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लोकसभा तथा केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा के बाद दमोह पहुचे प्रहलाद पटेल.. संसदीय कार्यकाल के दौरान मिले सहयोग को याद करके भावुक हुए श्री पटेल.. मुख्यमंत्री मामले में कहा विधायक दल का निर्णय सर्वोपरी..

प्रिंट इलेक्ट्रानिक मीडिया और फोटो जर्नलिस्ट से की चर्चा

दमोह।  पूर्व केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जलशक्ति राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आज अपने निवास पर मीडियाजनों से चाय पर चर्चा की। दमोह लोकसभा तथा केंद्रीय मंत्री परिषद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार दमोह पहुंचे श्री पटेल दमोह संसदीय क्षेत्र से साढ़े 9 साल के कार्यकाल के दौरान सभी से मिले सहयोग को याद करते हुए भावुक नजर आए। वही मप्र के अगले मुख्यमंत्री के रूप में उनका नाम सबसे आगे होने को लेकर उन्होंने कहा कि कल होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक में जो भी निर्णय होगा वह सर्वमान्य होगा। इस दौरान पूर्व विधायक पीएल तंतबाय, पूर्व जिला अध्यक्ष बिहारी लाल गौतम, जिला महामंत्री सतीश तिवारी, रामेश्वर चौधरी, गोपाल पटेल सहित अनेक नेताओं की मौजूदगी रही।

पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री पटेल ने कहा मेरे राजनैतिक जीवन में संसदीय काल का सबसे लंबा समय दमोह का समय हैं। लोगों के मूल्यांकन करने का क्या नजरिया हैं मुझे नहीं पता और इसलिए मैंने जब संसद सदस्यता छोड़ी थी तब मैंने अपने ट्वीट में लिखा भी था कि धन्यवाद और आभार देने से दमोह की जनता का कर्ज नहीं उतरेगा जब तक मैं जीवित रहूंगा व्यक्तिगत और सामूहिक जो भी कर्तव्यों का निर्वाहन मैं कर सकता हूं मैं उसे करूंगा यह मैं आपको वचन देता हूं। दमोह के विकास के लिये और आपने जो मुझे रचनात्मक सहयोग दिया है कभी जरूरत पड़े तो मैं दावे से कहता हूं मेरी कोई बाउंडरी नहीं है। पार्टी ने मुझे इतने मौंके दिये हैं कि मैं चार अगल.अगल जगहों से लोकसभा का सांसद रहा हूं। यह पांचवा स्थान हैं जहां पर मैंने अपने जीवन में संघर्ष शुरू किया है। 

वहां पर जब पार्टी ने मुझे पहुंचाया तो वास्तव में मैं छिंदवाड़ा या जबलपुर की किसी सीट से लड़ने वाला था लेकिन मैं आज अपने अनुज का भी साधुवाद करता हूंए मैं जानता हूं कि मैं आज चुनाव जीता हूं तो इसमें मुन्ना भैया की सक्रियता रही है। राजनीति की स्वच्छता के लिये भी यह घटना भविष्य में आप सभी के लिये भी चर्चा का केन्द्र होगी क्योंकि अक्सर राजनीति में परिवार वाद की चर्चा होती है। केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री पटेल ने कहा मैं जरारूधाम से भावनात्मक रूप से जुड़ा हूं उसमें भी मैं आप सभी के सहयोग के लिये आप सभी का आभारी हूं। आपने जिस प्रकार से हमें नैतिक बल दिया है मैं विश्वास करता हूं कि अभी वो दमोह की पहचान हैं यह देश की पहचान बनेगा ऐसा मेरा भरोसा है।

व्यवस्था में अभी परिवर्तन हुआ हैं आलोक उसके अध्यक्ष थे अभी नरेन्द्र बजाज उसके अध्यक्ष हो गये है। उसे दूर से नहीं चलाया जा सकता है सुशील गुप्ता उसके नजरदार है यह दोनो साईनिंग अथॉर्टी होंगीए जो भी उसका वित्तीय आहरण होगा उसकी व्यवस्था बन गई है। मैं चाहता हूं और आपके माध्यम से आव्हृान भी करता हूंए जो भी सामाजिक कार्यकर्ता हैं हमने वहां दलीय राजनीति नहीं की है और भविष्य में भी नहीं करेंगे। कौन किस पार्टी का हैए जरारूधाम की सीमा में उसके कोई मायने नहीं है। जो जरारूधाम में मदद करेगा वह उसका सहयोगी होगा इसमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा। वह दलीय राजनीति का केन्द्र न था न है और भविष्य में न होने देंगे। लेकिन मेरा उससे भावनात्मक लगाव है।

उन्होंने कहा आपके पास में जो विरासतें है चाहे वह साहित्य की होए चाहे वह संस्कृति की होए दमोह में जो विरासतें हैं आसानी से देश के किसी जिले में मिलती नहीं है। इसलिये मैं आपसे यह भी विनती करूंगा कि विकास तो निश्चित रूप से चाहिए लेकिन विकास और विरासत का जो सामूहिक मॉडल है उसकी तरफ हम सभी को चलना चाहिए। नशे जैसी कृति के खिलाफ मैं अपकी मदद चाहूंगा जागरूक करने में आपका बड़ा योगदान हैं। जीवन में मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूंए जनजागरण के लिये राजनीति करता हूं यदि ऐसा कोई काम मेरे द्वारा हुआ हैं तो मैं आपसे क्षमा चाहता हूंए यदि गलती हो तो आपको बताने का अधिकार हैं।

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