैकड़ो की संख्या में मुस्लिम समाज के लोग रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोतवाली पहुंच गए थे। जहां पुलिस ने मामला दर्ज करके तत्काल एक आरोपियों गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन यहां एकत्रित भीड़ 2 घंटे में सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर देर तक नारेबाजी प्रदर्शन करती रही थी।
इसी दौरान एक युवक द्वारा 24 घंटे में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर उनके हाथ एवं गला काट देने की चेतावनी माइक से देते हुए कोतवाली परिसर में ही कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाने तथा मौजूद भीड़ को भड़काने की कोशिश की थी। इसके बाद कोतवाली टीआई आनंद सिंह भीड़ में घुसकर उपद्रव की कोशिश में लगे प्रदर्शन करियो से उलझ गए थे। बाद में पुलिस ने भीड़ को कोतवाली से बाहर करके संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लैग मार्च करके स्थिति पर नियंत्रण किया था।
रविवार को एसपी सुनील तिवारी के निर्देश पर कोतवाली परिसर में हंगामा मचाने वाले करीब 40 लोगों के खिलाफ विभिन्न धारा में मामला दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज करके भड़काऊ भाषण देने वाले अकरम राइन सहित कुछ अन्य लोगो को हिरासत में ले लिया था। वही कोतवाली परिसर में भड़काऊ हालत निर्मित करने वाले अन्य लोगों की पहचान सीसीटीवी फुटेज एवं वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए की जा रही है। इधर मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद दमोह कलेक्टर ने इस मामले को लेकर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने मजिस्ट्रियल जाँच के किये आदेश जारी..
दमोह। तहसील दमयंती नगर दमोह क्षेत्र में 03 फरवरी 2024 को रात्रि लगभग 10 बजे बड़ी संख्या में असामाजिक तत्वों द्वारा थाना कोतवाली का घेराव कर नारेबाजी की तथा कानून एवं शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया गया। इस घटना के कारणों की मजिस्ट्रियल जाँच कराया जाना आवश्यक मानते हुये कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट मयंक अग्रवाल ने घटना की मजिस्ट्रियल जॉच हेतु आदेश जारी किया है।
उन्होंने अपर कलेक्टर एवं अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी दमोह मीना मसराम को मजिस्ट्रियल जाँच अधिकारी नियुक्त किया है तथा श्रीमती मसराम को निर्देश दिये है कि एक माह की समयावधि में जाँच प्रतिवेदन कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाये। जाँच के बिन्दु.. जाँच के बिन्दु में घटना का कारण क्या है घटना के लिए कौन.कौन जिम्मेदार है एवं उनके नाम क्या यह पूर्व नियोजित घटना थी। क्या घटना में शामिल व्यक्तियों का असामाजिक तत्वों से संबंध है। इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति भविष्य में न हो इस संबंध में आवश्यक सुझाव तथा अन्य कोई सुसंगत तथ्य जो जाँच में पाए गए का उल्लेख किया जाये।
06 से 13 फरवरी तक कोई भी व्यक्ति अपना साक्ष्य आवेदन शपथ पत्र व अन्य दस्तावेज प्रस्तुत कर सकता है.. सर्व साधारण से मजिस्ट्रियल जांच अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी मीना मसराम ने कहा है कि तहसील दमयंतीनगर दमोह क्षेत्र में 03 फरवरी को रात्रि लगभग 10 बजे बड़ी संख्या में असामाजिक तत्वों द्वारा थाना कोतवाली का घेराव कर नारेबाजी की गई तथा कानून एवं शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया गया। घटना के कारणों की मजिस्ट्रियल जाँच हेतु कार्यालय कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट दमोह के आदेश द्वारा मजिस्ट्रियल जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
इस संबंध में मजिस्ट्रियल जांच अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्रीमती मीना मसराम ने कहा है 06 फरवरी से 13 फरवरी 2024 तक कार्यालयीन दिवसों में प्रातः 11 बजे से दोपहर 02 बजे तक की अवधि में कोई भी व्यक्ति अपना साक्ष्य आवेदन शपथ पत्र व अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करना चाहता हो वह मजिस्ट्रियल जांच अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी मीना मसराम के समक्ष उपस्थित होकर प्रस्तुत कर सकते है। संबंधित का नाम गोपानीय रखा जायेगा।
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