चुनावी राजनीति को लेकर कांग्रेस की जिला स्तरीय बैठक
दमोह। विधानसभा
चुनाव की तिथि घोषित होते ही जिले के समस्त कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक
का आयोजन दमोह लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी
के सचिव कमलकांत शर्मा म.प्र. कांग्रेस कमेटी के सहप्रभारी श्रीराम पारासर
उमाशंकर उपाध्याय के मुख्य आतिथ्य में जिले के मंडलम सेक्टर सी.एल.ए. की
सक्रियता को लेकर हुई बैठक को संबोधित करते हुए कमलकांत शर्मा ने कहा कि
पिछले चुनावो में भी हमें म.प्र. की जनता ने सरकार बनाने आर्शीवाद दिया था
किन्तु जयचंदो ने छलपूर्वक हमारी सरकार को गिरा दिया था..
विधायक अजय टंडन ने कहा कि भाजपा केन्द्रीय मंत्रीयो को विधायक का चुनाव लड़ना रही है भविष्य में ऐसा न हो कि विधायको को सरपंच का चुनाव लड़वाये। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रतनचंद जैन ने कहा कि आज भाजपा में मुख्यमंत्री पद के लिये जमकर लड़ाई है किन्तु मुख्यमंत्री पद का केवल एक चेहरा है। प्रदेश महामत्रीं मनु मिश्रा, प्रताप सिंह, सतीश जैन, तेजीराम रोहित, संजय चौरसिया, राजेश तिवारी, महेन्द्र प्रतापसिंह, कमलेश उपाध्याय, लालचंद राय, आदित्य सालोमन, शमीम कुरैशी मुरसलीन कुरैशी, वीरेन्द्र राजपूत, नितिन मिश्रा, गोलू सराफ, उबेदगौरी ने कहा कि म.प्र. मे जिला तरह का परिदृश्य चल रहा है उससे यह आमजन अच्छी तरह समझ चुके है शिवराज मामा की विदाई तय है बस चुनाव की रसम बाकी है। इस अवसर पर जिले के ब्लाको तेन्दूखेड़ा से रघुनाथ यादव, द्वारका सिंह हटा से, घनश्याम यादव, अखिलेश तिवारी, प्रदीप खटीक, चंदाबाई पटेरा से, हेमंत पटेल जबेरा से हरिराम ठाकुर पथरिया से पीरसुमन बढियागढ से राजकुमार लोधी, राजूपांडे, मदन सुमन विजय बहादुर सिंह, डी.पी. पटेल बंसत कुशवाहा, डब्बू चौबे सहित नगर के समस्त पार्षदो की उपस्थिति रही।
दमोह। बालिका दिवस पर सवा लाख मानस पाठ साकेत धाम में स्थानीय मातृ शक्तियों ने कुप्रथाओं का अंत करने के लिए संवित स्वरों से आवाज उठाई जिसमे कुप्रथाओं के अंत करने के लिय समाज में स्थापित व्यवस्थाओं को जो कुप्रथाओं के कारण जबरन थोपी जा रही है विषय पर मूल अवधारणा रखते हुए सरकार और उनके माध्यम से हो रही आवश्यकताओ की पूर्ति के लिय मांग रखी गई जिसमे बाल विवाह रोको आंदोलन का परंपरागत विरोध किया। श्रीमति प्रेमलता नीलम जी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि नारी को ही नारी के लिय कंधे से कंधा मिला कर साथ देना होगा पारिवारिक पटल पर हो रहे अन्याय को कुचलना होगा हमे एक जुट होकर वर्ष में एक दिन नही वरन प्रत्येक अवकाश के अवसर पर महिलाओं की चेतना के लिय दांपत्य प्रवाह की स्थापना कर इन कुरूतियो को दूर करने का प्रयास करना है।
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