आकाश में नजर आई जुपिटर और मून की जोड़ी
शनिवार (25 नवम्बर) शाम के आकाश में पूर्वी आकाश में चमकता चंद्रमा अपने साथ जुपिटर की जोड़ी बनाते नजर आया । पूरी रात यह नजारा देखने को मिलेगा लेकिन 26 नवंबर की रात इन दोनों के बीच दूरी बड़ी हुई नजर आएगी। यह खगोलीय घटना ज्योतिष की नजर में गज केसरी योग का निर्माण कर रही है जो की गुरु तथा चंद्र के एक साथ आने से निर्मित होता है।
इस खगोलीय घटना की जानकारी देते हुये नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि शाम जब सूर्य अस्त हुआ तब पूर्वी आकाश में कुछ उंचाई पर चंद्रमा और बृहस्पति जोड़ी बनाते नजर आये । चंद्रमा लगभग 3 लाख 74 हजार 830 किमी दूर था तथा इसका 96.6 प्रतिशत भाग चमक रहा था । वहीं जुपिटर 60 करोड 85 लाख 90 हजार किमी दूर रहते हुये माईनस 2.84 मैग्नीट्यूड से चमक रहा था । यह जोड़ी रात भर दिखाई देने के बाद सुबह सबेरे 4 बजे के बाद पश्चिम में अस्त हुई । -सारिका घारू @GharuSarika
मेष राशि में बना गजकेसरी योग दो राशियों में फलदायीज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु तथा चंद्र केंद्र त्रिकोण में जिस भाव में बैठते हैं वहां पर गज के सहयोग का निर्माण होता है तथा उन राशि वालों को विशेष फलदाई माना जाता है। वर्तमान में बृहस्पति देव मेष राशि में गोचर कर रहे वहीं चंद्रदेव का गोचर भी ढाई दिन के लिए मेष राशि मे चल रहा है। ऐसे में दो दिन मेष राशि वाले जातकों के ऊपर गजकेसरी योग विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा। वही गुरु चंद्र की सीधी दृष्टि तुला राशि पर पड़ेगी इसलिए तुला राशि पर भी गजकेसरी योग्य कर के साथ तुला राशि वालों को उसका अच्छा फल प्राप्त होगा। मेष लग्न राशि से केंद्र भाव में कर्क तथा मकर राशि होने की वजह से इनके राशि वालों को भी यह योग फलदाई रहेगा। मेष राशि से त्रिकोण में पढ़ने वाले सिंह तथा धनु राशि वालों को भी यह गज केश्री योग का कुछ ना कुछ लाभ देकर बिगड़े काम बनाकर जाने वाला साबित होगा...
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