दमोह एसपी को सुप्रीम कोर्ट में व्यक्तिगत हाजिरी आदेश
दिल्ली/दमोह।
विगत दिनों देश के सर्वोच्च न्यायालय न्यायालय ने सोमेश देवेन्द्र चौरसिया
की ओर से प्रस्तुत अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के
न्यायाधीश सूर्यकांत एवम के वी विश्वनाथन की बेंच ने सोमेश एवम उसके
परिजनों को पुलिस सुरक्षा मुहैया न कराए जाने की बात को लेकर मध्यप्रदेश
पुलिस को आड़े हाथों लेते हुए आश्चर्य जताया के मध्यप्रदेश पुलिस राजनैतिक
गुंडों एवं राजनैतिक डकैतों को तो सुरक्षा देने का काम कर रही है किंतु
हत्याकांड के पीड़ित परिवार को बाहुबलियों से सुरक्षा दिलाने सक्रिय नहीं
दिख रही है।
दरसल विगत लगभग एक वर्ष से देवेंद्र
चौरसिया हत्याकांड के पीड़ित परिवार की पुलिस सुरक्षा सरकार ने हटा दी थी
जिसके चलते इस याचिका को पीड़ित पक्ष की ओर से दाखिल किया गया था। याचिकाकर्ता
की ओर से सुप्रीम कोर्ट में उनके अधिवक्ता वरुण सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को
बताया के पूर्व विधायक के पति एवं उनसे पीड़ित परिवार को जान का खतरा है साथ
ही बाहुबली विधायक दमोह कलेक्टर को खुलेआम धमकाकर भय का माहौल बनाये हैं
जिससे कलेक्टर को तबादला लेना पड़ा.. पूर्व विधायक के परिजनों पे कई गम्भीर
आपराधिक मामलों में वे सजायाफ्ता है ।
मामले में
चौरसिया परिवार के स्थानीय मामले में रहे अधिवक्ता मनीष नगाइच ने बताया के
सारी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगले 24 घण्टो में चौरसिया परिवार को
सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश के साथ अगली सुनवाई पर पुलिस अधीक्षक दमोह को
व्यक्तिगत न्यायालय में हाजिर होकर कॉमपल्यानस रिपोर्ट और हलफनामा दाखिल
करने के आदेश दिए हैं।
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